अमेरिका और यूरोप के बड़े बाजारों में खराब आर्थिक हालात के बावजूद भारत ने 2011-12 के दौरान 300 अरब डॉलर से अधिक का निर्यात किया है। देश का निर्यात पहली बार 300 अरब डॉलर के पार गया है। वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने शुक्रवार को राजधानी दिल्ली में मीडिया को बताया, ‘‘मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि बीते वित्त वर्ष में भारत का निर्यात 300 अरब डॉलर से ऊपर पहुंच गया।’’ वैसे भारतऔरऔर भी

भारत ने अमेरिका के आव्रजन नियमों के खिलाफ विश्व व्यापार संगठन (डबल्यूटीओ) में शिकायत दर्ज कराई है। उसका कहना है कि अमेरिका ने अपने यहां काम करने के वीज़ा की लागत जिस कदर बढ़ाई है, वह बहुत ज्यादा और सरासर गलत है। यह भारतीय आईटी कंपनियों के साथ किया जा रहा भेदभाव है। डब्ल्यूटीओ में भारत की यह शिकायत अभी दो पक्षों के बीच ‘विचार-विमर्श’ के स्तर पर है। यह वो स्तर है जहां पर इसे नऔरऔर भी

विमान निर्माता कंपनी, बोईंग को अमेरिका की संघीय और राज्य सरकारों से अरबों डॉलर की अवैध सब्सिडी मिलती है और इसे तत्काल रोका जाना चाहिए। विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) ने अपने दो साल पुराने इस फैसले को बहुत हद तक सही ठहराया है। डब्ल्यूटीओ ने यूरोपीय संघ की तरफ से साल 2005 में दाखिल शिकायत पर यह फैसला सुनाया है। हालांकि सब्सिडी की रकम को उसने यूरोपीय संघ के दावे से काफी कम माना है। डब्ल्यूटीओ नेऔरऔर भी

संरक्षणवाद का विरोध करते हुए भारत ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के तहत वैश्विक व्यापार को खोलने के लिए दोहा दौर की वार्ताओं को संतोषजनक अंजाम तक पहुंचाने की वकालत की। शुक्रवार को दक्षिण कोरियो की राजधानी सोल में जी-20 शिखर सम्मेलन के पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि सभी देशों के प्रमुख इन वार्ताओं को पूरा करने के लिए पूरा प्रयास करें। प्रधानमंत्री ने वैश्विक नेताओं से कहा कि वेऔरऔर भी

कई यूरोपीय देशों द्वारा भारतीय जेनेरिक दवाओं को जब्त किए जाने को लेकर जारी विवाद विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में एक लंबी लड़ाई का रूप लेने लगा है क्योंकि दोनों पक्ष इस संबंध में किसी हल पर नहीं पहुंच सके हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम इस बातचीत से संतुष्ट नहीं हैं। विश्व व्यापार संगठन की पहल पर भारत और यूरोपीय संघ के बीच जिनेवा में पहले ही दो दौर की बातचीत हो चुकी है।औरऔर भी