सुप्रीम कोर्ट ने काफी हद तक सहारा समूह का पक्ष स्वीकार कर लिया है, जबकि उसके खिलाफ लड़ रहे पूंजी बाजार नियामक, सेबी और निवेशकों के समूह की शिकायत है कि अदालत ने उनका पक्ष सुना ही नहीं। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश अलतमस कबीर और जस्टिस एस एस निज्जर व जे चेलामेश्वर की बेंच ने फैसला सुनाया कि सहारा समूह की दो कंपनियों – सहारा इंडिया रीयल एस्टेट कॉरपोरेशन और सहारा हाउसिंग इनवेस्टमेंट कॉरपोरेशन,औरऔर भी

जिस तरह लोकतंत्र में हर शख्स को बराबर माना गया है, माना जाता है कि कानून व समाज की निगाह में हर कोई समान है, उसी तरह सुसंगत बाजार के लिए जरूरी है कि उसमें हर भागीदार बराबर की हैसियत से उतरे। यहां किसी का एकाधिकार नहीं चलता। इसलिए एकाधिकार के खिलाफ कायदे-कानून बने हुए हैं। लोकतंत्र और बाजार के बीच अभिन्न रिश्ता है। लेकिन अपने यहां लोकतंत्र और बाजार की क्या स्थिति है, हम अच्छी तरहऔरऔर भी

कभी सन्नामी अंतरराष्ट्रीय सलाहकार फर्म मैकेंजी के सरगना और गोल्डमैन सैक्श से लेकर प्रॉक्टर एंड गैम्बल व अमेरिकन एयरलाइंस जैसी बड़ी कंपनियों के निदेशक रह चुके अनिवासी भारतीय रजत गुप्ता की इज्जत का फालूदा बन चुका है। बुधवार को देर शाम अमेरिका की एक जिला अदालत ने उन्हें ‘धोखेबाज और बेईमान’ करार देते हुए दो साल की कैद और 50 लाख डॉलर जुर्माने की सज़ा सुना दी। फैसले के मुताबिक रजत गुप्ता की कैद 8 जनवरी 2013औरऔर भी

मित्रों! बड़े विनम्र अंदाज में आज से वापसी कर रहा हूं। कोई शोर-शराबा नहीं। कोई धूम-धड़ाका नहीं। दूसरों के कहे शेयरों को आंख मूंदकर आपको बताने की गलती अतीत में हमसे जरूर हुई है। सूर्यचक्र पावर इसका आदर्श नमूना है। लेकिन जहां भी औरों की सलाह को सोच-समझ कर पेश किया, वहां आपका फायदा ही हुआ है। जैसे, ठीक साल भर पहले हमने अपोलो हॉस्पिटल्स में निवेश की सलाह थी। तब वो शेयर 455.65 रुपए था औरऔरऔर भी

जिस सरकार को आमतौर पर कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक आम आदमी के मानवाधिकारों की खास फिक्र नहीं रहती, उसे विदेश में काला धन रखनेवाले खास भारतीयों के मानवाधिकारों के उल्लंघन की भारी चिंता सता रही है। सोमवार को वित्त मंत्रालय की तरफ से कालेधन पर संसद में पेश श्वेतपत्र में कहा गया है कि सरकार ने दुनिया के जिन देशों के साथ दोहरा कराधान बचाव करार (डीटीएए) या कर सूचना विनिमय करार (टीआईईए) कर रखे हैं,औरऔर भी

साल 2012 में जनवरी से लेकर मार्च तक भारतीय शेयर बाजार में धनात्मक रहा एफआईआई निवेश अप्रैल में पहली बार ऋणात्मक हो गया है। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के ताजा आंकड़ों के अनुसार अप्रैल में एफआईआई ने बाजार से 1657.19 करोड़ रुपए निकाले हैं, जबकि एफआईआई ने जनवरी में बाजार में शुद्ध रूप से 10,357.50 करोड़ रुपए, फरवरी में 25,212 करोड़ रुपए और मार्च में 8381.30 करोड़ रुपए डाले थे। इसमें प्राइमरी बाजार और ऋण प्रपत्रों का निवेशऔरऔर भी

पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी ने तय किया है कि वह शुक्रवार को सेकंडों के भीतर निफ्टी के 5353 से गिरकर 5000 तक पहुंच जाने की जांच करेगी। एनएसई भी सब कुछ ठीक होने के दावा करने के बावजूद शुरुआती जांच शुरू कर चुका है। इससे पहले दीवाली की मुहूर्त ट्रेडिंग पर बीएसई में भी यह करिश्मा हो चुका है। उससे पहले जून 2010 में रिलायंस का शेयर एक दिन 20 फीसदी का धक्का खा चुका है।औरऔर भी

शेयर बाजार में लिस्टेड निजी कंपनियों को जून 2013 और सरकारी कंपनियों को अगस्त 2013 में अपनी इक्विटी में न्यूनतम पब्लिक हिस्सेदारी 25 फीसदी तक ले आनी है। निजी क्षेत्र की ऐसी 181 कंपनियां हैं, जिन्हें इस शर्त को पूरा करने के लिए 27,000 करोड़ रुपए के शेयर बेचने होंगे। वहीं, ऐसी 16 सरकारी कंपनियों को 12,000 करोड़ रुपए के शेयर पब्लिक को जारी करने होंगे। पूंजी बाजार नियामक, सेबी ने इस बाबत केंद्रीय कैबिनेट सचिव अजितऔरऔर भी

कानपुर से संचालित होनेवाले मिदास टच इनवेस्टर एसोसिएशन को भी दिल्ली हाईकोर्ट ने सेबी के कंसेट ऑर्डर के खिलाफ दायर जनहित याचिका (पीआईएल) में पक्षकार बना लिया है। हाईकोर्ट ने मंगलवार को इस पर फैसला करने के बाद पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी को नोटिस जारी कर दिया है। मालूम हो कि सेबी की कंसेंट ऑर्डर व्यवस्था की संवैधानिक वैधता को चुनौती देते हुए पिछले साल अक्टूबर में दिल्ली हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है।औरऔर भी

दक्षिण भारत की बदनाम कंपनी पिरामिड साइमीरा को खत्म करने का सिलसिला आखिरी मुकाम पर पहुंचने लगा है। मद्रास हाईकोर्ट की तरफ से नियुक्त परिसमापक (लिक्विडेटर) ने 14 मई की तारीख मुकर्रर की है। तब तक कंपनी को कर्ज देनेवालों को अपने दावों का प्रमाण पेश कर देना होगा। उन्हें इस बाबत एक हलफनामा परिसमापक के पास जमा कराना होगा। चेन्नई में परिसमापक के कार्यालय की तरफ से कहा गया है कि वहां निर्धारित फॉर्मैट में ऋणऔरऔर भी