भारत में अमीरी का संकेंद्रण अमेरिका और चीन से भी ज्यादा है। यहां सबसे ज्यादा अमीर 100 लोगों की संपत्ति का 50 फीसदी हिस्सा मात्र दस लोगों के हाथ में सिमटा हुआ है। चीन में यह अनुपात 38 फीसदी और अमेरिका में 32 फीसदी है। यह निष्कर्ष है फोर्ब्स इंडिया पत्रिका की ताजा रिपोर्ट का। इसका सीधा-सा मतलब यह हुआ कि भारत में लोकतंत्र के बावजूद संपत्ति का आधार विस्तृत नहीं हुआ है। इसका पता इस बात से भी चलता है कि भारत में सबसे अमीर 100 लोगों की संपत्ति चीन के सबसे अमीर 400 लोगों की संपत्ति के बराबर है। यह भी कि भारत के 100 सबसे अमीर लोगों से 44 अकेले मुंबई में रहते हैं।
पत्रिका के अनुसार साल 2010 में भारत में डॉलर में आंके जानेवाले अरबपतियों की संख्या 32.69 फीसदी बढ़ गई है। 2009 में यह संख्या 52 थी। इस साल 69 हो गई है। इस तरह देश में इस बार 17 नए डॉलर अरबपति जुड़े हैं। अगर सौ सबसे अमीर भारतीयों की बात करें तो उनकी कुल संपत्ति साल भर में 8.7 फीसदी बढ़कर 276 अरब डॉलर से 300 अरब डॉलर हो गई है। लेकिन इस दौरान सबसे अमीर भारतीय मुकेश अंबानी की संपत्ति 15 फीसदी घटकर 27 अरब डॉलर पर आ गई है।
इसके बावजूद रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी पिछले तीन सालों की तरह इस बार भी देश के सबसे अमीर व्यक्ति हैं। उनके बाद लंदन निवासी अनिवासी भारतीय लक्ष्मी नारायण मित्तल का नंबर है जिनकी संपत्ति 26.1 अरब डॉलर है। आर्सेलर मित्तल समूह को धक्का लगने से इनकी संपत्ति भी 13 फीसदी घटी है। तीसरे सबसे अमीर भारतीय हैं विप्रो समूह के मालिक अजीम प्रेमजी। वे इससे पहले 14.9 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ चौथे नंबर पर थे। अब 2010 में 17.6 अरब डॉलर की दौलत के साथ तीसरे नंबर पर आ गए हैं। उन्होंने तीसरे नंबर ने नीचे धकेला है मुकेश के छोटे भाई अनिल अंबानी को, जिनकी दौलत साल भर में करीब 24 फीसदी घटी है और वे अब सबसे अमीर भारतीयों में छठे नंबर पर आ गए हैं। उनके पास अभी 13.3 अरब डॉलर की संपत्ति है।
चौथे नंबर पर एस्सार समूह के शशि और रवि रुइया बंधु हैं जिनकी दौलत अभी 15 अरब डॉलर है। ओम प्रकाश जिंदल की विधवा और उनके समूह की अध्यक्षा सावित्री जिंदल 14.4 अरब डॉलर की दौलत के साथ पांचवें नंबर पर हैं। साल भर पहले वे सातवें स्थान पर थीं। वे सौ सबसे अमीर भारतीयों की सूची में शामिल पांच महिलाओं में से एक हैं। सबसे अमीरों की सूची में सातवें नंबर पर 10.7 अरब डॉलर के साथ अडानी समूह के प्रमुख गौतम अडानी हैं। इसके बाद डीएलएफ के कुशल पाल सिंह (9.2 अरब डॉलर), भारती एयरटेल के सुनील मित्तल (8.6 अरब डॉलर) और आदित्य बिड़ला समूह के कुमारमंगलम बिड़ला (8.5 अरब डॉलर) का नंबर आता है।
अमीरो की सूची में सबसे बड़ा चमत्कार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री करुणानिधि के भतीजे और कपड़ा मंत्री दयानिधि मारन के बड़े भाई कलानिधि मारन ने दिखाया है। वे सन टीवी के संस्थापक हैं। उन्होंने इसी साल एयरलाइन कंपनी स्पाइसजेट में 37.7 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी है। इस साल उनकी संपत्ति 74 फीसदी बढ़कर 4 अरब डॉलर हो गई है और वे देश के 17वें सबसे अमीर नागरिक बन गए हैं। उनके ऊपर 16वें नंबर पर फोर्टिस हेल्थकेयर से जुड़े भाई मालविंदर और शिविंदर सिंह हैं जिनकी वर्तमान दौलत 4.2 अरब डॉलर की है। बता दें कि फोर्ब्स इंडिया पत्रिका ने 9 सितंबर 2010 को शेयरों के भावों और डॉलर-रुपए की विनिमय दर के आधार पर भारतीय अमीरों की संपत्ति का हिसाब निकाला है।
भारत एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। इसकी मौजूदा आर्थिक विकास दर 8.5 फीसदी से अधिक है। इस साल अब तक देश के शेयर बाजार में 18 अरब डॉलर का एफआईआई (विदेशी निवेशक संस्था) निवेश आ चुका है। 2009 में एफआईआई निवेश ने 17.5 अरब डॉलर का रिकॉर्ड बनाया था। दूसरा पहलू यह है कि भारत की 120 अरब की आबादी में हर पांच से दो लोग इतने गरीब हैं कि उन्हें दो जून की भरपेट रोटी तक मयस्सर नहीं होती। मुंबई, जहां 100 सबसे अमीर भारतीयों में से 44 भारतीय रहते हैं, वहां की 1.8 करोड़ आबादी का 55 फीसदी हिस्सा झुग्गियों में रहता है।