फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस ट्रेडिंग: पतंगा जल, जल, जल मर जाए!
अडाणी: सिर मुडाते ही कैसे और क्यों पड़े ओले?
कौन काटता चांदी, किनका होता डब्बा गोल!
किसान को न्यूनतम भी मयस्सर नहीं, बाकी लेते अधिकतम!
दम तोड़ चुका है जनसंख्या विस्फोट का सिद्धांत
कर्म को दें धार, समृद्धि बरसेगी अपार
समझें धन का चक्र, न बनें घनचक्कर
तथास्तु! ताकि, फले-फूले आपका धन
मर्म जानो, धर्म तो समझो बाज़ार का
बीवी का हार नहीं, जिम्मेदारी का जिम्मा है बीमा
पाठशाला
अच्छा लाभ मिला निफ्टी ऑप्शंस में
जून महीने के डेरिवेटिव सौदों में निफ्टी ऑप्शन का शुक्रवार से गुरुवार तक का पहला चक्र कल पूरा हो गया। इस दौरान निफ्टी 4.68% बढ़ा है। 29 मई को निफ्टी 9580.30 पर बंद हुआ था, जबकि कल 4 जून को उसका बंद स्तर 10,029.10 का रहा है। आइए, देखते हैं कि हमने शुक्रवार के भावों के आधार पर निफ्टी ऑप्शंस में ट्रेडिंग के जो चार तरीके अपनाए थे, उनका अंततः क्या हश्र हुआ है। बटरफ्लाई स्प्रेड: बटरफ्लाई स्प्रेड रणनीति कम वोलैटिलिटी होने पर ज्यादा कारगर होती है। फिर भी हमने ज्यादा वोलैटिलिटी की स्थिति होने के बावजूद इस पर अमल किया। इसके अंतर्गत हमने उस दिन निफ्टी के बंद भाव के सबसे नजदीकी स्तर 9600
मुठ्ठी भर मंत्र
अमृतकाल है या विश्वास का संकटकाल
दुनिया पर भले ही नई आर्थिक मंदी का संकट मंडरा रहा हो। लेकिन हमारा देश इंडिया यानी भारत इस वक्त भयंकर ही नहीं, भयावह विश्वास के संकट के दौर से गुजर रहा है। प्रधानमंत्री झूठ बोलते हैं। समूची सरकार और उसमें बैठी पार्टी के आला नेता झूठ बोलते हैं। सरकार का हर मंत्री झूठ बोलता है। छोटे-बड़े अफसर भी बेधड़क झूठ बोलते हैं। हालत उस कविता जैसी हो गई है कि राजा बोला रात है, रानी बोली रात है, मंत्री बोला रात है, संतरी बोला रात है – यह सुबह-सुबह की बात है। अब तो सरकार की आलोचना करनेवाले अर्थशास्त्री तक झूठ गढ़ने लगे हैं। फिर सच सामने आएगा कैसे? और सच नहीं होगा तो