अमेरिका की जानी-मानी पत्रिका फॉरेन पॉलिसी ने साल 2011 में दुनिया के शीर्ष 100 चिंतकों में विप्रो के चेयरमैन अजीम प्रेमजी और गांधीवादी कार्यकर्ता अण्णा हज़ारे समेत छह भारतीयों को शामिल किया है। सूची में शामिल चार अन्य भारतीय हैं – लेखिका अरुंधति रॉय, अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी, शोधकर्ता दीपा नारायण व अरविंद सुब्रहमण्यम।
फॉरेन पॉलिसी पत्रिका अपने विश्लेषण और विदेश नीति संबंधी लेखों के लिए जानी जाती है। पत्रिका हर साल दुनिया के 100 शीर्ष चिंतकों की सूची जारी करती है। पिछले साल, 2010 की सूची में नौ भारतीय थे।
साल 2011 की ताजा सूची में शामिल अजीम प्रेमजी को पत्रिका ने भारत का बिल गेट्स करार दिया है। प्रेमजी इस सूची में 14वें नंबर पर हैं। भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ आंदोलन चलाने वाले अण्णा हज़ारे के बारे में पत्रिका का कहना है कि यह व्यक्ति दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र से जवाबदेही तय करनेवाले सवाल पूछ रहा है। हज़ारे इस सूची में 37वें नंबर पर हैं।
अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) में पढ़ाते हैं और वो इस सूची में 60वें नंबर पर हैं। उन्होंने एस्थर डेलो के साथ मिलकर दुनिया के गरीबों पर एक पुस्तक लिखी है जिसका नाम है – पुअर इकनॉमिक्स।
गरीबी के विषय पर शोध कर रही दीपा नारायण को सूची में 79वां स्थान दिया गया है और दीपा के बारे में कहा गया है कि वे ‘गरीबों को पीड़ित के अलावा कुछ और’ के रूप में भी देख पाती हैं। अरुंधति रॉय को देश के बेआवाज़ लोगों की आवाज़ बनने के कारण सूची में शामिल किया गया है, जबकि वाशिंगटन के पीटरसन इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल इकनॉमिक्स में कार्यरत अरविंद सुब्रहमण्यम को अपने लेखों द्वारा चीन की आर्थिक प्रगति के बारे में पहले ही सूचित करने के कारण इस सूची में शामिल किया गया है।