सरकार उन्नीस दिनों से चल रही सर्राफा व्यापारियों की देशव्यापी हड़ताल के आगे झुकती नजर आ रही है। उसने बुधवार को घोषित किया कि वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी शुक्रवार, 6 अप्रैल को नई दिल्ली में प्रमुख शहरों के आभूषण निर्माताओं के प्रतिनिधियों से मिलेंगे। संबंधित संस्‍थाओं से इस बैठक के लिए अपने दो प्रतिनिधियों को मनोनीत करने को कहा गया है। संकेत इस बात का है कि अनब्रांडेड आभूषणों पर लगाई गई एक फीसदी एक्साइज ड्यूटी वापसऔरऔर भी

आयकर विभाग के खिलाफ मुकदमा लड़ रही देश की दूसरे नंबर की जीएसएम मोबाइल सेवा कंपनी वोडाफोन ने विभाग पर आरोप लगाया है कि वह कानूनों को तोड़-मरोड़ कर नई व्याख्या कर रहा है। आयकर विभाग ने हचिसन-एस्सार के अधिग्रहण के मामले में कंपनी को हजारों करोड़ रूपए के कर और जुर्माने का नोटिस दे रखा है। उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने कल, शुक्रवार को वोडाफोन को आयकर विभाग के सामने पेश होने का आदेश दियाऔरऔर भी

आलोचकों की आलोचनाओं को धता बताते हुए बाजार में बजट का उत्साह कायम है। मंगलवार को सेंसेक्स और निफ्टी साढ़े तीन फीसदी बढ़ गए। वैसे, सच कहूं तो हमें इस बात की कतई परवाह नहीं करनी चाहिए कि कोई बजट के बारे में क्या कह रहा है क्योंकि हकीकत यही है कि इस बार का बजट पिछले साल से बेहतर है और ऐसे सुधारों से भरा हुआ है जो शेयर बाजार को नई ऊंचाई पर ले जाऔरऔर भी

साल भर पहले जब सरकार ने घोषित किया था कि वह राजकोषीय घाटे को जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) के 5.5 फीसदी तक सीमित रखेगी, तब उसका यह लक्ष्य और दावा बड़ा अतार्किक लग रहा था। लेकिन 3जी स्पेक्ट्रम की नीलामी से मिले अतिरिक्त धन की बदौलत सरकार राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 5.1 फीसदी तक लाने में कामयाब रही है। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी की यह एक बड़ी उपलब्धि है। हालांकि आस्तियों को बेचना घाटे को पूराऔरऔर भी

वित्त वर्ष 2011-12 का बजट देश और देश की अर्थव्यवस्था के हित में है। शेयर बाजार अभी इसे अपने हित में मानता है या नहीं, इससे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता क्योंकि आखिरकार अर्थव्यवस्था ही बाजार की भी मजबूती का आधार बनती है। फिर आज अगर बीएसई सेंसेक्स करीब 600 अंक उछला है तो जरूर बाजार ने भी इसका अहसास किया है। हालांकि सेंसेक्स बाद में केवल 122.49 अंकों या 0.69 फीसदी की बढ़त के साथ 17,823.40 परऔरऔर भी

जल्दी ही देश के बहुत सारे नौकरीपेशा लोगों को टैक्स-रिटर्न भरने के झंझट से निजात मिल जाएगी। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने वित्त वर्ष 2011-12 का आम बजट पेश करते हुए यह घोषणा की। उनका कहना था कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) जल्दी ही ऐसे नौकरीपेशा करदाताओं की श्रेणी घोषित करेगा जिन्हें आयकर रिटर्न फाइल करने की जरूरत नहीं होगी क्योंकि उनका टैक्स तो नियोक्ता द्वारा टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) के जरिए पहले ही अदाऔरऔर भी

बॉम्बे हाईकोर्ट ने आयकर विभाग के खिलाफ दायर ब्रिटिश कंपनी वोडाफोन की वह याचिका खारिज कर दी है जिसमें उसने कहा था कि विभाग को भारतीय सीमा से बाहर हुए विलय के सौदे पर टैक्स लगाने का कोई अधिकार नहीं है। कोर्ट ने बुधवार को सुनाए गए अंतिम फैसले में कहा है कि अधिकार क्षेत्र के आधार पर आयकर विभाग के आदेश को रोका नहीं जा सकता। अब वोडाफोन को करीब 12,000 करोड़ रुपए का टैक्स अदाऔरऔर भी

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती या टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) के सर्टिफिकेट से लेकर उसके जमा करने के तरीके और निर्धारित तारीखों में बदलाव कर दिया है। ये बदलाव चालू वित्त वर्ष की शुरुआत यानी 1 अप्रैल 2010 के बाद से लागू किए गए हैं। एक अहम बदलाव तो यह है कि पहले जहां वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही में काटे गए टीडीएस का रिटर्न 15 जून तक देना होता था,औरऔर भी