एडवांस टैक्स में बैंक आगे, बीएसई में मंदा

अक्टूबर-दिसंबर 2010 की तिमाही में एडवांस टैक्स देने के मामले में इस बार बैंकों ने बाजी मार ली है। एलआईसी व दूसरी वित्तीय संस्थाओं ने भी इस बार पिछले साल की तुलना में ज्यादा एडवांस टैक्स भरा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार देश के सबसे बड़े बैंक, भारतीय स्टेट बैंक ने इस तिमाही में 1850 करोड़ रुपए का एडवांस टैक्स भरा है जबकि पिछले साल की इसी तिमाही में उसने 1795 करोड़ रुपए जमा कराए थे। इसी तरह हाउसिंग फाइनेंस की सबसे बड़ी कंपनी एचडीएफसी ने 320 करोड़ रुपए की तुलना में 400 करोड़ रुपए का अग्रिम कर दिया है। नोट करने की बात यह है कि इस बार बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) की अग्रिम कर अदायगी 20 करोड़ से घटकर 10 करोड़ रुपए रह गई है। इससे पता चलता है कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के आगे उसका धंधा इस साल और कमजोर हो गया है।

एफएमसीजी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर ने 175 करोड़ रुपए की तुलना में इस बार 220 करोड़ रुपए का टैक्स जमा कराया है। दूसरी तरफ इस अवधि में पेट्रोलियम कंपनियों का अग्रिम कर घटा है। हिंदुस्तान पेट्रोलियम ने 48 करोड़ की तुलना में 29 करोड़, इंडियन ऑयल ने 300 करोड़ की तुलना में 100 करोड़ टैक्स भरा है। इस बार ओएनजीसी ने 2742 करोड़ रुपए का टैक्स दिया है, जबकि भारत पेट्रोलियम ने कुछ नहीं भरा है। अन्य कंपनियों में जी नेटवर्क ने 37.50 करोड़ रुपए की तुलना में 30 करोड़ रुपए और क्लैरिएंट ने 19 करोड़ की तुलना में 18 करोड़ का अग्रिम कर भरा है।

चालू वित्त वर्ष 2010-11 की तीसरी तिमाही के लिए बैंक ऑफ बड़ौदा ने 330 करोड़ रुपए की तुलना में 435 करोड़ रुपए, एचडीएफसी बैंक ने 400 करोड़ रुपए की तुलना में 750 करोड़ रुपए, आईसीआईसीआई बैंक ने 301 करोड़ रुपए की तुलना में 450 करोड़ रुपए, देना बैंक ने 65 करोड़ रुपए की तुलना में 75 करोड़ रुपए, सिटी बैंक ने 230 करोड़ की तुलना में 200 करोड़ रुपए, पंजाब नेशनल बैंक ने 618 करोड़ रुपए की तुलना में 640 करोड़ रुपए, बैंक ऑफ इंडिया ने 102 करोड़ रुपए की तुलना में 150 करोड़ रुपए और सेंट्रल बैंक ने 163 करोड़ रुपए की तुलना में 179 करोड़ रुपए का अग्रिम कर भरा है।

इस बार एलआईसी ने 980 करोड़ रुपए की तुलना में 1070 करोड़ रुपए, रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 830 करोड़ रुपए की तुलना में 1100 करोड़ रुपए, टीसीएस ने 177 करोड़ रुपए की तुलना में 230 करोड़ रुपए, बजाज ऑटो ने 310 करोड़ की तुलना में 370 रुपए और बेनेट कोलमैन ने 65 करोड़ की तुलना में 165 करोड़ रुपए भरा है। एफएमसीजी क्षेत्र की कंपनी मैरिको ने 21 करोड़ रुपए अग्रिम कर भरा है जो पिछले साल इसी अवधि में 18 करोड़ रुपए था। बजाज इलेक्ट्रिकल्स ने 17 करोड़ की तुलना में 21 करोड़ रुपए और टाटा स्टील ने 650 करोड़ रुपए की तुलना में 1000 करोड़ रुपए का टैक्स भरा है।

अन्य बड़ी कंपनियों में महिंद्रा एंड महिंद्रा ने 195 करोड़ रुपए की तुलना में 236 करोड़ रुपए, स्टैंडर्ड चार्टर्ड ने 480 करोड़ रुपए की तुलना में 325 करोड़ रुपए, टाटा मोटर्स ने 100 करोड़ की तुलना में 220 करोड़ रुपए, टाटा संस ने 20 करोड़ की तुलना में 40 करोड़ रुपए और टाटा पावर ने 81 करोड़ की तुलना में 58 करोड़ रुपए का अग्रिम कर भरा है। इसी तरह अल्ट्राटेक ने 90 करोड़ की जगह 165 करोड़ रुपए, जीएसके फार्मा ने 85 करोड़ की बजाय 90 करोड़, डॉयचे बैंक ने 160 करोड़ की जगह 170 करोड़ रुपए व एलआईसी हाउसिंग ने 56 करोड़ की जगह 70 करोड़ रुपए का अग्रिम कर भुगतान किया है।

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