खबर की धार पर अफवाहों की मार

पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी ने तय किया है कि वह शुक्रवार को सेकंडों के भीतर निफ्टी के 5353 से गिरकर 5000 तक पहुंच जाने की जांच करेगी। एनएसई भी सब कुछ ठीक होने के दावा करने के बावजूद शुरुआती जांच शुरू कर चुका है। इससे पहले दीवाली की मुहूर्त ट्रेडिंग पर बीएसई में भी यह करिश्मा हो चुका है। उससे पहले जून 2010 में रिलायंस का शेयर एक दिन 20 फीसदी का धक्का खा चुका है।

फिलहाल सारा दोष किसी बड़े विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) के अल्गोरिदम ट्रेड पर डाला जा रहा है। इसको सिस्टम को दुरुस्त करके टेक्नोलॉजी के स्तर पर उन्नत तक देर-सबेर ठीक किया जा सकता है। लेकिन अफवाहों का तंत्र बाजार को जैसे नचाता जाता है, उसे कैसे रोका जाएगा? ऑपरेटर अपने स्वार्थों को पूरा करने के लिए जैसी उठापटक करते हैं, उस पर कैसे रोकथाम लगाई जाएगी?

जैसे, धनलक्ष्मी बैंक के शेयर को अप्रैल महीने के डेरिविटिव सेटलमेंट में 59 रुपए से उठाकर 79 रुपए तक ले जाया गया। अब इसे गिराकर 63 रुपए तक ले आ चुका है और अगले तीन दिनों में, सेटलमेंट के आखिरी दिन 26 अप्रैल तक इसे और गिराकर नीचे ले आया जाएगा। ट्रेडरों को हर महीने ऐसे ही सौदों में चकरघिन्नी बनाया जाता है।

अफवाहों की हालत है कि सुबह-सुबह बाजार खुलने के आधे घंटे के भीतर चर्चा चला दी गई है कि मारुति सुजुकी ऑटो एंसिलियरी कंपनी जय भारत मारुति का अधिग्रहण करने जा रही है। प्रवर्तक अपने शेयर मारुति को 150 से लेकर 200 रुपए पर बेच सकते हैं। कहा गया है कि पक्की खबर है और दोनों कंपनियों की तरफ से आधिकारिक घोषणा शाम तक हो जाएगी। फिर क्या था। जय भारत मारुति के शेयर खटाक से 7.95 फीसदी बढ़कर 69.85 रुपए से 75.20 रुपए तक पहुंच गए। हालांकि बाद में सारी बढ़त 70.80 रुपए पर आ गई।

सवाल उठता है कि क्या मारुति का प्रबंधन इतना अंधा है कि वो प्रवर्तकों को बाजार से दोगुना भाव दे सकता है। लेकिन अफवाहें बड़े मजे से हमारे बाजार में चलती ही नहीं, दौड़ जाती हैं। खबरों की बात समझ में आती है। जैसे, इनफोसिस के बारे में खबर आ गई कि स्टाफ को रखने के दस्तावेजों को लेकर अमेरिकी प्रशासन उसकी जांच कर रहा है तो उसके शेयर का धक्का लगना स्वाभाविक था। इनफोसिस आज 3.92 फीसदी गिरकर 2311.95 रुपए पर पहुंच गया। लेकिन हवाबाजी के दम पर शेयरों के भाव से खेलना बाजार के स्वस्थ विकास के लिए अच्छा नही है।

जयप्रकाश पावर वेंचर्स के बारे में ‘खबर’ उड़ाई गई कि कुछ एचएनआई इसे बटोर रहे हैं क्योंकि इसमें कुछ सकारात्मक खबर आनेवाली है। यह सिलसिला आज से नहीं, पिछले महीने से चल रहा है। इसलिए उस पर आज इस खबर का असर नहीं हुआ। जिन्हें खरीदना है, वे इसे पहले खरीद चुके हैं। अब उन्हें निकालना है तो सुबह हल्का-सा चढ़ाकर 42.50 रुपए पर ले जाने के बाद वे बेचने लगे और यह शेयर 4.64 फीसदी घटकर 40.10 रुपए पर पहुंच गया। इसी तरह अल्सथम प्रोजेक्ट्स में भी हवा भरने की कोशिश की गई। लेकिन वो भी थोड़ा-सा गिरकर 389.20 पर बंद हुआ है। बाजार को आज टीसीएस के नतीजों का इंतजार रहा।

कुल मिलाकर बाजार की बात करें तो सेंसेक्स 1.60 फीसदी और निफ्टी 1.71 फीसदी गिरा है। सब कुछ वही है, पुराने जैसा। लेकिन बाजार गिर रहा है। बताते हैं कि लिक्विडिटी निकल रही है। एफआईआई भाग रहे हैं। कहीं, यह बाजार पर हावी डेरिवेटिव सौदों का असर तो नहीं? तब तो गुरुवार तक मामला यूं ही लस्त-पस्त रहेगा। अगले कुछ दिन संकट के हैं। जानकार कहते हैं कि निफ्टी कल 5185 का स्तर तोड़ सकता है।

हर ऊंच-नीच को कोई न कोई सबक देकर जाती है। अगर ऐसा हर सबक हम याद रखते रहें तो हार को जीत में बदलने का हुनर निखरता जाता है।

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