पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव संपन्न होते ही तेल कंपनियों ने शनिवार की मध्य-रात्रि से पेट्रोल के दाम पांच रुपए लीटर बढ़ा दिए हैं। यह एक ही झटके में होने वाली अब तक की सबसे ज्यादा मूल्य वृद्धि है। पिछले साल जून में सरकारी शिकंजे से मुक्त होने के बावजूद तेल कंपनियों ने इस साल जनवरी के बाद से पेट्रोल के दाम नहीं बढ़ाए थे। हालांकि, इस दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम पिछले ढाई साल के उच्च स्तर पर पहुंच गए।
सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम ने शनिवार मध्यरात्रि से पेट्रोल के दाम 4.99 रुपए से लेकर 5.01 रुपए प्रति लीटर बढ़ा दिए। दिल्ली में अभी तक इंडियन ऑयल के पंपों पर पेट्रोल का दाम 58.37 रुपए लीटर था जो अब बढ़ा कर 63.37 रुपए प्रति लीटर कर दिया गया है। भारत पेट्रोलियम के आउटलेट पर दाम 58 रुपए था, जो अब 63.10 रुपए हो गया है।
सरकार ने पिछले साल जून में ही पेट्रोल कीमतों को खुला छोड़ दिया था, लेकिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों को देखते हुए सरकार की तरफ से अनौपचारिक निर्देश के चलते जनवरी से तेल कंपनियों ने इसके दाम नहीं बढाए।
अंतराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम जिस तेजी से बढ़े हैं, उसके हिसाब से खुदरा बाजार में पेट्रोल के दाम 9.50 से 10 रुपए लीटर तक बढ़ जाने चाहिए। लेकिन फिलहाल तेल कंपनियों ने इसके आधे पर ही मूल्य वृद्धि करने का फैसला किया है।
तेल कंपनियों का कहना है कि उन्हें ताजा मूल्य वृद्धि के बाद भी पेट्रोल पर करीब 5.50 रुपए प्रति लीटर का नुकसान हो रहा है। इसलिए कुछ दिनों बाद फिर दाम बढ़ाए जा सकते हैं। यह भी कहा जा रहा है कि सरकार अगले दो हफ्तों के भीतर डीजल के दाम में 4 रुपए प्रति लीटर और रसोई गैस में 20-25 रुपए प्रति सिलेंडर की मूल्य वृद्धि कर सकती है।