दोपहर साढ़े बारह बजे तक सब ठीक था। बाजार सपाट। न ऊपर, न ज्यादा नीचे। निफ्टी 5336.15 पर था, जबकि निफ्टी फ्यूचर्स 5353.55 के शिखर पर। फिर अचानक जाने क्या हुआ कि 2 बजकर 26 मिनट पर निफ्टी में वोल्यूम एकदम गिरकर गया और निफ्टी फ्यूचर्स सीधे 5000 की खाईं में जा गिरा। स्पॉट बाजार पर भी इसका सीधा असर पड़ा। आखिर ऐसा क्यों और कैसे हुआ? छानबीन जारी है। तमाम डीलरों का कहना है कि ऐसाऔरऔर भी

अण्णा हज़ारे के नौ दिनों के अनशन ने कांग्रेस ही नहीं, सभी राजनीतिक पार्टियों की नींद हराम कर दी है। उन्होंने बुधवार को हुई सर्वदलीय बैठक में अण्णा से अनशन खत्म करने की अपील तो की है। लेकिन उन्हें न तो टीम अण्णा की शर्तें मंजूर हैं और न ही जन लोकपाल बिल। यही वजह है कि राजधानी दिल्ली में सात रेस कोर्स स्थित प्रधानमंत्री आवास पर हुई सभी दलों की बैठक बेनतीजा साबित हुई। असल मेंऔरऔर भी

लोकपाल मसौदा विधेयक के दो संस्करण कैबिनेट को भेजने के सरकार के निर्णय पर ‘आश्चर्य’ जताते हुए गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता अण्णा हज़ारे ने कहा है कि सख्त लोकपाल कानून बनाने की केन्द्र की कोई मंशा नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर कमजोर कानून बना तो वह 16 अगस्त से फिर अनशन करेंगे। गुरुवार को हज़ारे ने कहा कि सरकार ने बीते अप्रैल में लोकपाल मसौदा समिति का गठन कर वादा किया था कि यह समिति ‘आम सहमति’औरऔर भी

रामदेव का अनशन तो नौ दिन में निपट गया। लेकिन उत्तराखंड में लंबे अनशनों की लंबी पंरपरा है। सबसे लंबे अनशन का रिकॉर्ड 84 दिनों का है। 1940 के दशक में टिहरी में लोकतंत्र के लिए संघर्ष करने वाले गांधीवादी दिवंगत श्रीदेव सुमन ने अपनी कैद के दौरान 84 दिनों तक अनशन रखा था। अनशन के 84वें दिन उनका निधन हो गया था। चिपको आंदोलन के नेता सुंदर लाल बहुगुणा ने 74 दिनों का अनशन रखा था।औरऔर भी

बाबा रामदेव के दबाव में सरकार द्वारा काले धन को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित करने पर विचार के लिए गठित उच्च स्तरीय समिति की पहली बैठक इसी हफ्ते होने की उम्मीद है। लेकिन जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के प्रोफेसर अरुण कुमार का कहना है कि काले धन के खिलाफ कार्रवाई में समितियों और अध्ययन के बहाने देरी से भ्रष्ट नेताओं, व्यापारियों व नौकरशाहों को अपना अवैध धन दिखावटी कंपनियों में लगाने का मौका मिल जाएगा। जेएनयू मेंऔरऔर भी

सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाली कांग्रेस-नीत यूपीए सरकार गांधीवादी विरोध के तौरतरीकों को पचा नहीं पा रही है। यही वजह है कि उसने गांधीवादी कार्यकर्ता अण्णा हज़ारे को जंतर मंतर पर कल (बुधवार) को एक दिन विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी। हज़ारे अब टकराव को टालने के लिए महात्मा गांधी की समाधि, राजघाट पर पर अनशन करेंगे। यह घोषणा हज़ारे के सहयोगी अरविंद केजरीवाल, प्रशांत भूषण और किरण बेदी ने की। साथ ही उन्होंने जोर देकरऔरऔर भी

मानसून की सही व अच्छी शुरूआत, लेकिन आर्थिक विकास दर में कमी, कंपनियों के लाभार्जन का सिकुड़ना और मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर को बैंकों के ऋण-प्रवाह में कमी। यह सब ऐसी बातें हैं जिनके सम्मिलित प्रभाव से हो सकता है कि रिजर्व बैंक अब ब्याज दरों को बढ़ाने का सिलसिला रोक दे। हालांकि चीन सीआरआर (केंद्रीय बैंक के पास बैंकों द्वारा अनिवार्य रूप से रखा जानेवाला कैश) में एक और वृद्धि करनेवाला है। लेकिन भारत में ब्याज दर कीऔरऔर भी

बाबा रामदेव प्रकरण पर कांग्रेस और यूपीए सरकार में फजीहत झेल रहे मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्ब्ल अब धर्मगुरुओं को पटाने में जुट गए हैं। सोमवार को उन्होंने पुरी के शंकराचार्य अधोक्षानंद को दिल्ली बुलाकर मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद अधोक्षानंद ने बाबा रामदेव के खिलाफ सरकार की कार्रवाई का समर्थन किया। उन्होंने इस संकट का पूरा दोष योगगुरू पर लगाते हुए कहा कि उन्हें अब भगवा चोला त्याग देना चाहिए। पुरी के शंकराचार्य नेऔरऔर भी

बाजार उठने की पुरजोर कोशिश करता रहा। दो बजे तक मंदड़िए हावी रहे। लेकिन उसके बाद तेजड़िए इसे आगे ले जाने में कामयाब रहे। उन्होंने लांग पोजिशन बना रखी है जबकि दूसरे कारोबारी शॉर्ट हुए पड़े हैं। इसलिए यह बड़ी बात है कि बाजार अंत में बढ़त लेकर बंद हुआ है। निफ्टी में 0.28 फीसदी तो सेंसेक्स में 0.24 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई है। इससे पूरे हफ्ते की दशा-दिशा तय हो सकती है। आज की बढ़तऔरऔर भी

जो बाबा रामदेव शनिवार शाम तक केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के खुलासे के बाद भीगी बिल्ली बने नजर आ रहे थे, वे आधी रात की पुलिस कार्रवाई के बाद अब दहाड़ते शेर बन गए हैं। कांग्रेस और उसके पल्लू में प्रासंगिकता खोजते लालू यादव के अलावा सभी राजनीतिक दल बाबा व उनके समर्थकों पर हुई कार्रवाई को लोकतंत्र पर सांघातिक हमला बता चुके है। अब सुप्रीम कोर्ट ने भी केंद्र सरकार को घेरे में ले लिया है।औरऔर भी