जान-बूझकर बैंकों का लोन न लौटानेवाले मोदीराज में बराबर मनबढ़ होते जा रहे हैं। चालू वित्त वर्ष 202-21 की पहली छमाही (अप्रैल से सितंबर) में देश के सबसे बड़े आठ बैंकों के ऐसे लोन 37,000 करोड़ रुपए बढ़ गए हैं, जबकि पिछले साल के इन्हीं छह महीनों में उनके ऐसे लोन लगभग 10,000 करोड़ रुपए बढ़े थे। इस तरह साल भर पहले की तुलना में ऐसे लोन 270 प्रतिशत बढ़ गए हैं। यह सच देश में लोनऔरऔर भी

स्ट्राइड्स आर्कोलैब है तो 1990 में बनी और बैंगलोर में जमी भारतीय फार्मा कंपनी, लेकिन इसका तंत्र विश्व स्तर पर फैला हुआ है। अमेरिका, ब्राजील, मेक्सिको, इटली, पोलैंड व सिंगापुर में उत्पादन संयंत्र हैं तो करीब 70 देशों में मार्केटिंग नेटवर्क। देश में इसकी उत्पादन इकाइयां बैंगलोर, मैंगलोर, भरुच (गुजरात) और बोइसर (ठाणे, महाराष्ट्र) में हैं। बनाती तो जेनेरिक से लेकर ब्रांडेड फार्मा उत्पाद है। लेकिन ज़ोर स्टेराइल इंजेक्टेबल्स पर है। वह दुनिया के सबसे बड़ी सॉफ्टऔरऔर भी

कल तक हमारे वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी कह रहे थे कि रुपए की हालत विदेशी वजहों से बिगड़ी है और रिजर्व बैंक के हस्तक्षेप से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। लेकिन आज शेयर बाजार को लगे तेज झटके से वे ऐसा सहम गए कि बाकायदा बयान जारी कर डाला कि, “रिजर्व बैंक रुपए की हालत पर बारीक निगाह रखे हुए हैं। मुझे यकीन है कि जो भी जरूरी होगा, रिजर्व बैंक करेगा।” यही नहीं, उन्होंने कहा कि डेरिवेटिवऔरऔर भी

ऑस्ट्रेलिया की प्रधानमंत्री जूलिया गिलार्ड ने भारत को यूरेनियम के निर्यात पर लगी रोक हटाने की पेशकश की है। गिलार्ड का कहना है कि अब वक्त आ गया है जब पुरानी स्थिति बदल दी जानी चाहिए। सिडनी में अगले महीने होने जा रहे लेबर पार्टी के सालाना सम्मेलन में इस मुद्दे पर चर्चा होगी और माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नीतियों में बदलाव के लिए सहमति हासिल कर लेंगी। मंगलवार को मेलबर्न पत्रकारों से बातचीत मेंऔरऔर भी

दुनिया में कही भी कोई क्रिकेट टेस्ट मैच 7.50 लाख पाउंड (करीब 5.75 करोड़ रुपए) में फिक्स कराया जा सकता है। इस बात का खुलासा लंदन की एक अदालत में सुनवाई के दौरान पेश एक वीडियो में हुआ जिसमें एक खेल एजेंट ने  अंडरकवर पत्रकार से यह बात कही है। खेल एजेंट ने दावा किया है कि वह छह पाकिस्तानी खिलाड़ियों के माध्यम से क्रिकेट मैचों के परिणाम को फिक्स कर सकता है। रूपर्ट मरडोक के बंदऔरऔर भी

दुनिया के बाजारों की पस्ती हमारे बाजार में भी पस्ती का सबब बन गई। इटली में बांडों मूल्यों का अचानक गिर जाना और ऑस्ट्रेलिया में कोयला खनन पर टैक्स लगाने जैसी बातों ने माहौल को और बिगाड़ दिया। फिर भी भारतीय बाजार अपेक्षाकृत संभले रहे। मिड-कैप स्टॉक्स में देशी-विदेशी फंडों की खरीद जारी है। एप्टेक, एलएमएल, एसीसी और टाटा मोटर्स के नॉन वोटिंग शेयरों वगैरह को तवज्जो मिल रही है। निफ्टी गिरा जरूर, लेकिन 5600 के नीचेऔरऔर भी

ऑस्ट्रेलिया में एक दशक  में भारतीय मूल के लोगों की तादाद तिगुनी से ज्यादा हो गई। 2010 तक के आंकड़ों के अनुसार वहां भारतीय मूल के लोगों की आबादी 3.40 लाख है, जबकि वर्ष 2000 में यह 96,000 थी। इस दौरान वहां एशियाई मूल के सारे लोगों की आबादी 10.03 लाख से बढ़कर 20.01 लाख हो गई, जबकि ब्रिटिश मूल के लोगों की आबादी 12 लाख के आसपास है। वर्ष 1947 में वहां सिर्फ 0.3% ही एशियाईऔरऔर भी

करीब दस महीने हमने इसी कॉलम में आईसीआईसीआई सिक्यूटिरीज की रिसर्च रिपोर्ट के हवाले 11 अगस्त को लिखा था कि जीवीके पावर एंड इंफ्रस्ट्रक्चर के शेयर में 20 फीसदी बढ़त की पूरी गुंजाइश है। शेयर तब 43.80 रुपए पर था। ब्रोकरेज फर्म का आकलन था कि यह साल भर में आराम से 53-54 रुपए पर चला जाएगा। हालांकि वो महीने भर में 13 सितंबर 2010 को 51.45 रुपए के शिखर तक चला गया। लेकिन उसके बाद ऐसाऔरऔर भी

लैंको इंफ्राटेक (बीएसई – 532778, एनएसई – LITL) साल 2011 की शुरुआत में 3 जनवरी को 65.55 रुपए पर था। शुक्रवार 4 मार्च को 2.76 फीसदी गिरकर 36.95 रुपए पर बंद हुआ है। वह भी तब जब 3 मार्च को सीएलएसए ने इसे ‘आउटपरफॉर्म’ की रेटिंग देते हुए खरीदने की सलाह दी है। सीएलएसए का कहना है कि उसने कंपनी की ऋणग्रस्तता की गणना की है और यह शेयर 47 रुपए तक जा सकता है। यानी, जोऔरऔर भी

ऑयल इंडिया सरकार की नवरत्न कंपनी है। कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस के धंधे में है। सितंबर 2009 में इसका आईपीओ 1050 रुपए प्रति शेयर मूल्य पर आया था। शुक्रवार को यह बीएसई (कोड – 533106) में 3.18 फीसदी की गिरावट के साथ 1328.70 रुपए और एनएसई (कोड – OIL) में 2.32 फीसदी गिरकर 1336.30 रुपए पर बंद हुआ है। हो सकता है आज भी गिरावट आए। लेकिन कंपनी के कामकाज और भावी योजनाओं को देखें तोऔरऔर भी