महिंदा सत्यम का शुद्ध लाभ चालू वित्त 2010-11 की दिसंबर में समाप्त तिमाही 79.10 करोड़ रुपए रहा है। यह सितंबर तिमाही के शुद्ध लाभ 28.50 करोड़ रुपए से 177.54 फीसदी ज्यादा है। दिसंबर तिमाही में अकेले आधार पर कंपनी की आय 1193.5 करोड़ रुपए रही है जो सितंबर तिमाही की आय 1150.80 करोड़ रुपए की आय से 3.71 फीसदी अधिक है। बता दें कि महिंद्रा समूह के अधीन आने के बाद कंपनी लगातार आगे बढ़ रही है। कंपनी ने 2009-10 में 5100.50 करोड़ रुपए की आय पर 71.20 करोड़ रुपए का घाटा उठाया था। लेकिन चालू वर्ष की हर तिमाही में उसे शुद्ध लाभ हुआ है।
कंपनी के अच्छे लाभ के असर से सोमवार को उसके शेयर बीएसई में 11.66 फीसदी बढ़कर 64.65 रुपए पर बंद हुए। दिन में इसमें एक समय 14 फीसदी तक बढ़त दर्ज की गई थी। आपको पता ही होगा कि पहले इसका नाम सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज था। इसके मूल प्रवर्तक रामालिंगा राजू ने इसके खातों में ऐसा घपला किया है कि कंपनी देश के सबसे बड़े कॉरपोरेट फ्रॉड का नमूना बन गई।
बाद में महिंद्रा समूह ने इसे खरीद लिया और इसे महिंद्रा सत्यम का नया नाम दिया। कंपनी अंततः टेक महिंद्रा में विलीन हो सकती है। लेकिन महिंद्रा समूह इससे पहले इसे इसकी पुरानी प्रतिष्ठा तक पहुंचा देना चाहता है। बता दें कि सत्यम एक समय देश में टीसीएस, इनफोसिस व विप्रो के बाद सॉफ्टवेयर निर्यात में देश की चौथे नंबर की कंपनी रही है।