आम भारतीय, खासकर किसान सोने को कभी अपने से जुदा नहीं करता। वह उसे लक्ष्मी का रूप मानता है। लेकिन अब फसल खराब होने और आय का दूसरा साधन न होने के कारण किसान कर्जौं को उतारने और खाद व बीज का दाम चुकाने के लिए सोना बेच रहे हैं। इस साल देश के कई भागों पर पड़े सूखे या कम बारिश से उनका ये हाल हुआ है। बॉम्बे बुलियन एसोसिएशन का अनुमान है कि किसानों केऔरऔर भी

रिजर्व बैंक ने चार और बैंकों को देश में सोना-चांदी आयात करने की इजाजत दे दी है। ये बैंक हैं – यस बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, सिटी यूनियन बैंक और आईएनजी वैश्य बैंक। इन्हें मिलाकर अब कुल 35 बैंक देश में सोना-चांदी का आयात कर सकते हैं। बता दें कि भारत दुनिया में सोने का सबसे बड़ा आयातक देश बना हुआ है। लेकिन हर किसी को बाहर से सोना मंगाने की इजाजत नहीं है। केवल रिजर्व बैंकऔरऔर भी

देश में सोने के जेवरों की हॉलमार्किंग जल्दी ही अनिवार्य कर दी जाएगी। फिलहाल केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को कानून में इसके लिए जरूरी संशोधन को मंजूरी दे दी। अब यह संसद के दोनों सदनों में पास होने के बाद कानून बन जाएगा। सरकार के एक बड़े अधिकारी के मुताबिक, इस काम में कम से कम सात से आठ महीने लग सकते हैं। जानकारों का कहना है कि इससे सबसे बड़ी बात यह होगी कि देश भरऔरऔर भी

करीब हफ्ते भर पहले ही खबर आई थी कि हर दिन करीब तीन करोड़ से ज्यादा यात्रियों को ढोनेवाली भारतीय रेल ने पिछले कई सालों से अपना बीमा नहीं करा रखा है और आये-दिन होनेवाली दुर्घटनाओं की भरपाई अपनी जेब से करती है। अब पता चला है कि मुंबई में आतंकवादी हमले का शिकार हुए ओपेरा हाउस व झावेरी बाजार के करीब एक-चौथाई हीरा व आभूषण व्यापारियों ने भी अपना बीमा नहीं करा रखा है। बॉम्बे बुलियनऔरऔर भी