नितांत आत्मीय रिश्ते ही भावना-प्रधान होते हैं। बाकी सभी मित्र और नाते-रिश्तेदार काम खत्म, पैसा हज़म का नाता रखते हैं। उनसे इससे ज्यादा अपेक्षा भी नहीं करनी चाहिए क्योंकि हम भी तो यही करते हैं।और भीऔर भी

ऐसी चिंता का क्या फायदा जो किसी समाधान तक आपको न पहुंचा सके? जो आपको भंवरजाल में फंसाकर अनागत के भय के दलदल में डाल दे, वैसी चिंता को ठोकर मारकर आगे निकल जाना चाहिए।और भीऔर भी

अगर किसी भी ब्रोकर ने पूरा मार्जिन लिए बगैर अपने ग्राहक को डेरिवेटिव बाजार में ट्रेड करने दिया तो उसे भारी पेनाल्टी देनी होगी। पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी ने गुरुवार को सभी स्टॉक एक्सचेंजों को भेजे एक सर्कुलर में यह निर्देश दिया है। उसका कहना है कि एक्सचेंजों को ब्रोकरों को ऐसी कोई ढील नहीं देकर उन पर पेनाल्टी लगानी चाहिए। एक्सचेंजों को इस सर्कुलर पर अमल 1 सितंबर 2011 से करना है। सेबी का कहनाऔरऔर भी

समाज में जब तक हम बहुत बड़े नहीं बन जाते, तब तक इस्तेमाल किए जाने का खतरा हमेशा हमारे ऊपर मंडराता रहता है। हम मगन होकर काम करते हैं। लेकिन अनजाने में इस्तेमाल हो जाते हैं।और भीऔर भी

स्टॉक एक्सचेंजों के स्वामित्व का आधार व्यापक होना चाहिए। उसमें विविधता होनी चाहिए ताकि इन व्यवस्थागत रूप से महत्वपूर्ण संस्थानों को अच्छी तरह चलाया जा सके। यह राय है वित्तीय क्षेत्र की दो शीर्ष नियामक संस्थाओं – भारतीय रिजर्व बैंक और भारतीय प्रतिभूति व विनिमय बोर्ड (सेबी) की। स्टॉक एक्सचेंज पूंजी बाजार का हिस्सा हैं और उन पर सीधा नियंत्रण सेबी का है। इसलिए बैंकिंग नियामक का उनके स्वामित्व पर दो-टूक राय रखना काफी मायने रखता है।औरऔर भी