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अपनों से अपनी बात

आपसे समस्याओं का साझा ताकि अर्थकाम को और बेहतर बनाया जा सके

साल में 41-112%, मिले है सिर्फ यहां!

2014-10-03
By: अनिल रघुराज
On: October 3, 2014
In: अपनों से अपनी बात

भारतीय अर्थव्यवस्था बढ़ रही है और आगे भी बढ़ेगी। लेकिन कहा जा रहा है कि इसका लाभ आम आदमी को पूरा नहीं मिलता। अमीर-गरीब की खाईं बढ़ रही है। बाज़ार को आंख मूंदकर गालियां दी जा रही हैं। लेकिन बाज़ार सचेत लोगों के लिए आय और दौलत के सृजन ही नहीं, वितरण का काम भी करता है। हमने तथास्तु सेवा इसीलिए शुरू की है ताकि अर्थव्यवस्था, खासकर कंपनियों के बढ़ने का लाभ निपट गरीबी से ऊपर रहनेवालेऔरऔर भी

उस अगस्त से इस अगस्त, रिटर्न जबरदस्त

2014-08-31
By: अनिल रघुराज
On: August 31, 2014
In: अपनों से अपनी बात

हमारी लंबे निवेश की सेवा तथास्तु सेवा ने अगस्त 2013 से अगस्त 2014 तक जबरदस्त रिटर्न दिया है। चार में से तीन स्टॉक्स ने अपना लक्ष्य साल भर में पूरा कर लिया। इसमें से एक कंपनी का शेयर 317.8 प्रतिशत बढ़कर चार गुने से ज्यादा और दूसरे कंपनी का शेयर 128.4 प्रतिशत बढ़कर सवा दोगुने से ज्यादा हो गया है। बाकी दो कंपनियों के शेयर भी क्रमशः 50.71 प्रतिशत और 44.70 प्रतिशत बढ़े हैं। तारीख कंपनी तबऔरऔर भी

ठीक से भिड़ा नहीं हमारा-आपका टांका

2013-03-07
By: अनिल रघुराज
On: March 7, 2013
In: अपनों से अपनी बात

मुझे इस बात का कोई अफसोस नहीं कि मैंने यह मंज़िल क्यों चुनी। मलाल है तो बस इतना कि मंजिल तक पहुंचने का रास्ता अभी तक धुंधला है। ज्ञान पर पड़े भाषा के परदे को तार-तार नहीं, तो कम से कम हल्का क्यों नहीं कर सका। जी हां! जिस देश में कुछ लोग ज्यादातर लोगों के नादान होने पर मौज कर रहे हैं, वहां भाषा बहुत बड़े परदे का काम करती है। लोग जानकार हो गए तोऔरऔर भी

comeback

आ रहे हैं वापस ज्यादा सार्थक बनकर

2012-06-25
By: अनिल रघुराज
On: June 25, 2012
In: अपनों से अपनी बात

हम आ रहे हैं वापस कुछ दिनों के आराम के बाद कई नई चीजों को लेकर। सबसे पहले तो आपके लिए एक फोरम, आपका मंच होगा जहां आप बेझिझक हम-आप जैसे निवेशकों से, आम आदमी से बात कर सकते हैं। शिकायत कर सकते हैं, जवाब पा सकते हैं, सुझाव दे सकते हैं, जानकारी पा सकते हैं। आप लोगों में से अनगिनत मित्रों की मांग पर शेयर व निवेश संबंधी पेड सेवा शुरू करने जा रहे हैं। हरऔरऔर भी

फिलहाल विश्रांति, आगे मर्जी दाता की

2012-04-25
By: अनिल रघुराज
On: April 25, 2012
In: अपनों से अपनी बात

मुझे पता है कि मुठ्ठी भर लोगों को छोड़ दें तो इससे आप पर कोई फर्क नहीं प़ड़ता। आपके आगे रोने का भी कोई फायदा नहीं। आप मजे से तमाशा देखते रहेंगे। लेकिन मेरे लिए तो यह वजूद और निष्ठा का सवाल था। अब तो यही लगता है कि इतनी मशक्कत के बाद भी यहां से इतना नहीं मिलनेवाला जिससे अपना और अपने घर का गुजारा चल जाए तो अर्थकाम नाम के खटराम को क्यों चलाया जाए?औरऔर भी

new year 2012

थोड़ा थमकर सांस ले लूं तो चलूं

2011-12-25
By: अनिल रघुराज
On: December 25, 2011
In: अपनों से अपनी बात

छोटी-सी सूचना देनी थी। सामने होते तो इजाजत भी ले लेता। हफ्ते भर की छुट्टी लेनी है। सोमवार से इतवार तक। फिर सीधे नए साल में 2 जनवरी 2012 को हाजिर हूंगा। इस बीच गाहे-बगाहे कुछ न कुछ लिखता जरूर रहूंगा, लेकिन अनुशासन से मुक्त, छुट्टी की मानसिकता में एकदम बोझ-मुक्त होकर। हां, सुबह-सुबह ऋद्धि-सिद्धि के जरिए आपके मन की दुनिया में कंकड़ फेंकने का सिलसिला अनवरत जारी रहेगा क्योंकि वो तो दिमाग की धुकधुकी है जोऔरऔर भी

owl

झुके नहीं, रुके नहीं, बढ़ता रहे कारवां…

2011-10-18
By: अनिल रघुराज
On: October 18, 2011
In: अपनों से अपनी बात

काम ऐसे करो जैसे कि तुम्हें धन चाहिए ही नहीं। प्यार ऐसे करो जैसे कि तुम्हें कभी चोट ही नहीं लगती। और, नाचो ऐसे जैसे कि तुम्हें कोई देख ही नहीं रहा। जो लोग नियमित रूप से अर्थकाम पढ़ते होंगे, उन्होंने यह वाक्य जरूर पढ़ा होगा। अपुन इसी सोच के हैं। अर्थकाम की धुन लग गई तो बस यही बात छाई रही कि कैसे आपके लिए बेहतर से बेहतर सूचना, ज्ञान व जानकारी पेश कर दूं। लगाऔरऔर भी

सुन, मेरे बंधु रे! सुन मेरे मितवा!!

2011-09-05
By: अनिल रघुराज
On: September 5, 2011
In: अपनों से अपनी बात

एक-एक दिन। हफ्ता-दर-हफ्ता। हर हफ्ते में पांच दिन। हर शाम यही बेचैनी कि अगले दिन कैसे कोई ऐसा शेयर पेश कर दूं जो आपकी बचत को पंख लगा सके। कोशिश कि निवेश की हर सुरक्षित डगर ढूंढकर आप तक पहुंचा दूं। यह भी कि आर्थिक व वित्तीय जगत की सारी काम की खबरें आप तक अखबारों से बारह घंटे पहले पहुंचा दूं। दावा नहीं करता कि ऐसा कर ही डाला। लेकिन इतना दावा जरूर है कि पूरीऔरऔर भी

निवेश – तथास्तु

  • पार टैरिफ सन्निपात, निवेश का मूलाधार
    13 Jul 2025

    दुनिया एक बार फिर ट्रम्प द्वारा छेड़े गए टैरिफ युद्ध की दहशत में है। दक्षिण कोरिया व जापान पर 25%, ब्राज़ील पर 50%, मेक्सिको व यूरीपीय संघ पर 30% और यहां तक कि कनाडा पर 35% टैरिफ की धमकी। भारत-अमेरिका व्यापार संधि भी अनिश्चितता के घेरे में है। कुछ भी साफ नहीं। ट्रम्प ने भारत से कॉपर आयात पर 50% और दवाओं के आयात पर 200% तक टैरिफ लगाने की हुंकार भर रखी है। ऐसे में भले […]

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क्या आप जानते हैं?

  • हमारी आंखें बैक्टीरिया के जीन की देन!

    इंसान से लेकर हाथी, घोड़ा, गाय-बैल, सांप, छिपकली, मेढक, मगरमच्छ व चिड़ियों तक धरती पर जितने भी 69,963 किस्म के रीढ़वाले या कशेरुकी (vertebrates) जीव-जन्तु हैं, उन्होंने देखने की क्षमता वाली अपनी आंखें एक बैक्टीरिया के जीन से हासिल की है। यह सच अप्रैल 2023 में पीएनएएस (प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज) की …

अपनों से अपनी बात

  • साल में 41-112%, मिले है सिर्फ यहां!

    भारतीय अर्थव्यवस्था बढ़ रही है और आगे भी बढ़ेगी। लेकिन कहा जा रहा है कि इसका लाभ आम आदमी को पूरा नहीं मिलता। अमीर-गरीब की खाईं बढ़ रही है। बाज़ार को आंख मूंदकर गालियां दी जा रही हैं। लेकिन बाज़ार सचेत लोगों के लिए आय और दौलत के सृजन ही नहीं, वितरण का काम भी करता है। हमने तथास्तु सेवा इसीलिए शुरू की है ताकि अर्थव्यवस्था, खासकर कंपनियों के बढ़ने का लाभ निपट गरीबी से ऊपर रहनेवाले लोगों तक पहुंचाया जा सके। वे जिन्हें बैंक बहुत हुआ तो 9 प्रतिशत देता है, जबकि वास्तविक महंगाई की दर 10 प्रतिशत से ऊपर रहती है। वे भागकर जाते हैं सोने और रीयल एस्टेट में चले जाते हैं तो उनकी बचत लॉक हो जाती है। देश के काम नहीं आती। खुद उनके कितने काम आएगी, यह भी पक्का नहीं। जो पिछले साढ़े चार सालों से अर्थकाम से जुड़े हैं, वे हमारी ईमानदारी और सत्यनिष्ठा से भलीभांति वाकिफ हैं। शुरू में हम भी कच्चे थे तो बाज़ार के उस्तादों के जाल में फंस गए। गलतियां कीं। लेकिन जैसे ही समझ में आया, खटाक से उनसे किनारा कस लिया। करीब सवा साल पहले से नए सिरे से शुरू किया तो मजबूत आधार और गहन रिसर्च के साथ। उसी का नतीजा है कि हमारी सलाहें शानदार-जानदार रिटर्न दे रही हैं। पिछली बार हमने अगस्त 2013 से अगस्त 2014 तक का लेखाजोखा रखा था। अब सितंबर 2013 से सितंबर 2014 की बानगी पेश है। सितंबर 2013 में पांच रविवार थे तो पांच कंपनियां। आप नीचे की सारिणी से देख सकते हैं कि पांच में चार ने अपना (तीन से पांच साल का) लक्ष्य साल भर में ही पूरा कर लिया है, जबकि एक कंपनी 84.57 प्रतिशत रिटर्न के साथ लक्ष्य से ज़रा-सा पीछे है। तारीख कंपनी तब का भाव समय लक्ष्य 30/09/14 का भाव रिटर्न (%) 01/09/13 डॉ. रेड्डीज़ लैब 2292.90 3 साल 2815 3229.60 40.85 08/09/13 एचडीएफसी बैंक 616.20 3 साल 850 872.65 41.62 15/09/13 अतुल ऑटो 173.65 5 साल 260 367.90 111.86 22/09/13 कमिन्स इंडिया 409.25 3 साल 474 671.05 63.97 29/09/13 नवनीत एजुकेशन 53.15 3 साल 110 98.10 84.57   यहां यह भी गौर करने की बात है कि हम आमतौर पर हर महीने लार्जकैप, मिडकैप और स्मॉल कैप का संतुलन बनाकर चलते हैं। यह भी बताते हैं कि कहां पर एंट्री करें और आपके पास कुल एक लाख रुपए हों तो उस हफ्ते की कंपनी में कितना लगाना चाहिए, उसके कितने शेयर खरीदने चाहिए। मसलन, सितंबर 2013 में हमने तीन लार्जकैप, एक मिडकैप और एक स्मॉल कैप कंपनी आपके निवेश के लिए पेश की थी। इसमें से लार्ज कैप कंपनियों में डॉ. रेड्डीज़ लैब का शेयर लक्ष्य हासिल कर चुका है और यही नहीं, 24 सितंबर 2014 को 3356.60 रुपए पर 52 हफ्ते का शिखर पकड़ चुका है। एचडीएफसी बैंक भी लक्ष्य हासिल करने के साथ ही 30 सितंबर 2014 को 879.80 रुपए का शिखर हासिल कर चुका है। कमिन्स इंडिया भी लक्ष्य हासिल कर लेने के साथ 4 सितंबर 2014 को 720 रुपए पर 52 हफ्ते का शीर्ष छू चुका है। स्मॉल कैप की श्रेणी वाला स्टॉक अतुल ऑटो साल भर में 111.86 प्रतिशत का रिटर्न देकर लक्ष्य के काफी आगे निकल चुका है। यही नहीं, 12 सितंबर 2014 को वो 446.90 रुपए का शिखर भी चूम चुका है। बाकी बची मिडकैप कंपनी नवनीत एजुकेशन में तीन साल का लक्ष्य 110 रुपए था। उसका शेयर 10 सितंबर 2014 को 104.90 रुपए तक जाने के बाद 30 सितंबर को 2014 को 98.10 रुपए पर था, जो साल का 84.97 रिटर्न दिखाता है। आप ऊपर की सारिणी से देख सकते हैं कि 1 सितंबर 2013 से 30 सितंबर 2014 तक की अवधि में तथास्तु में बताई पांच कंपनियों ने न्यूनतम 40.85 प्रतिशत और अधिकतम 111.86 प्रतिशत रिटर्न दिया है। इसी दौरान एनएसई निफ्टी ने 5550.75 से 7964.80 तक जाकर 43.49 प्रतिशत और बीएसई सेंसेक्स ने 18,886.13 से 26,567.99 तक पहुंचकर 40.67 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। दोस्तों! पुरानी बात फिर दोहरा रहा हूं कि मात्र 200 रुपए में अगर कोई सवा आपको बाज़ार से ज्यादा रिटर्न दिला रही है, वो भी आपको आपकी भाषा में अच्छी तरह कंपनी की जानकारी देकर तो क्या इस सेवा को आपका और आपको इस सेवा का लाभ नहीं मिलना चाहिए। बढ़ रही अर्थव्यवस्था का लाभ उठाइए। यकीन मानिए कि मोदी की सरकार बस एक निमित्त मात्र है। वो रहे या कोई और आए, अगले दस साल भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए जबरदस्त प्रगति के साल होने जा रहे हैं। इस दौरान एक साल में दोगुना ही नहीं, दस साल में अपनी बचत से दस गुना दौलत बनाने के मौके बहुत सारे आएंगे। दूसरे आपको बस उल्लू बनाएंगे। केवल हम ही हैं जो पूरी ईमानदारी और सत्यनिष्ठा से आपके लिए निवेश के हर रविवार को शानदार मौके लेकर आते रहेंगे। तुलसीदास की चौपाई याद कीजिए – सकल पदारथ है जन मांही, कर्महीन नर पावत नाहीं। आपके हिस्से का कुछ कर्म हम कर दे रहे हैं। बाकी तो आपको ही करना पड़ेगा। इसलिए…. सोचिए। समझिए। फैसला कीजिए। तथास्तु!!!

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  • गरीबों के लिए ज्यादा चमके सोना-चांदी!
    18 Jul 2025

    मध्यवर्ग खर्च चलाने के लिए बैंकों व एनबीएफसी से ऋण लिये जा रहा है। कॉरपोरेट क्षेत्र पूजी निवेश के बजाय कैश बचा रहा है और बैंकों से ऋण लेने से कतरा रहा है। लेकिन देश के उन 81.35 करोड़ गरीबों का क्या जो हर महीने सरकार से मिल रहे पांच किलो मुफ्त राशन पर निर्भर हैं? यह आश्चर्यजनक, किंतु सच है कि भारत के गरीब अमीरों की बनिस्बत ज्यादा धन सोने में लगाकर रखते हैं। सरकार के […]

जानिए

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