अमेरिकी बाजार की हालत खराब, एशिया की हालत खराब, यूरोप की हालत खराब। फिर भी भारतीय बाजार ने आज अपने को टिकाए रखा। क्या इससे साबित होता है कि भारत की दुनिया से डीकपलिंग हो चुकी है, संधि-विच्छेद हो चुका है? यह सच नहीं है। हम कभी भी दुनिया के बाजारों से पूरी तरह जुदा नहीं हो सकते। बाजार में आज गिरावट नहीं आई, बल्कि निफ्टी तो शान से 5400 के पार चला गया। ऐसा इसलिए क्योंकिऔरऔर भी

साल 2009 के अंत तक देश में सक्रिय गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) की संख्या 33 लाख थी। कुल आबादी 120 करोड़ मानें तो हर 365 भारतीय पर एक एनजीओ। इसमें केवल पंजीकृत एनजीओ शामिल हैं। सीधा-सा मतलब है कि देश में अवाम से जुड़ने का एक बड़ा तंत्र सरकार के समानांतर बन चुका है। सबसे ज्यादा 4.8 लाख एनजीओ महाराष्ट्र में हैं। इसके बाद आंध्र प्रदेश में 4.6 लाख, उत्तर प्रदेश में 4.3 लाख, केरल में 3.3 लाख,औरऔर भी

केंद्रीय कपड़ा मंत्रालय ने तय किया है कि अब नेशनल टेक्सटाइल्स कॉरपोरेशन (एनटीसी) अपनी बंद पड़ी मिलों की जमीन ई-ऑक्शन के जरिए ही बेचेगी। यह फैसला कपड़ा मंत्री दयानिधि मारन के निर्देश पर लिया गया है। इस समय एनटीसी को मुंबई में बंद पड़ी अपनी मिलों – भारत टेक्सटाइल मिल्स और पोद्दार टेक्सटाइल मिल्स की जमीन बेचनी है। इसके लिए वह अखबारों में ई-ऑक्शन का विज्ञापन निकलवा चुकी है। गौरतलब है कि अभी तक एनटीसी अपनी अचलऔरऔर भी

साल 2009 में एशिया में करोड़पतियों की संख्या बढ़कर 30 लाख हो गई है और यह आज तक के इतिहास में पहली बार यूरोप की बराबरी में आई है। यही नहीं, एशिया के करोड़पतियों की कुल संपत्ति 9.7 लाख करोड़ डॉलर रही है जबकि यूरोप के करोड़पतियों की कुल संपत्ति 9.5 लाख करोड़ डॉलर ही रही है। यह निष्कर्ष है मेरिल लिंच-कैपगेमिनी की ताजा वर्ल्ड वेल्थ रिपोर्ट का। रिपोर्ट ने चुटकी लेते हुए कहा है कि जबऔरऔर भी

शिकागो के ग्लोबल फूडबैंकिंग नेटवर्क (जीएफएन) ने भारत में फूड बैंक खोलने का फैसला किया है। जीएफएन एक एनजीओ है और खुद को गैर-लाभकारी संगठन बताता है। इसने दुनिया के करीब तीस देशों में फूड बैंक बना रखे हैं, जिनके जरिए गरीब व जरूरतमंद लोगों को खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाता है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के विशेष सलाहकार सैम पित्रोदा जीएफएन के बोर्ड में है। पित्रोदा ने राजधानी दिल्ली में एक समारोह के दौरान जानकारी दी कि जीएफएनऔरऔर भी

भारत, चीन, ब्राजील और रूस के आर्थिक विकास की संभावनाएं अगले साल तक और भी बेहतर हो जाएंगी। यह आकलन है दुनिया के जानेमाने संगठन ओईसीडी (ऑर्गेनाइजेशन फॉर इकनोमिक को-ऑपरेशन एंड डेवलपमेंट) का। ओईसीडी ने बुधवार को जारी अपने ताजा अनुमान में कहा है कि भारत में कृषि उत्पादन में बढ़ोतरी की संभावना है। इससे भारत के आर्थिक विकास को आवेग मिलेगा। हालांकि बढ़ती मांग के बीच मुद्रास्फीति का दबाव बना रह सकता है। बता दें किऔरऔर भी

दुनिया में पहला एटीएम (ऑटोमेटेड टेलर मशीन) 1967 में बारक्लेज बैंक की उत्तरी लंदन शाखा के बाहर लगाया था। इसकी खोज भारत में जन्मे और स्कॉटलैंड के नागरिक जॉन शेफर्ड बैरन ने की थी। वे एक प्रिंटिंग फर्म चलाते थे। 1965 में उनके दिमाग में एटीएम बनाने की बात तब आई, जब उन्हें एक दिन बैंक बंद होने के कारण खाली हाथ बैरंग वापस आना पड़ा था। उस दिन बाथरूम में बैठे-बैठे उन्होंने सोचा कि जब डिस्पेंसरऔरऔर भी

ऋण संकट से जूझ रहा ग्रीस साल 2013 इससे निजात पा लेगा और उनकी राजकोषीय व्यवस्था दुरुस्त हो जाएगी। वह यूरोप की अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं से पहले ऐसा करने में कामयाब होगा। दूसरी तरफ जापान में 2084 तक और इटली में 2060 तक सरकारी ऋण बड़ी समस्या बना रहेगा। यह निष्कर्ष है स्विटजरलैंड के मशहूर बिजनेस स्कूल आईएमडी की तरफ से आज, बुधवार को जारी की गई अध्ययन रिपोर्ट का। रिपोर्ट का आकलन है कि अमेरिका 2033औरऔर भी