भारतीय डाक तंत्र के दो हजार साल

ई-मेल और मोबाइल फोन के आज के युग से काफी पहले सत्रहवीं सदी के शुरू में भारत में एक हिस्से से दूरे हिस्से तक कबूतरों, नंगे पांव दौड़नेवाले वाहकों और बैलगाड़ियों के जरिए संदेश पहुंचाए जाते थे। भारतीय डाक व्यवस्था के तमाम पहलुओं पर स्टीव बोर्गिया ने एक नई किताब ‘पिजंस टू पोस्ट’ लिखी है। यह किताब लगभग दो हजार साल पुराने भारतीय डाक तंत्र का इतिहास बताती है। इसमें पुराने डाकखानों, सैकड़ों साल पुराने जीर्ण शीर्ण पोस्ट बॉक्स और डाक टिकट छापनेवाली प्रिंटिंग प्रेसों की तस्वीरें हैं।

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