कई यूरोपीय देशों द्वारा भारतीय जेनेरिक दवाओं को जब्त किए जाने को लेकर जारी विवाद विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में एक लंबी लड़ाई का रूप लेने लगा है क्योंकि दोनों पक्ष इस संबंध में किसी हल पर नहीं पहुंच सके हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम इस बातचीत से संतुष्ट नहीं हैं। विश्व व्यापार संगठन की पहल पर भारत और यूरोपीय संघ के बीच जिनेवा में पहले ही दो दौर की बातचीत हो चुकी है। अगले दौर की बातचीत 13-14 सितंबर को हुई। सूत्रों ने कहा कि यद्यपि एक और दौर की द्विपक्षीय बातचीत जल्द होने की संभावना है, लेकिन यह मुद्दा डब्ल्यूटीओ के विवाद निपटान निकाय के पास जाता दिख रहा है।
उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ सालों के दौरान यूरोपीय संघ विशेषकर नीदरलैंड के अधिकारियों द्वारा भारतीय दवा कंपनियों की करीब 17 खेप जब्त की जा चुकी है। इन दवाओं को ब्राजील सहित अफ्रीकी और लातिन अमेरिकी देशों को भेजा गया था।
यूरोपीय संघ का आरोप है कि दवाओं की जिन खेपों को जब्त किया गया है उनमें शामिल दवाएं पेटेंट प्रणाली का उल्लंघन करती हैं। हालांकि भारत का दावा है कि इन दवाओं का पेटेंट खत्म हो चुका है और ये जेनेरिक दवाएं हैं।