अमेरिका की जानी-मानी पत्रिका फॉरेन पॉलिसी ने साल 2011 में दुनिया के शीर्ष 100 चिंतकों में विप्रो के चेयरमैन अजीम प्रेमजी और गांधीवादी कार्यकर्ता अण्णा हज़ारे समेत छह भारतीयों को शामिल किया है। सूची में शामिल चार अन्य भारतीय हैं – लेखिका अरुंधति रॉय, अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी, शोधकर्ता दीपा नारायण व अरविंद सुब्रहमण्यम। फॉरेन पॉलिसी पत्रिका अपने विश्लेषण और विदेश नीति संबंधी लेखों के लिए जानी जाती है। पत्रिका हर साल दुनिया के 100 शीर्ष चिंतकों कीऔरऔर भी

दुनिया की एक प्रतिष्ठित पत्रिका फॉरेन पॉलिसी ने अपनी ताजा सालाना रैंकिंग में भारत के पड़ोसी देशों – पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल और श्रीलंका को दुनिया के ‘सबसे नाकाम देशों’ की सूची में शामिल किया है। सूची में शामिल 60 देशों में पाकिस्तान को 12वें, म्यांमार को 18वें, बांग्लादेश को 25वें, नेपाल को 27वें, श्रीलंका को 29वें और भूटान को 50वें स्थान पर रखा गया है। इस सूची में अफ्रीकी देशों की बहुतायत है। सूची में सबसे ऊपरऔरऔर भी

गुवाहाटी के आर्कबिशप थॉमस मेनाम परामपिल को पूर्वोत्तर के जातीय समुदायों में शांति लाने के प्रयास को मान्यता देते हुए प्रतिष्ठित नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया है। आर्कबिशप का नाम इटली की लोकप्रिय पत्रिका ‘इल बोलेतिनो सालेसिआनो’ ने नामांकित किया है। पत्रिका ने जून महीने के अंक में मेनाम परामपिल पर चार पन्ने की स्टोरी प्रकाशित की है। उसने इसका शीषर्क दिया है – ए बिशप फॉर नोबेल प्राइज। उधर खुद मेनाम परामपिल काऔरऔर भी

भारत में अमीरी का संकेंद्रण अमेरिका और चीन से भी ज्यादा है। यहां सबसे ज्यादा अमीर 100 लोगों की संपत्ति का 50 फीसदी हिस्सा मात्र दस लोगों के हाथ में सिमटा हुआ है। चीन में यह अनुपात 38 फीसदी और अमेरिका में 32 फीसदी है। यह निष्कर्ष है फोर्ब्स इंडिया पत्रिका की ताजा रिपोर्ट का। इसका सीधा-सा मतलब यह हुआ कि भारत में लोकतंत्र के बावजूद संपत्ति का आधार विस्तृत नहीं हुआ है। इसका पता इस बातऔरऔर भी