एलएलपी बन सकती हैं स्टॉक ब्रोकर: सेबी

लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप (एलएलपी) फर्म स्टॉक एक्सचेंजों की सदस्य बन सकती है और स्टॉक एक्सचेंज उसे स्टॉक ब्रोकर के रूप में पंजीकृत कर सकते हैं। यह साफ किया गया है पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी ने आज सोमवार को सभी स्टॉक एक्सचेंजों को भेजे सर्कुलर में।

सेबी ने कहा है कि सिक्यूरिटीज कांट्रैक्ट रेगुलेशन नियम, 1956 (एससीआरआर) में अलग से एलएलपी का जिक्र नहीं है क्योंकि लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप एक्ट तो उसके बाद साल 2008 में बना है। इस एक्ट के तहत एलएलपी एक कॉरपोरेट निकाय है। लेकिन 1956 के रेगुलेशन के नियम संख्या-8 के उपनियम 4-ए व 5 के मुताबिक लिमिटेड लायबिलिटी कंपनी (एलएलसी) और पार्टनरशिप फर्म स्टॉक एक्सचेंज की सदस्य बन सकती हैं। चूंकि एलएलपी मूलतः एलएलसी और पार्टनरशिप फर्म जैसी हैं, इसलिए नियम 8 (4-ए) उन पर भी लागू होता है और वे स्टॉक ब्रोकर बन सकती हैं।

सेबी ने स्टॉक एक्सचेंजों से कहा है कि वे इस स्पष्टीकरण के बाद अपने नियमों-उपनियमों में संशोधन कर दें और अब वे एलएलपी को ब्रोकर या सदस्य के रूप में पंजीकृत कर सकते हैं। बता दें कि लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप एक्ट, 2008 की अधिसूचना 31 मार्च 2009 और लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप रूल्स, 2009 की अधिसूचना 1 अप्रैल 2009 को जारी हुई। 2 अप्रैल 2009 से इनका पंजीकरण शुरू हो गया। आज, यानी 11 जुलाई 2011 की तारीख तक देश में कुल पंजीकृत एलएलपी की संख्या 5501 है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *