मरने की कगार पहुंच गए इंटरेस्ट रेट फ्यूचर्स (आईआरएफ) या ब्याज दर वायदा कारोबार में सरकार ने एक बार फिर जान डालने की कोशिश की है। रिजर्व बैंक और सेबी से सर्कुलर जारी कर 91 दिनों के ट्रेजरी बिलों में आईआरएफ सौदों की इजाजत दे दी है। हालांकि इसका सैद्धांतिक फैसला रिजर्व बैंक ने 21 अप्रैल को पेश चालू वित्त वर्ष 2010-11 की मौद्रिक नीति में ही कर लिया था। सोमवार को देर शाम जारी सर्कुलर मेंऔरऔर भी

सरकार नए वित्त वर्ष 2011-12 से 15 लाख रुपए तक के होम लोन पर ब्याज में एक फीसदी की सब्सिडी देगी, बशर्ते मकान की कीमत 25 लाख रुपए से कम हो। अभी तक सरकार की तरफ से 20 लाख रुपए तक के मकान पर 10 लाख रुपए के होम लोन पर एक फीसदी ब्याज सब्सिडी दी जाती है। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने संसद में बजट भाषण में कहा कि वे आवास ऋण पर एक फीसदी ब्याजऔरऔर भी

रिजर्व बैंक ने छोटे सिक्कों का डिपो चलानेवाले देश के 45 बैंकों को निर्देश दिया है कि वे अपनी शाखाओं में 25 पैसे या इससे कम मूल्य के सिक्कों को बदलने का इंतजाम करें। इसके अलावा लोग रिजर्व बैंक के सभी दफ्तरों में भी इन सिक्कों को देकर बड़े सिक्के या रुपए ले सकते हैं। यह सुविधा 30 जून 2011 की शाम को बंद कर दी जाएगी। यानी, एक जुलाई 2011 से देश में चवन्नी का चलनाऔरऔर भी

बैंकों के प्रमुखों का कहना है कि रिजर्व बैंक ने मुद्रास्फीति पर शिकंजा कसने के लिए अल्पकालिक दरों में जो 0.25 फीसदी की वृद्धि की है, उससे होम, ऑटो और कंपनी ऋण पर ब्याज दरों में तत्काल वृद्धि नहीं होगी। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के कार्यकारी निदेशक एस सी कालिया ने कहा कि नीतिगत दर में वृद्धि ब्याज दरों में इजाफे का संकेत है लेकिन बैंक जल्दबाजी में दरों में कोई वृद्धि नहीं करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘ब्याजऔरऔर भी

अर्थशास्त्रियों और विश्लेषकों का अनुमान है कि रिजर्व बैंक 25 जनवरी को मौद्रिक नीति की तीसरी त्रैमासिक समीक्षा में ब्याज दरें 0.25 फीसदी बढ़ा देगा। रेपो दर को 6.25 फीसदी के मौजूदा स्तर से बढ़ाकर 6.5 फीसदी और रिवर्स रेपो दर को 5.25 फीसदी के मौजूदा स्तर से बढ़ाकर 5.5 फीसदी कर दिया जाएगा। इस कदम का मकसद मुद्रास्फीति की बढ़ती दरों पर लगाम लगाना होगा। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के एक मत-संग्रह के मुताबिक आर्थिक विश्लेषक मानतेऔरऔर भी

देश के बैंक इस समय एसेट-लायबिलिटी में जबरदस्त मिसमैच या असंतुलन का सामना कर रहे हैं। 19 नवंबर से 17 दिसंबर तक के दो पखवाड़ों में उनकी जमाराशि में 49,817 करोड़ रुपए की कमी आई है, जबकि इसी दौरान उनके द्वारा दिए गए ऋण 81,806 करोड़ रुपए बढ़ गए हैं। इस अंतर को पूरा करने के लिए बैंक लगातार रिजर्व बैंक की चलनिधि समायोजना सुविधा (एलएएफ) का इस्तेमाल कर रहे हैं और हर दिन सवा लाख करोड़औरऔर भी

रिजर्व बैंक ने तीसरी तिमाही के बीच में मौद्रिक नीति की समीक्षा करते वक्त तरलता के संकट को स्वीकार किया है और इसे दूर करने के लिए उसने 18 दिसंबर से वैधानिक तरलता अनुपात (एसएलआर) को 25 फीसदी के मौजूदा स्तर से घटाकर 24 फीसदी कर दिया है। साथ ही उसने तय किया है कि अगले एक महीने में वह खुले बाजार ऑपरेशन (ओएमओ) के तहत नीलामी से 48,000 करोड़ रुपए के सरकारी बांड खरीदेगा। उसने सीआरआरऔरऔर भी

अक्टूबर-दिसंबर 2010 की तिमाही में एडवांस टैक्स देने के मामले में इस बार बैंकों ने बाजी मार ली है। एलआईसी व दूसरी वित्तीय संस्थाओं ने भी इस बार पिछले साल की तुलना में ज्यादा एडवांस टैक्स भरा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार देश के सबसे बड़े बैंक, भारतीय स्टेट बैंक ने इस तिमाही में 1850 करोड़ रुपए का एडवांस टैक्स भरा है जबकि पिछले साल की इसी तिमाही में उसने 1795 करोड़ रुपए जमा कराएऔरऔर भी

1 जनवरी 2011 से कोई भी नेता या अफसर म्यूचुअल फंड में निवेश करते वक्त अपनी पहचान नहीं छिपा सकता। उसे साफ-साफ बताना होगा कि वह एमपी, एमएलए या एमएलसी है कि नहीं। और, यह भी कि वह अगर नौकरशाह है तो सरकार के किस विभाग में काम करता है। यहां तक कि देश के वर्तमान व पुराने प्रधानमंत्री और राज्यों के वर्तमान व पूर्व मुख्यमंत्रियों या राज्यपालों तक को म्यूचुअल फंड में निवेश करते वक्त अपनेऔरऔर भी

तब आईबी की कोई रिपोर्ट नहीं आई थी, न ही किसी घोटाले में उसका नाम आया था। लेकिन रामसरूप इंडस्ट्रीज का शेयर एक महीने के भीतर 115 रुपए से गिरकर 65 रुपए पर आ गया। इसी हफ्ते मंगलवार 7 दिसंबर को खबर आई कि कंपनी 1800 करोड़ रुपए के ऋणों की रीस्ट्रक्चरिंग कर रही है। अचानक उसमें 10.33 लाख शेयरों के सौदे हो गए। लेकिन शेयर गिरकर 27.20 रुपए पर बंद हुआ। कल 9 दिसंबर को जबऔरऔर भी