बेचनेवाला बेचे तो क्या! बाकी बेफिक्र

बाजार उठने की पुरजोर कोशिश करता रहा। दो बजे तक मंदड़िए हावी रहे। लेकिन उसके बाद तेजड़िए इसे आगे ले जाने में कामयाब रहे। उन्होंने लांग पोजिशन बना रखी है जबकि दूसरे कारोबारी शॉर्ट हुए पड़े हैं। इसलिए यह बड़ी बात है कि बाजार अंत में बढ़त लेकर बंद हुआ है। निफ्टी में 0.28 फीसदी तो सेंसेक्स में 0.24 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई है। इससे पूरे हफ्ते की दशा-दिशा तय हो सकती है। आज की बढ़त इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह बाबा रामदेव के प्रकरण के बावजूद हासिल हुई है। आमतौर पर ऐसी घटनाओं पर बाजार थोड़ा नर्वस हो जाता है और कुछ दिन बाद ही सामान्य हो पाता है।

इसमें कोई दो राय नहीं कि बाबा रामदेव व उनके समर्थकों पर पुलिस कार्रवाई का मसला राजनीतिक रंग ले चुका है। लेकिन सच कहूं तो मुझे यह केंद्र सरकार के सामने आनेवाले बड़े खतरे से लोगों का ध्यान हटाने की कोशिश नजर आती है। आगे बाजार पर इसका कितना असर पड़ेगा, यह इससे तय होगा कि कुल मिलाकर राजनीतिक हालात क्या बनते हैं, विपक्ष कितना हमलावर हो पाता है और जनता भ्रष्टाचारस कालेधन व सरकारी दमन के खिलाफ कितना लामबंद हो पाती है।

इस बीच मानसून की प्रगति सुखद चल रही है। जून के पहले हफ्ते में औसत से 12 फीसदी अधिक बारिश हुई है। लेकिन राजनीतिक घटनाक्रम बाजार पर थोड़ा असर तो जरूर दिखाएंगे। वैसे, हमारे बाजार के बारे में यह विचित्र किंतु सत्य है कि जो बेचकर बाजार से निकल जाना चाहते हैं, उनके (रिटेल निवेशक) पास ज्यादा कुछ बेचने को है नहीं, और जो सचमुच बाजार का बना-बिगाड़ सकते है, उन (एफआईआई) पर ऐसे मसलों से खास फर्क नहीं पड़ता। उनके लिए घरेलू सामाजिक-राजनीतिक मुद्दों के कहीं ज्यादा मतलब अर्थव्यवस्था, मुद्रास्फीति और ब्याज दरों में वृद्धि का है।

वैसे, अभी जो आर्थिक हालात हैं, वे आदर्श स्थिति में किसी एफआईआई के लिए भी खरीद का अच्छा मौका पेश कर रहे हैं। मानसून पटरी पर है। मुद्रास्फीति के गिरते जाने के आसार हैं। इसलिए संभव है कि एफआईआई इधर सूझ-बूझ से अपनी खरीद बढ़ा डालें। इस बीच सऊदी अरब ने भी कह दिया कि वह कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ा रहा है। इससे कच्चे तेल में अंतरराष्ट्रीय दामों में और नरमी आ सकती है। यह भी नोट किया जाना चाहिए कि इस समय सिस्टम में पर्याप्त तरलता है। किसी दिन अगर कोई बड़ी सकारात्मक घटना होती है तो बाजार में बड़ी खरीद हल्की बिकवाली पर भारी पड़ जाएगी और बाजार बिना किसी दबाव के तब नई ऊंचाई पकड़ सकता है।

लॉयड्स स्टील की डील लगभग पक्की है, भले ही उत्तम गल्वा स्टील्स के प्रबंधन ने मीडिया के कुछ हिस्सों में आधिकारिक तौर पर इसका खंडन किया है। वैसे, इनसाइडर ट्रेडिंग के नियमों के चलते इस तरह का खंडन होना लाजिमी है। यूफ्लेक्स की डील के बारे में डीएनए अखबार ने खबर छाप दी है। हालांकि इसकी खबर हमने सबसे पहले तब दी थी, जब यह शेयर 172 रुपए पर था। अब 212.15 रुपए पर है। सूत्रों के मुताबिक सेंचुरी टेक्सटाइल्स ने वोग टेक्सटाइल्स का अधिग्रहण कर लिया है। यह अलग बात है कि अभी वोग टेक्सटाइल्स के स्टॉक पर लोअर सर्किट लगा हुआ है। केन्नामेटल भी डीलिस्टिंग की घोषणा करनेवाली है। इसके स्टॉक में इधर थोड़ी सक्रियता बढ़ गई है।

हमने कल इसी कॉलम में कहा था कि चालू जून महीने में नीचे की तरफ बाजार के 5250 और ऊपर की तरफ 5735 तक जाने की संभावना है। इसलिए मेरी सलाह है कि ट्रेडरों को इस दौरान बहुत ही ज्यादा सावधानी से ट्रेड करना चाहिए।

बड़े-बड़े गुरू-झानी कहते हैं कि खुद को जानो, खुद को पाओ। यह नियतिवाद की थोथी सोच है। मैं तो कहता हूं कि जिंदगी का असली मतलब खुद को पाना नहीं, बल्कि खुद का सृजन करना है।

(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होंगे। यह मूलत: सीएनआई रिसर्च का फीस-वाला कॉलम है, जिसे हम यहां मुफ्त में पेश कर रहे हैं)

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