2001 से शुरू दोहा दौर की वार्ता पहुंचे अंजाम पर

संरक्षणवाद का विरोध करते हुए भारत ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के तहत वैश्विक व्यापार को खोलने के लिए दोहा दौर की वार्ताओं को संतोषजनक अंजाम तक पहुंचाने की वकालत की। शुक्रवार को दक्षिण कोरियो की राजधानी सोल में जी-20 शिखर सम्मेलन के पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि सभी देशों के प्रमुख इन वार्ताओं को पूरा करने के लिए पूरा प्रयास करें।

प्रधानमंत्री ने वैश्विक नेताओं से कहा कि वे यह सुनिश्चित करें कि दोहा दौर की बहुपक्षीय व्यापार वार्ताओं को संतोषजनक तरीके से पूरा किया जा सके। उन्होंने कहा, ‘‘आर्थिक संकट के दौर में दुनिया में संरक्षणवाद एक बार फिर से पनपा है। संरक्षणवाद हावी न होने पाए, इसके लिए यह जरूरी है कि व्यापार वार्ताओं की गति बढ़ाई जाए।’’

गौरतलब है कि दोहा दौर की वार्ता 2001 में शुरू हुई थी। लेकिन यह आज तक पूरी नहीं हो पाई है। धनी और विकासशील देशों के बीच मतभेदों के चलते ये वार्ताएं आगे नहीं बढ़ पाई हैं। दोहा दौर की वार्ता पूरी होने के बाद अंतरराष्ट्रीय व्यापार में 120 से 200 अरब डॉलर की वृद्धि होने का अनुमान है।

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