मज़ा! ट्रेडरों को सज़ा का होश ही नहीं

सेटलमेंट का आखिरी दिन। निफ्टी 5600 के ऊपर डटा रहा। 5657.90 तक जाने के बाद 5634.90 पर बंद हुआ। साफ संकेत अगली बढ़त का। महीने का अंत आते-आते मैंने अपना जो लक्ष्य आपको बताया था, वह 5735 पर कायम है। रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) और एसबीआई ने बाजार को उठने में मदद की है। हालांकि आरआईएल में अब भी बढ़त की काफी गुंजाइश बाकी है। जब तक यह 880 रुपए के नीचे नहीं जाता, तब तक इसमें रुझान 965 रुपए की तरफ बढ़ने का ही रहेगा।

जिंदल स्टील एंड पावर का स्टॉक अब बिग बुल (राकेश झुनझुनवाला) के कब्जे में है और इसमें बहुत ही तेज उठाव दर्ज किया जा सकता है। आज भी इसमें अच्छे वोल्यूम के साथ 3.13 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है। चूंकि जेएसडब्ल्यू स्टील के साथ कोयले की उपलब्धता की समस्या है, इसलिए जिंदल स्टील एंड पावर अपनी खुद की खदानों के दम फिलहाल बढ़त ले लेगी। प्रवर्तकों ने जेएसडब्ल्यू की हिस्सेदारी जापानी कंपनी को बेच दी है तो इसमें हाल-फिलहाल कोई बड़ी हलचल नहीं आनेवाली और निवेशक जेएसडब्ल्यू से निकलकर जिंदल स्टील एंड पावर को पकड़ सकते हैं।

बीएसई में लिस्टिंग के लिए 10 करोड़ रुपए की न्यूनतम चुकता पूंजी की शर्त पर अमल की अंतिम तिथि जुलाई से टालकर अक्टूबर कर दी गई है क्योंकि इस पर बहुत ही ठंडी प्रतिक्रिया मिली है। असल में इसके लागू होने से बहुत सारी कंपनियों के फिर से लिस्टिंग के दरवाजे बंद हो जाएंगे और निवेशकों के 60,000 करोड़ रुपए फंस जाएंगे। इस शर्त को लागू करने से बीएसई और सरकार को क्या फायदा होगा, यह तो वे ही बता सकते हैं। अभी तो निवेशकों के बहुत-से फोरम इसके खिलाफ आवाज उठा रहे हैं और उनका विरोध एकदम जायज है।

बिजनेस स्टैंडर्ड ने फिर एक खबर छापी है कि कैसे 95 फीसदी सीमा का इस्तेमाल ट्रेडरों को कसने के लिए किया जाता है। हालांकि इससे कुछ होता नहीं दिख रहा। आप खुद देख सकते हैं कि वीडियोकॉन के स्टॉक में ऑपरेटरों ने ट्रेडरों पर कैसी सवारी गांठ रखी है। आप बेच नहीं सकते क्योंकि 95 फीसदी की सीमा है और ऑपरेटर इसके जून फ्यूचर्स का मूल्य 216 रुपए और जुलाई का मूल्य 185 रुपए तक गिरा ले गए। ऑपरेटरों की कोशिश की थी कि आज आखिरी 15 मिनटों में इसके 15 से 20 लाख शेयर कैश में बेच दें ताकि जून का मूल्य जुलाई के समतुल्य हो जाए। यह आज औसत से चार गुना वोल्यूम में देखा जा सकता है। वैसे, इस तरह के खेल में शॉर्ट सौदे करनेवालों को पूरी कीमत चुकानी पड़ती है। अगर आप इसे सही बाजार आधारित मूल्य-प्रणाली मानते हैं तो हम वाकई विकसित पूंजी बाजार के मक्का बन चुके हैं? क्या बात है!! तालियां!!!

कल से बाजार में नई पोजिशन बनने लगेगी। इससे बाजार और बढ़ेगा। शॉर्ट सौदे करनेवाले निफ्टी के 5735 से 5765 के आसपास पहुंचने पर बाजार को एक बार फिर तोड़ने की कोशिश करेंगे। लेकिन अगर बाजार 5765 को पार कर जाता है तो यह 6000 पर पहुंचेगा और बहुत जल्द ही नए शिखर की तरफ बढ़ने लगेगा। अभी तक बाजार में रिटेल निवेशकों की कोई भागीदारी नहीं है और वोल्यूम अब भी काफी दबे हुए हैं।

बाजार में चर्चाओं और अफवाहों की आवक बढ़ चुकी है। यह अलग बात है कि ऐसी 10 चर्चाओं में से केवल एक ही सही निकलती है। फिर भी इनके दम पर सट्टेबाजी करके शेयरों के भावों को अच्छा-खासा नचाया जा रहा है। ट्रेडरों को इसमें बहुत मजा आता है। लेकिन फंस जाने पर न निकल पाने की सजा भी उन्हें भी भुगतनी पड़ती है।

एक ऋण से दो ऋण भले क्योंकि ऋण-ऋण मिलकर धन बन जाते हैं और समस्या से निकलने की राह खुल जाती है।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होंगे। यह मूलत: सीएनआई रिसर्च का फीस-वाला कॉलम है, जिसे हम यहां मुफ्त में पेश कर रहे हैं)

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