सार्वजनिक क्षेत्र की तेल मार्केटिंग कंपनियों (ओएमसी) ने सरकार को एक तरह का अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि अगर एक्साइज ड्यूटी में कमी या ईंधन की बिक्री पर उन्हें रोजाना हो रहे 49 करोड़ रुपए के नुकसान की भरपाई नहीं की गई तो वे पेट्रोल की कीमत में 9.6 रुपए प्रति लीटर तक बढ़ा सकती हैं। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के चेयरमैन आर एस बुटोला ने दिल्ली में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, ‘‘हमने काफी धैर्यऔरऔर भी

एक तरफ वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने पिछले शुक्रवार को पेश बजट में पेट्रोलियम सब्सिडी को 25,000 करोड़ रुपए घटाकर डीजल के दाम बढ़ाने का इरादा साफ-साफ जाहिर कर दिया था। वहीं दूसरी तरफ इस शुक्रवार को हमारे पेट्रोलियम मंत्री एस जयपाल रेड्डी ने दावा किया कि सरकार का कोई इरादा डीजल को मूल्य नियंत्रण व्यवस्था से बाहर निकालने का नहीं है। रेड्डी ने राजधानी दिल्ली में सातवें एशियाई गैस भागीदारी सम्मेलन में संवाददाताओं से अगल सेऔरऔर भी

सरकारी तेल कंपनियां इस हफ्ते शनिवार, 3 मार्च को उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों का सातवां व आखिरी दौर खत्म होते ही पेट्रोल व डीजल के दाम बढ़ा सकती हैं। सूत्रों के मुताबिक जहां पेट्रोल के दाम प्रति लीटर 4 रुपए बढ़ाए जा सकते हैं, वहीं डीजल के दाम में भी कम से कम 2 रुपए प्रति लीटर की वृद्धि हो सकती है। इससे पहले कंपनियों ने 1 दिसंबर 2011 को पेट्रोल के दाम बदले थे। बताऔरऔर भी

दुनिया में कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और कमजोर होते रुपए के चलते सरकारी तेल मार्केटिंग कंपनियों (ओएमसी) की अंडर-रिकवरी चालू वित्त वर्ष 2011-12 में 1.40 लाख करोड़ रुपए के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच सकती है। यह आकलन है देश की प्रमुख रेटिंग एजेंसी क्रिसिल की रिसर्च शाखा का। अंडर-रिकवरी का मतलब उस नुकसान से है जो ओएमसी को डीजल, रसोई गैस व कैरोसिन को सरकार निर्धारित दामों पर बेचने के चलते उठाना पड़ता है। उनका लागतऔरऔर भी

देश की तेल मार्केटिंग कंपनियों की अंडर-रिकवरी दिसंबर तिमाही में लगभग 34,000 करोड़ रुपए की हो सकती है। इसमें से सबसे ज्यादा करीब 19,000 करोड़ की अंडर-रिकवरी इंडियन ऑयल की होगी। यह आंकड़े इंडियन ऑयल के वित्त निदेशक पी के गोयल ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन में पेश किए। इस खबर के आने के बाद सभी तेल कंपनियों के शेयरों के भाव घट गए। बता दें कि सरकारी तेल मार्केटिंग कंपनियां – इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियमऔरऔर भी

दिसंबर के दूसरे पखवाड़े (16 दिसंबर से 30 दिसंबर) के दौरान देश में आयातित कच्चे तेल की लागत करीब एक फीसदी बढ़ चुकी है। तेल कंपनियों की अंडर-रिकवरी 388 करोड़ रुपए प्रतिदिन हो चुकी है। लेकिन सरकार राजनीतिक वजहों से इन कंपनियों को पेट्रोल के मूल्य तक बढ़ाने की इजाजत नहीं दे रही है। वैसे तो पेट्रोल के मूल्य से सरकारी नियंत्रण जून 2010 से ही हटाया जा चुका है। लेकिन सबसे बड़ी शेयरधारक होने के नातेऔरऔर भी

सरकार ने पेट्रोल से लेकर डीजल, रसोई गैस और केरोसिन के दामों पर छाई धुंध को साफ करने के लिए ऑनलाइन जानकारी उपलब्ध करानी शुरू कर दी है। सरकारी तेल मार्केटिंग कंपनियां – इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम व भारत पेट्रोलियम ने पेट्रोल कीमतों के बारे में विस्तृत जानकारी पेट्रोलियम मंत्रालय संबद्ध पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल की वेबसाइट पर डालनी शुरू कर दी है। यहां कच्चे के आयातित मूल्य से लेकर अंडर-रिकवरी व सरकार की तरफ सेऔरऔर भी

पेट्रोलियम मंत्री एस जयपाल रेड्डी ने संकेत दिया है कि सरकार तुरंत डीजल या रसोई गैस के दाम नहीं बढ़ाएगी, भले ही रुपए में कमजोरी से आयातित कच्चे तेल की लागत बढ़ रही है। उन्होंने गुरुवार को संसद भवन में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा, ‘‘रुपए में कमजोरी ने स्वाभाविक रूप से अप्रत्याशित दिक्कत पैदा कर दी है। इससे वित्त वर्ष 2011-12 में तेल कंपनियों की अंडर रिकवरी 1.32 लाख करोड़ रुपए रहेगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसऔरऔर भी

हमारी राजनीतिक पार्टियां इस कदर अंधी हैं कि उन्हें दिखाई नहीं देता कि इस साल केवल जुलाई-सितंबर की तिमाही में ही सरकारी तेल कंपनियों को 14,079.30 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है। बुधवार को इंडियन ऑयल ने सितंबर तिमाही के नतीजे घोषित किए तो पता चला कि बिक्री साल भर पहले की तुलना में 15.81 फीसदी बढ़कर 89145.55 करोड़ रुपए हो जाने के बावजूद उसे 7485.55 करोड़ रुपए का घाटा उठाना पड़ा है। इससे पहले दो अन्यऔरऔर भी

सार्वजनिक तेल मार्केटिंग कंपनियां अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के बढ़ते दाम और डॉलर के मुकाबले कमजोर पड़ते रुपए को देखते हुए पेट्रोल के दाम में 1.82 रुपए प्रति लीटर बढ़ाने की तैयारी में हैं। करीब ढाई महीने पहले ही 16 सितंबर को तेल कंपनियों – इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम व भारत पेट्रोलियम ने पेट्रोल के दाम प्रति लीटर 3,14 रुपए बढ़ाए हैं। नोट करने की बात यह है कि जून 2010 से ही पेट्रोल के मूल्यऔरऔर भी