वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने पेट्रोलियम उत्पादों के दाम में की गई वृद्धि को वापस लेने की संभावना से इनकार कर दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि कच्चे तेल व पेट्रोलियम उत्पादों पर कस्टम व एक्साइज शुल्क में कटौती से सरकार के राजकोषीय घाटे पर कोई असर नहीं होगा। यह पूछे जाने पर कि डीजल, घरेलू गैस व केरोसिन की कीमतों में वृद्धि में कुछ कमी की जाएगी, मुखर्जी ने समाचार एजेंसी प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडियाऔरऔर भी

आखिरकार तेल की धार बह निकली। शुक्रवार को बाजार बंद होने के कई घंटे बाद केंद्र सरकार ने हिम्मत करके डीजल के दाम 3 रुपए प्रति लीटर, केरोसिन के दाम 2 रुपए प्रति लीटर और रसोई गैस का दाम 50 रुपए प्रति सिलेंडर बढ़ा दिया। साथ ही उसने कच्चे तेल पर कस्टम ड्यूटी एकदम हटा दी, पेट्रोलियम पदार्थों पर कस्टम ड्यूटी घटा दी और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी काफी कम कर दी। केंद्र सरकार को इससे 49,000औरऔर भी

पेट्रोलियम मंत्री एस जयपाल रेड्डी ने कुर्सी का धर्म निभाते हुए पेट्रोलियम तेल की मार्केटिंग में लगी सरकारी कंपनियों की शिकायत ऊपर तक पहुंचा दी है। उन्होंने मंगलवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मिलकर डीजल व रसोईं गैस के दाम बढ़ाने का फैसला जल्द करने की मांग की। ये दोनों उत्पाद राजनीतिक व आर्थिक दृष्टि से संवेदनशील माने जाते हैं। रेड्डी ने पिछले हफ्ते इसी मामले में वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी से भी मुलाकात की थी। गौरतलबऔरऔर भी

पेट्रोल के दाम बढाने के बाद सरकार अब अगले महीने डीजल, रसोई गैस और मिट्टी तेल के दाम में भी संशोधन का फैसला कर सकती है। इस बारे में निर्णय लेने के लिए वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी की अध्यक्षता में गठित मंत्रियों के अधिकार-प्राप्त समूह की बैठक अगले महीने की नौ तारीख को होगी। पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय के एक उच्च अधिकारी ने गुरुवार को दिल्ली में कहा ‘‘प्राधिकृत मंत्री समूह की बैठक 9 जून कोऔरऔर भी

पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव संपन्न होते ही तेल कंपनियों ने शनिवार की मध्य-रात्रि से पेट्रोल के दाम पांच रुपए लीटर बढ़ा दिए हैं। यह एक ही झटके में होने वाली अब तक की सबसे ज्यादा मूल्य वृद्धि है। पिछले साल जून में सरकारी शिकंजे से मुक्त होने के बावजूद तेल कंपनियों ने इस साल जनवरी के बाद से पेट्रोल के दाम नहीं बढ़ाए थे। हालांकि, इस दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम पिछले ढाईऔरऔर भी

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उछाल के बाद सरकार घरलू बाजार में डीजल के दाम अब और ज्यादा समय तक थामे रखने को तैयार नहीं दिख रही और इसमें फिलहाल तीन रुपए प्रति लीटर की बढोतरी की योजना बना रही है। नए दाम की घोषणा पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की मौजूदा प्रक्रिया पूरी होने के साथ की जा सकती है। केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दिल्ली में संवाददाताओं से  अनौपचारिक बातचीतऔरऔर भी

भुवनेश्वर के रहने वाले एक व्यक्ति ने सिलिंडर से गैस रिसाव के बारे में पता लगाने के लिए एक उपकरण तैयार किया है। सुरक्षा नामक इस उपकरण को गौतम कुमार ने तैयार किया है जिससे गैस के मामूली रिसाव का पता लगाया जा सकता है और यह उपकरण अधिकतम पांच लोगों को इसके बारे में एसएमएस के जरिए सूचना देने में सक्षम है। यह संदेश अलार्म के साथ सुनाई देगा। इस उपकरण को तैयार करने के लिएऔरऔर भी

केंद्र सरकार ने कहा है कि डीजल की कीमतों को नियंत्रण-मुक्त करने का फिलहाल उसका कोई इरादा नहीं है। सरकार के इस बयान से ट्रांसपोर्टरों के साथ डीजल का इस्तेमाल करने वाले अन्य वर्ग के लोगों को राहत मिली है। वित्त सचिव अशोक चावला ने एक प्रमुख टेलिविजन चैनल पर एक परिचर्चा के दौरान कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि डीजल की कीमतों को नियंत्रण-मुक्त किए जाने का यह सही समय है और न ही यह उचित होगा।’’औरऔर भी

सरकार ने रसोई गैस सिलेंडर और मिट्टी तेल की मूल्य वृद्धि को वापस लेने से इनकार करते हुए कहा है कि इनमें की गई मूल्य वृद्धि बहुत अधिक नहीं है और इसका आम आदमी पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री मुरली देवरा से मंगलवार को जब संवाददाताओं ने मूल्य वृद्धि वापस लिए जाने पर सवाल पूछा तो उन्होंने पलटकर कहा, ‘‘हम क्या वापस लें। हमने मिट्टी तेल में मात्र तीन रुपए लीटर कीऔरऔर भी

सरकार ने आज बड़ा फैसला लेते हुए पेट्रोल की कीमतों से नियंत्रण पूरी तरह हटा लिया। अब पेट्रोल पर सरकार की तरफ से कोई सब्सिडी नहीं दी जाएगी और इसका मूल्य बाजार के हिसाब से तय होगा। लेकिन डीजल पर अभी सरकार थोड़ा नियंत्रण बरकरार रखेगी, जबकि रसोई गैस और केरोसिन के मूल्य अब भी पूरी तरह उसके नियंत्रण में रहेंगे। मंत्रियों के साधिकार समूह (एम्पावर्ड ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स – ईजीओएम) ने शुक्रवार को अपनी बैठक मेंऔरऔर भी