तीन साल से भाग रहे हैं विदेशी निवेशक
सेवाओं का निर्यात ठंडा पड़ता गया। वैसे यह भी एक मिथ है कि भारत सेवाओं के निर्यात में तोप-तमंचा है। विश्व बैंक की रैंकिंग में प्रति व्यक्ति सेवा निर्यात में भारत 114 देशों में 89वें नंबर पर है और मलयेशिया, तुर्किए व थाईलैंड जैसे देशों से भी नीचे हैं। खैर, सेवाओं का निर्यात ठंडा पड़ने से देश में डॉलर का आना थम गया, जबकि निकलने की रफ्तार बढ़ गई तो रुपया कमज़ोर होता चला गया। विदेशी पोर्टफोलियोऔरऔर भी