रिजर्व बैंक ने चार और बैंकों को देश में सोना-चांदी आयात करने की इजाजत दे दी है। ये बैंक हैं – यस बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, सिटी यूनियन बैंक और आईएनजी वैश्य बैंक। इन्हें मिलाकर अब कुल 35 बैंक देश में सोना-चांदी का आयात कर सकते हैं।
बता दें कि भारत दुनिया में सोने का सबसे बड़ा आयातक देश बना हुआ है। लेकिन हर किसी को बाहर से सोना मंगाने की इजाजत नहीं है। केवल रिजर्व बैंक की तरफ से अनुमति पानेवाले बैंक और कंपनियां ही ऐसा कर सकती हैं। बैंकों के अलावा राजेश एक्सपोर्ट्स, टाइटन इंडस्ट्रीज और गीतांजलि जेम्स जैसी लिस्टेड कंपनियों को भी बाहर से सोना मंगाने की अनुमति मिली हुई है।
कारोबारियों का कहना है कि इससे आयात करनेवाले बैंकों में होड़ बढ़ेगी जिसका अंतिम फायदा उपभोक्ता को मिलेगा। इससे सर्राफे पर प्रीमियम को कम करने में मदद मिलेगी। सिंगापुर के एक सर्राफा डीलर का कहना है, “यह कदम इसलिए नहीं उठाया गया है कि भारत में मांग और ज्यादा बढ़ गई है, बल्कि इसका मकसद बाजार में ज्यादा स्पर्धा लाना है ताकि ग्राहकों को और ज्यादा चयन का मौका मिल सके।”
बॉम्बे बुलियन एसोसिएशन के मुताबिक 2010 में देश में 958 टन सोना आयात हुआ था। लेकिन 2011 में कीमतों के बढ़ने की वजह से यह मात्रा संभवतः घटकर 878 टन रह गई है। एसोसिएशन को अंदेशा है कि 2012 की पहली तिमाही में सोने का आयात पहले से घटकर आधा रह जाएगा।