सार्वजनिक क्षेत्र की तेल मार्केटिंग कंपनियों (ओएमसी) ने सरकार को एक तरह का अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि अगर एक्साइज ड्यूटी में कमी या ईंधन की बिक्री पर उन्हें रोजाना हो रहे 49 करोड़ रुपए के नुकसान की भरपाई नहीं की गई तो वे पेट्रोल की कीमत में 9.6 रुपए प्रति लीटर तक बढ़ा सकती हैं।
इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के चेयरमैन आर एस बुटोला ने दिल्ली में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, ‘‘हमने काफी धैर्य रखा है। उत्पादन लागत बढ़ने के बावजूद दिसंबर से कीमत नहीं बढ़ाई गई। लेकिन कर्ज लेने और देश में ईंधन उत्पादित करने की हमारी सीमा है।’’
इस समय इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम को पेट्रोल की बिक्री पर 49 करोड़ रुपए रोजाना का नुकसान हो रहा है। इसके अलावा डीजल, घरेलू एलपीजी व केरोसीन तेल को लागत से कम मूल्य पर बेचने से हर दिन 573 करोड़ रुपए का नुकसान ऊपर से हो रहा है।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष अप्रैल के पहले पखवाड़े में पेट्रोल पर ओएमसी को 745 करोड़ रुपए की अंडर-रिकवरी हुई है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने पेट्रोल की कीमत जून 2010 से नियंत्रण मुक्त कर दी है। लेकिन उसके बाद भी शायद ही तेल कंपनियों की लागत के अनुरूप तेल की कीमतें बढाई गयी हों क्योंकि तेल कंपनियां सरकार के निर्देश के आगे झुक जाती हैं।