आपको कतई यकीन नहीं है कि निफ्टी बढ़कर 5500 तक पहुंच जाएगा। फिर भी मेरी दृढ़ मान्यता है कि ऐसा होकर रहेगा और हम उसे 5480 या 5500 तक पहुंचा हुआ जरूर देखेंगे। मेरी दृढ़ता और पुष्ट हो गई, जब निफ्टी फ्यूचर्स आज ऊपर में 5454 तक जाने के बाद 5452.20 पर बंद हुआ। कैश सेगमेंट में निफ्टी 5428.05 तक जाने के बाद 0.48 फीसदी की बढ़त लेकर 5416.05 पर बंद हुआ है। आप सब लोगों कीऔरऔर भी

हमारे शेयर बाजार पर लगता है कि धमाकों का कोई असर ही नहीं होता। दिल्ली हाईकोर्ट के सामने सुबह करीब 10.15 बजे बम फटा। लेकिन निफ्टी 11 बजे के बाद निर्णायक रूप से 5100 के पार चला गया। बाजार में भारी मात्रा में शॉर्ट सौदे हुए पड़े हैं। गिरावट की आशंका और आनेवाली कुछ नकारात्मक घटनाएं शॉर्ट सेलिंग करनेवालों को अपनी पोजिशन काटने से रोक रही हैं। हालांकि रिटेल निवेशक इससे बेअसर हैं क्योंकि डेरिवेटिव सेगमेंट मेंऔरऔर भी

बाजार के लिए आज का दिन बिना किसी वजह के बड़ा ढीलाढाला रहा। न तो वह 5540 का समर्थन स्तर तोड़कर बहुत नीचे गया और न ही वैसी बढ़त ली जिसका मुझे इंतजार था। खुला थोड़ा दबकर 5554.60 पर। फिर बढ़कर दस बजे से पहले ही 5578.90 तक चला गया। इसके बाद शाम तीन बजे तक 5532.70 पर आ जाने के बाद 0.46 फीसदी की गिरावट के साथ 5541.60 पर बंद हुआ। बहुत से एनालिस्ट अब भीऔरऔर भी

बाजार का हाल जो भी हो, लेकिन उसकी सवारी गांठने वाले विशेषज्ञों का हाल बडा रोचक है। ये ‘विशेषज्ञ’ लोग पहले कह रहे थे कि बाजार का 5500 पर पहुंचना असंभव है और अब, जब वहां तक पहुंच गया तो कह रहे हैं कि यह 5650 तक नहीं जा सकता है। लेकिन निफ्टी जब 5705 तक भी चला गया तो कहने लगे कि अब 5270 का स्टॉप लॉस लगाकर बेचो क्योंकि इसका 5720 को पार कर पानाऔरऔर भी

सेटलमेंट का आखिरी दिन। निफ्टी 5600 के ऊपर डटा रहा। 5657.90 तक जाने के बाद 5634.90 पर बंद हुआ। साफ संकेत अगली बढ़त का। महीने का अंत आते-आते मैंने अपना जो लक्ष्य आपको बताया था, वह 5735 पर कायम है। रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) और एसबीआई ने बाजार को उठने में मदद की है। हालांकि आरआईएल में अब भी बढ़त की काफी गुंजाइश बाकी है। जब तक यह 880 रुपए के नीचे नहीं जाता, तब तक इसमें रुझानऔरऔर भी

रिटेल निवेशक कब तक टेक्निकल एनालिस्टों के चार्टों की धुन पर, सपेरों की बीन पर सांप की तरह नाचते रहेंगे? यह एक बड़ा सवाल है और इसका जवाब रिटेल निवेशक ही दे सकते हैं। अभी तक वे ब्रांड-भक्त बने हुए हैं और अपने ही ब्रोकरों का कहा सुनते हैं। लेकिन इन ब्रोकरों का सरोकार तो अपने धंधे-पानी से ज्यादा और रिटेल निवेशकों की जेब से कम होता है। जैसी कि उम्मीद थी, चार्टवाले राग अलापने लगे किऔरऔर भी

हां, दुनिया के बाजारों ने भारतीय बाजार को एक और आवेग दिया जिससे निफ्टी फिर से 6215 तक चला गया। हालांकि वह एक बार 6248 के खतरे के निशान को भी छू गया था। लेकिन मैं अब भी निफ्टी के बारे में तेजी की धारणा पालने को तैयार नहीं हूं। मैं यही चाहूंगा कि मेरे साथ चलनेवाले भी इस मामले में पर्याप्त सावधानी बरतें। मैंने निफ्टी, ऑटो और बैंकिंग में बेचने की सलाह दी थी, लेकिन उसेऔरऔर भी

आईबीएम का एक विज्ञापन आपने देखा होगा जिसमें सच तक पहुंचने के लिए डाटा या आंकड़ों की अहमियत समझाई गई है। बाजार के संबंध में सीएनआई रिसर्च भी तमाम ऐसे डाटा उपबल्ध करा रही है। वह डेरिवेटिव सौदों के जिन आंकड़ों के आधार पर निफ्टी में लक्ष्य का निर्धारण करती है, उन्हें उसने अपनी वेबसाइट पर मुफ्त में उपलब्ध करा रखा है। कोई सीएनआई का सदस्य हो या न हो, इन्हें देख-परख सकता है। सीएनआई की वेबसाइटऔरऔर भी