भारत ने अमेरिका के आव्रजन नियमों के खिलाफ विश्व व्यापार संगठन (डबल्यूटीओ) में शिकायत दर्ज कराई है। उसका कहना है कि अमेरिका ने अपने यहां काम करने के वीज़ा की लागत जिस कदर बढ़ाई है, वह बहुत ज्यादा और सरासर गलत है। यह भारतीय आईटी कंपनियों के साथ किया जा रहा भेदभाव है। डब्ल्यूटीओ में भारत की यह शिकायत अभी दो पक्षों के बीच ‘विचार-विमर्श’ के स्तर पर है। यह वो स्तर है जहां पर इसे नऔरऔर भी

भारत में मुद्रास्फीति की दर घटकर 7 फीसदी पर आती है। वहीं चीन में मुद्रास्फीति बढ़ने के बावजूद मार्च में 3.6 फीसदी रही है। वह भी भारत में जहां थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति चलन में है, वहीं चीन में मुद्रास्फीति का पैमाना उपभोक्ता मूल्य सूचकांक है। चीन में मार्च माह में मुद्रास्फीति के इस तरह बढ़कर 3.6 होने जाने से कीमतों पर काबू पाने की सरकार की क्षमता को लेकर चिंता जताई जा रही है।औरऔर भी

दुनिया की पांच सबसे तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था वाले देशों – ब्राजील, रूस, भारत, चीन व दक्षिण अफ्रीका (ब्रिक्स) ने खुलकर आरोप लगाया है कि अमीर देशों ने पिछले पांच सालों से दुनिया को वित्तीय संकट में झोंक रखा है। उनकी मौद्रिक नीतियों ने विश्व अर्थव्यवस्था को अस्थिर कर दिया है। दिल्ली में ब्रिक्स के चौथे शिखर सम्मेलन के बाद जारी संयुक्त घोषणापत्र में यह धारणाएं व्यक्त की गई हैं। घोषणापत्र में कहा गया है किऔरऔर भी

भारत हथियारों के मामले में चीन को पीछे छोड़ते हुए दुनिया का सबसे बड़ा आयातक देश बन गया है। यह दुनिया में हो रही हथियारों की बिक्री का 10 फीसदी खरीदता है। स्वीडन के सुरक्षा मामलों की एक संस्था ने कहा है कि पिछले पांच सालों (2007 से 2011 के बीच) में भारत के हथियारों की खरीद में 38 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। उल्लेखनीय है कि वित्त वर्ष 2012-13 के लिए भारत का रक्षा खर्च 17औरऔर भी

भारत साल 2029 तक दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा विमानन बाजार बन सकता है। यह मानना है एयरपोर्ट काउंसिल इंटरनेशनल (एसीआई) से संबंद्ध इकनॉमिक्‍स एंड प्रोग्राम डेवलेपमेंट के निदेशक डॉ. रफैल ऐशवर्न का। उन्होंने गुरुवार को हैदराबाद में भारतीय विमानन 2012 सम्‍मेलन के दूसरे दिन यह बात कही। डॉ. ऐशवर्न ने पिछले पांच सालों के दौरान भारत में विमानन के क्षेत्र में विकास पर मुख्‍य रूप से चर्चा की। इस दौरान भारत हवाई अड्डों के रखरखाव, भीड़औरऔर भी

पाकिस्तान सरकार ने तय किया है कि वो भारत के साथ व्यापार को और बेहतर बनाने के लिए नकारात्मक सूची को एकदम छोटा कर देगा। इस फैसले से भारत-पाकिस्तान के बीच 90 फीसदी चीजों का व्यापार आसानी से हो सकेगा, जबकि अभी तक 17 फीसदी चीजों का ही सरलता से व्यापार हो पाता है। बुधवार को इस्लामाबाद में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रज़ा गिलानी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह फ़ैसला लिया गया। बैठकऔरऔर भी

किसी समय पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने दुनिया में खाने-पीने की चीजों की बढ़ती महंगाई के लिए भारत व चीन जैसे देशों में आम लोगों की बढ़ती क्रयशक्ति को जिम्मेदार ठहराया था। अब मौजूदा अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने पेट्रोलियम तेल की कीमतों में हो रही वृद्धि के लिए भारत, चीन व ब्राजील जैसे देशों में बढ़ रही मांग को जिम्मेदार ठहरा दिया है। साथ ही उन्होंने अपने रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वियों पर तेल कीमतों में वृद्धिऔरऔर भी

भारत से दो साल बाद मुक्त होनेवाला चीन छह दशकों के सफर में तमाम क्षेत्रों में आगे बढ़ चुका है। फिर भी लोकतंत्र ही नहीं, सोने की मांग तक में वह भारत को मात नहीं दे सका। लेकिन भारत अब पहली बार अपनी इस पारंपरिक श्रेष्ठता में भी चीन से पिछड़ गया है। विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक साल 2011 की आखिरी तिमाही (अक्टूबर से दिसंबर) में भारत में सोने की खपत 173औरऔर भी

भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मामलों में विकसित देशों का पिछलग्गू बनने के बजाय कम से कम इतना जरूर दिखा दिया है कि उसकी रीढ़ की हड्डी अभी सही-सलामत है। अमेरिकी दौरे पर आए वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने शिकागो शहर में दिए गए एक बयान में कहा है कि ईरान के खिलाफ अमेरिका व यूरोपीय संघ की तरफ से बंदिशें लगाए जाने के बावजूद भारत ईरान से पेट्रोलियम तेलों के आयात में कमी नहीं करेगा। भारत अपनीऔरऔर भी