न्यूनतम रिस्क, अधिकतम रिटर्न। हर कोई यही चाहता है। यह चाह पूरी की जा सकती है, बशर्ते हम भरपूर नाप-जोख कर लें। बाज़ार में भगवान तो ट्रेडिंग करता नहीं। जो भी करते हैं इंसान ही करते हैं। अल्गो ट्रेडिंग की डोर इंसान ही संभालता है। कुछ इंसान बाज़ार का रुख तय करते हैं, जबकि ज्यादातर इंसान इस रुख में बहते हैं। हमें इन्हीं कुछ इंसानों की चाल को पकड़ने का हुनर सीखना है। रुख करें बाज़ार का…औरऔर भी

फैसला हो गया। टेक महिंद्रा अब महिंद्रा सत्यम की बची हुई 61.35 फीसदी इक्विटी भी खरीद लेगी। इसके लिए वह महिंद्रा सत्यम के शेयधारकों को हर 17 शेयर पर अपने (टेक महिंद्रा के) दो शेयर जारी करेगी। धन का कोई लेनदेन नहीं, सारा मामला शेयरों से निपटा लिया जाएगा। ध्यान दें कि महिंद्रा सत्यम के शेयर दो रुपए अंकित मूल्य के हैं, जबकि टेक महिंदा के शेयरों का अंकित मूल्य दस रुपए है। दोनों कंपनियों के निदेशकऔरऔर भी

महिंद्रा सत्यम (पुराना नाम सत्यम कंप्यूटर) और टेक महिंद्रा के निदेशक बोर्ड बुधवार को दोनों कंपनियों विलय पर विचार-विमर्श करेंगे। मंगलवार को इस घोषणा के बाद महिंद्रा सत्यम का शेयर 4.66 फीसदी बढ़कर 74.15 रुपए और टेक महिंद्रा का शेयर 5.13 फीसदी बढ़कर 648.35 रुपए पर बंद हुआ। माना जा रहा है कि सत्यम महिंदा को टेक महिंद्रा में मिला दिया जाएगा और महिंद्रा सत्यम के शेयरधारकों को अपने 9 शेयरों के बदले टेक महिंद्रा का एकऔरऔर भी

महिंद्रा एंड महिंद्रा समूह का हिस्सा बन चुकी महिंद्रा सत्यम तीन साल पुराने उस दाग को पूरी तरह निकाल देने में लगी है, जब उसका नाम सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज हुआ करता था और उसके मूल प्रवर्तक रामालिंगा राजू ने कंपनी के खातों में करीब 14,000 करोड़ रुपए की गड़बड़ी की थी। राजू ने 7 जनवरी 2009 को किए गए खुलासे में खातों में करीब 7800 करोड़ के घपले की बात मानी थी। लेकिन बाद में यह रकमऔरऔर भी

हैदराबाद की एक स्थानीय अदालत ने सत्यम घोटाले के मुख्य आरोपी बी रामलिंगा राजू और सात अन्य आरोपियों को जमानत देने से इनकार कर दिया है। गुरुवार को अदालत ने इन सभी की जमानत याचिका खारिज कर दी। सत्यम घोटाले की सुनवाई 31 जुलाई तक की तय समयसीमा में पूरी न होने के कारण राजू और अन्य आरोपियों ने सोमवार को अतिरिक्त चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट से जमानत की अपील की थी। राजू के अलावा सत्यम के पूर्वऔरऔर भी

सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज में करोड़ों रुपए के घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने गवाहों की संख्या घटाकर 220 कर दी है, जबकि चार्जशीट में उसने 690 गवाहों का उल्लेख किया था। असल में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद जांच प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए सीबीआई ने गवाहों की संख्या घटाई है। सीबीआई के डीआईजी लक्ष्मी नारायण ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुताबिक, चार्जशीट के दावों को मजबूत करनेवाले तथ्यों से जुड़ेऔरऔर भी

बीमा नियामक संस्था, आईआरडीए (इरडा) ने अपनी आईटी परियोजना के लिए इनफोसिस और महिन्द्रा सत्यम सहित चार आईटी फर्मो को छांटा है। प्रभावी पर्यवेक्षण के लक्ष्य को हासिल करने के लिए इरडा ने अपनी बिजनेस एनालिटिक्स परियोजना (बीएपी) के वास्ते आईटी कंपनियों से निविदा आमंत्रित की थी। इस परियोजना के तहत बीमा कंपनियों व नियामकीय निर्णय प्रक्रिया के विश्लेषण के लिए आवश्यक आंकड़े व सूचना उपलब्ध कराई जाएगी। इरडा द्वारा जिन दो अन्य आईटी कंपनियों को छांटाऔरऔर भी

महिंदा सत्यम का शुद्ध लाभ चालू वित्त 2010-11 की दिसंबर में समाप्त तिमाही 79.10 करोड़ रुपए रहा है। यह सितंबर तिमाही के शुद्ध लाभ 28.50 करोड़ रुपए से 177.54 फीसदी ज्यादा है। दिसंबर तिमाही में अकेले आधार पर कंपनी की आय 1193.5 करोड़ रुपए रही है जो सितंबर तिमाही की आय 1150.80 करोड़ रुपए की आय से 3.71 फीसदी अधिक है। बता दें कि महिंद्रा समूह के अधीन आने के बाद कंपनी लगातार आगे बढ़ रही है।औरऔर भी

भाई लोगों ने नतीजे घोषित होने से पहले महिंद्रा सत्मय की क्या धुनाई की है? बीएसई में यह शेयर खुला पहले से बढ़कर 87 रुपए पर। दोपहर साढ़े बारह बजे तक 88.40 रुपए तक पहुंच गया। शेयर कमोबेश इसी दायरे में चल रहा था कि अचानक पौने दो बजे के आसपास खिलाड़ी लोग इसे गिराकर 81.90 रुपए तक ले गए। फिर तो शाम को बाजार की समाप्ति तक यह दबा-दबा ही रहा और बंद हुआ शुक्रवार केऔरऔर भी

सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज का नाम भारतीय कॉरपोरेट जगत के इतिहास में काले अक्षरों से लिखा जा चुका है। लेकिन यह नाम अब खुद धीरे-धीरे मिटता जा रहा है। अभी महिंद्रा सत्यम बना है। साल-छह महीने में पूरी की पूरी कंपनी टेक महिंद्रा में विलीन हो सकती है। लेकिन आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि महिंद्रा सत्यम राजू की प्रेतछाया से पूरी तरह मुक्त होने के बाद आज चालू वित्त वर्ष की पहली दो तिमाहियों (जून वऔरऔर भी