दुनिया के बाजारों की पस्ती हमारे बाजार में भी पस्ती का सबब बन गई। इटली में बांडों मूल्यों का अचानक गिर जाना और ऑस्ट्रेलिया में कोयला खनन पर टैक्स लगाने जैसी बातों ने माहौल को और बिगाड़ दिया। फिर भी भारतीय बाजार अपेक्षाकृत संभले रहे। मिड-कैप स्टॉक्स में देशी-विदेशी फंडों की खरीद जारी है। एप्टेक, एलएमएल, एसीसी और टाटा मोटर्स के नॉन वोटिंग शेयरों वगैरह को तवज्जो मिल रही है।
निफ्टी गिरा जरूर, लेकिन 5600 के नीचे नहीं गया। 5652.90 तक जाने के बाद अंत में 0.79 फीसदी की गिरावट के साथ 5616.10 पर बंद हुआ है। नोट करने की बात यह है कि डेरिवेटिव सौदों में निफ्टी में 5700, 5800 और 6000 सीरीज की कॉल्स काफी मात्रा में खरीदी गई हैं।
बाजार की अंतर्धारा अब भी तेजी की है। हालांकि मंदड़ियों ने अच्छी-खासी शॉर्ट पोजिशन बना ली है क्योंकि उन्हें लगता है कि कल अगर इनफोसिस के नतीजे बाजार को खुश नहीं कर सके तो वे निफ्टी को तोड़कर 5600 के नीचे ले जा सकते हैं। मुझे लगता है कि इनफोसिस कल 1760 करोड़ रुपए के शुद्ध लाभ की घोषणा करेगी जो बाजार की उम्मीद से बेहतर होगा। लेकिन मैं बराबर यही सलाह देता रहा हूं कि ट्रेडरों को नतीजों के दिन कंपनी में ट्रेड करने से बचना चाहिए क्योंकि उस दिन उसमें बहुत ज्यादा ऊपर-नीचे हो सकता है।
अच्छी संभावना इस बात की है कि इनफोसिस के नतीजों और भविष्य के बेहतर अनुमानों के आने से बाजार यू-टर्न ले लेगा। वैसे भी किसी एक तिमाही का खराब होना इनफोसिस जैसी कंपनी का अंत नहीं हो सकता। उसके विकास का पैमाना कोई एक तिमाही नहीं बन सकती।
अगर बाजार खुद को टिकाए नहीं रख सका, निफ्टी 5600 के नीचे चला गया और गिरावट शुरू हो गई तो मेरी सलाह है कि आप आईटीसी, हिंदुस्तान यूनिलीवर व कॉलगेट वगैरह में शॉर्ट कर डालिए यानी गिरावट के अनुमान के साथ इन्हें बेच डालिए। असल में यही स्टॉक्स हैं जिन्हें बाजार के अग्रणी स्टॉक्स रिलायंस इंडस्ट्रीज, एसबीआई, बीएचईएल, मारुति व इनफोसिस की चाल के अभाव में निफ्टी को खींचने के लिए चढ़ाया गया है।
फिर भी मुझे यकीन है कि बाजार आनेवाले महीनों में 6000 अंक के पास जाएगा। लेकिन उसके लिए बाजार को पहले 5730 के ऊपर बंद होना चाहिए। इसलिए जब तक बाजार वहां तक नहीं पहुंचता, तब तक हम खतरे के हलके में हैं जहां बुरी खबरें निफ्टी पर वार करती रहेंगी। दूसरी तरफ निफ्टी में बढ़त के लिए अच्छी खबरों से कहीं ज्यादा अच्छी खरीद की जरूरत है। ट्रेडर अपनी रणनीति इसी हिसाब से तय कर सकते हैं।
हर इंसान का जन्मसिद्ध अधिकार है कि वह निरंतर अपनी खोज करता रहे, लगातार अपना विकास करता रहे, खुद को उद्घाटित करता रहे।
(चमत्कार चक्री एक अनाम शख्सियत है। वह बाजार की रग-रग से वाकिफ है। लेकिन फालतू के कानूनी लफड़ों में नहीं उलझना चाहता। सलाह देना उसका काम है। लेकिन निवेश का निर्णय पूरी तरह आपका होगा और चक्री या अर्थकाम किसी भी सूरत में इसके लिए जिम्मेदार नहीं होंगे। यह मूलत: सीएनआई रिसर्च का फीस-वाला कॉलम है, जिसे हम यहां मुफ्त में पेश कर रहे हैं)
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