विदेशी बाजार से अच्छी हवाएं आईं तो हमारा बाजार भी बढ़ गया। लेकिन यह बहुत तात्कालिक नजरिया है। भारतीय अर्थव्यवस्था के अपने फंडामेंटल इतने मजबूत हैं कि हमारे बाजार को बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। अच्छा मानसून, पेट्रोलियम पदार्थों से मूल्य नियंत्रण हटाने जैसे साहसी सरकारी कदम, मुद्रास्फीति के दिसंबर तक 6 फीसदी पर आ जाने का भरोसा और इस साल कंपनियों की आय में 25 फीसदी से ज्यादा वृद्धि के संकेत। यह सारा कुछ कोराऔरऔर भी

कल डाउ एस एंड पी ने वित्त वर्ष 2010-11 में आय का अनुमान 30 फीसदी बढ़ा दिया जो साफ तौर पर इस बात का संकेत है कि अमेरिकी बाजार में तेजी का दौर शुरू हो चुका है। यूरोप से तो विश्व अर्थव्यवस्था को कोई फर्क पड़नेवाला नहीं। भारत ने शानदार विकास के आंकड़े पेश कर दिए हैं। बड़े लोगों को ब्याज दर बढ़ने की आशंका सता रही है, जबकि यूरोप में क्या होगा, इससे हम परेशान होऔरऔर भी

इस सेटलमेंट में अब केवल एक दिन बचा है। लेकिन बाजार में और बढ़त आ सकती है केवल इसलिए कि अभी सौदों की स्थिति बहुत ही ज्यादा ओवरसोल्ड वाली है। कल का डर आपकी सोच के दरवाजे बंद कर देता है और आप एक अच्छा मौका गंवा देते हैं। वोलैटिलिटी सूचकांक, इंडिया वीआईएक्स का 20 फीसदी के सामान्य स्तर से एकबारगी 46 फीसदी पर पहुंच जाना ही दिखाता है कि बाजार पर किस हद तक डर छायाऔरऔर भी

अमेरिका में कंपनियों के नतीजे आने का दौर बीत गया और एस एंड पी इंडेक्स में शामिल कंपनियों की आय 17 फीसदी बढ़ी है, जबकि उम्मीद 14 फीसदी की ही थी। वहां बेरोजगारी की दर घटना शुरू हो गई है और हाउसिंग क्षेत्र में मांग बढ़ रही है। इस तरह अमेरिकी अर्थव्यवस्था उठान पर है और ग्रीस का संकट अमेरिका को आगे बढ़ने में मददगार होगा। भारतीय कंपनियों की भी आय अभी तक उम्मीद से बेहतर रहीऔरऔर भी

टाटा स्टील सोमवार को बीएसई में 536.20 रुपए और एनएसई में 536.35 रुपए पर बंद हुआ है। उसका टीटीएम ईपीएस या पिछले 12 महीनों की प्रति शेयर कमाई 48.96 रुपए है। इस आधार इस शेयर का मौजूदा पी/ई अनुपात 10.95 है। हालांकि बीएसई इसका पी/ई अनुपात 9.89 ही बताता है। दूसरी तरफ स्टील उद्योग की अन्य प्रमुख कंपनियों, स्टील अथॉरिटी का पी/ई अनुपात 14.08 और जेएसडब्ल्यू स्टील का 11.01 है। केवल इसी आधार पर देखें तो टाटाऔरऔर भी

“सिंगापुर निफ्टी सूचकांक (एसजीएक्स सीएनएक्स) 5105 पर। मंदड़िए अपने को साबित करने और दोहरी तलहटी बनाने के लिए निफ्टी को 5040 तक पहुंचाने की कोशिश करेंगे। बाजार की हर डुबकी का इस्तेमाल निचले भावों पर खरीद में करें। मजबूत भरोसे के अभाव के चलते मेटल शेयरों पर चोट की जानी पक्की है।” यह वो संदेश है जो हमने गुरुवार को बाजार खुलने से पहले जारी किया था। वैसे, अगर यह इक्विटी बाजार है तो इसमें दो तरहऔरऔर भी

बड़ी विचित्र बात है। निवेशक कभी-कभी बहुत डरे रहते हैं और कभी-कभी परले दर्जे की नादानी कर बैठते हैं। हमने गैल इंडिया, पोलारिस, निफ्टी व भारत फोर्ज को खरीदने की सिफारिश की और ये सभी शेयर उफान पर है। आरडीबी इंडस्ट्रीज की चर्चा अब सभी बिजनेस चैनल कर रहे हैं, जबकि इसे सबसे पहले हमने अपनी रिसर्च से खोजकर पेश किया था। सैंडुर में 732 रुपए के भाव पर ऊपरी सर्किट लगा हुआ है। यह भी हमारीऔरऔर भी

ब्याज दरों में मामूली बढोतरी हुई। बाजार ने इसे आसानी से पचा भी लिया क्योंकि मौद्रिक नीति से पहले ही गोल्डमैन सैक्स के मामले ने बाजार को करेक्शन का मौका दे दिया था। बाजार अब सामान्य हो चुका है और पटरी पर लौट आया है। रोलओवर कल से शुरू हो रहा है। हमने निफ्टी और गैल इंडिया में खरीद की सलाह दी थी और दोनों अच्छा रिटर्न दे चुके हैं। हमने निफ्टी में 5170 के स्तर परऔरऔर भी