फैसला हो गया। टेक महिंद्रा अब महिंद्रा सत्यम की बची हुई 61.35 फीसदी इक्विटी भी खरीद लेगी। इसके लिए वह महिंद्रा सत्यम के शेयधारकों को हर 17 शेयर पर अपने (टेक महिंद्रा के) दो शेयर जारी करेगी। धन का कोई लेनदेन नहीं, सारा मामला शेयरों से निपटा लिया जाएगा। ध्यान दें कि महिंद्रा सत्यम के शेयर दो रुपए अंकित मूल्य के हैं, जबकि टेक महिंदा के शेयरों का अंकित मूल्य दस रुपए है। दोनों कंपनियों के निदेशकऔरऔर भी

महिंद्रा सत्यम (पुराना नाम सत्यम कंप्यूटर) और टेक महिंद्रा के निदेशक बोर्ड बुधवार को दोनों कंपनियों विलय पर विचार-विमर्श करेंगे। मंगलवार को इस घोषणा के बाद महिंद्रा सत्यम का शेयर 4.66 फीसदी बढ़कर 74.15 रुपए और टेक महिंद्रा का शेयर 5.13 फीसदी बढ़कर 648.35 रुपए पर बंद हुआ। माना जा रहा है कि सत्यम महिंदा को टेक महिंद्रा में मिला दिया जाएगा और महिंद्रा सत्यम के शेयरधारकों को अपने 9 शेयरों के बदले टेक महिंद्रा का एकऔरऔर भी

अमेरिका की पूंजी बाजार नियामक संस्था, एसईसी (सिक्यूरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन) ने प्राइस वॉटरहाउस कूपर्स (पीडब्ल्यूसी) की पांच भारतीय सहयोगी फर्मों पर प्रतिबंध लगा दिया है। बता दें कि सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज में घोटाले के दौरान प्राइस वॉटर हाउस कूपर्स से जुड़ी फर्में ही उसके लिए स्वतंत्र ऑडिटर का काम कर रही थीं। पीडब्ल्यूसी की इन भारतीय सहयोगी फर्मों पर लगातार सत्यम के वित्तीय खातों में गड़बड़ी वाला ऑडिट करने का आरोप लगता रहा है। इस वजहऔरऔर भी

सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज (अभी की महिंद्रा सत्यम) के खातों में 7136 करोड़ रुपए की भयंकर घपलेबाजी जब हुई थी, तब उसके ऑडिट का काम अंतरराष्ट्रीय स्तर की फर्म प्राइस वॉटरहाउस देख रही थी। देश के कॉरपोरेट जगत को हिला देनेवाले इस घोटाले में पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी ने प्राइस वॉटरहाउस के खिलाफ पहला कारण बताओ नोटिस 14 फरवरी 2009 को जारी किया था और मामले की सुनवाई 30 मार्च 2010 को शुरू हुई थी। लेकिन प्राइसऔरऔर भी

भाई लोगों ने नतीजे घोषित होने से पहले महिंद्रा सत्मय की क्या धुनाई की है? बीएसई में यह शेयर खुला पहले से बढ़कर 87 रुपए पर। दोपहर साढ़े बारह बजे तक 88.40 रुपए तक पहुंच गया। शेयर कमोबेश इसी दायरे में चल रहा था कि अचानक पौने दो बजे के आसपास खिलाड़ी लोग इसे गिराकर 81.90 रुपए तक ले गए। फिर तो शाम को बाजार की समाप्ति तक यह दबा-दबा ही रहा और बंद हुआ शुक्रवार केऔरऔर भी

सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज का नाम भारतीय कॉरपोरेट जगत के इतिहास में काले अक्षरों से लिखा जा चुका है। लेकिन यह नाम अब खुद धीरे-धीरे मिटता जा रहा है। अभी महिंद्रा सत्यम बना है। साल-छह महीने में पूरी की पूरी कंपनी टेक महिंद्रा में विलीन हो सकती है। लेकिन आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि महिंद्रा सत्यम राजू की प्रेतछाया से पूरी तरह मुक्त होने के बाद आज चालू वित्त वर्ष की पहली दो तिमाहियों (जून वऔरऔर भी

सत्यम कंप्यूटर सर्विसेज के अंतिम कायाकल्प की तैयारी है। अप्रैल 2009 में महिंद्रा समूह ने इसे खरीदने के बाद इसका नाम बदल कर महिंद्रा सत्यम कर दिया था और छह से आठ महीने के भीतर बाकायदा इसका विलय टेक महिंद्रा में कर दिया जाएगा। हालांकि इसकी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन बाजार के सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि 29 सितंबर महिंद्रा सत्यम का निदेशक बोर्ड अपनी बैठक में वित्त वर्ष 2008-09औरऔर भी