आयकर विभाग के खिलाफ मुकदमा लड़ रही देश की दूसरे नंबर की जीएसएम मोबाइल सेवा कंपनी वोडाफोन ने विभाग पर आरोप लगाया है कि वह कानूनों को तोड़-मरोड़ कर नई व्याख्या कर रहा है। आयकर विभाग ने हचिसन-एस्सार के अधिग्रहण के मामले में कंपनी को हजारों करोड़ रूपए के कर और जुर्माने का नोटिस दे रखा है।
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने कल, शुक्रवार को वोडाफोन को आयकर विभाग के सामने पेश होने का आदेश दिया है। पर कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि आयकर विभाग जुर्माने का कोई आदेश पारित करता है तो उसे अदालत के अगले आदेश तक लागू नहीं किया जा सकता।
वोडाफोन ने कहा कि उसे यह बात समझ नहीं आ रही है कि विभाग ऐसे मामले में किस तरह जुर्माना लगा सकता है जबकि विभाग मामले को खुद एक विशेष मामला मानता है। कंपनी का कहना है कि विदेशी कंपनियों के शेयर हस्तांतरण में इस तरह की कर वसूली का कोई उदाहरण नहीं दिखाई देता है।
दूरसंचार कंपनी ने एक बयान में कहा, ‘‘वह कर विभाग के कदम से आश्चर्यचकित है। भारत का कानून कर विभाग को उस तरह के मामलों में जुर्माना लगाने से रोकता है, जहां संबंधित कंपनी ने उचित कानूनी सलाह और पुराने मामलों के अनुभव के आधार पर काम किया हो, अथवा ऐसे मामले जहां कोर्ट ने पहली बार कर लगाने का फैसला दिया हो।’’
वोडाफोन ने 2007 में हचिसन-एस्सार में हचिसन की 67 फीसदी हिस्सेदारी 11 अरब डॉलर के सौदे में खरीदी थी। आयकर विभाग ने हिस्सेदारी खरीद के समय कर-कटौती नहीं करने के लिए वोडाफोन से दो अरब डॉलर का कर चुकाने को कहा है।