भयंकर आंधी खर-पतवार से लेकर बड़े-बड़े पेड़ों तक को उड़ा ले जाती है। लेकिन वह उस सरपत का कुछ नहीं कर पाती जो नदी के किनारे गहरे धंसे मस्त भाव से लहराते रहते हैं। शेयर बाजार की बात करें तो जब दुनिया में हर तरफ संकट दिख रहा हो, तब उन कंपनियों का रुख करना चाहिए जो घरेलू खपत पर फलती-फूलती हों। जब सारे स्टॉक्स डूब रहे हों, तब उन स्टॉक्स का रुख करना चाहिए जो हताशाऔरऔर भी

दवा एक ऐसी चीज है जिस पर गरीब से गरीब आदमी भी खर्च करने में कोताही नहीं करता। इसीलिए दवा उद्योग लगातार बढ़ता रहता है। इस पर किसी भी तरह की मंदी की आंच नहीं आती। ऐसे में जमी-जमाई दवा कंपनियों में निवेश करना लंबे समय के लिए सुरक्षित और लाभप्रद माना जाता है। विविमेड लैब्स बीस सालों से ज्यादा पुरानी ऐसी ही कंपनी है। जुलाई 2005 में उसका पब्लिक इश्यू आया था जिसमें उसके दस रुपएऔरऔर भी

यूं तो हर मां को अपना काना बेटा भी सबसे खूबसूरत लगता है। लेकिन प्रवर्तक को अपनी कंपनी के बारे में ऐसा कोई भ्रम नहीं होता। असल में, प्रवर्तक से ज्यादा अपनी कंपनी की सही औकात कोई नहीं समझता। वह अंदर की सूचनाओं के आधार पर कोई खेल न कर दे, इसीलिए इनसाइडर ट्रेडिंग का नियम बना हुआ है। इसलिए प्रवर्तक अपनी कंपनी के शेयर जिस भाव पर खुद खरीद रहे हों या किसी और को बेचऔरऔर भी

गुजरात इंडस्ट्रीज पावर कंपनी लिमिटेड गुजरात सरकार की कंपनी है जिसने इसमें अपनी चार कंपनियों गुजरात स्टेट फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स, गुजरात एल्कलीज एंड केमिकल्स, गुजरात ऊर्जा विकास निगम और पेट्रोफिल्स को-ऑपरेटिव के जरिए इसकी 58.21 फीसदी इक्विटी ले रखी है। वित्त वर्ष 2010-11 में कंपनी की बिक्री 14.78 फीसदी बढ़कर 1077.95 करोड़ और शुद्ध लाभ 52.60 फीसदी बढ़कर 162.95 करोड़ रुपए हो गया। कंपनी ने दस रुपए अंकित मूल्य के शेयर पर 2.50 रुपए (25 फीसदी) लाभांशऔरऔर भी

यह खबर का ही प्रताप है कि कल जब बाजार एकदम फ्लैट रहा, तब भी अतुल ऑटो का शेयर 6.45 फीसदी बढ़कर बंद हुआ। हालांकि दिन में यह 7.91 फीसदी तक बढ़कर 133.05 रुपए पर पहुंच गया था। लेकिन बंद हुआ 131.25 रुपए पर। यह भी अजब संयोग है कि ठीक साल भर पहले आज ही के दिन 14 जून 2010 को अतुल ऑटो का शेयर अपने न्यूनतम स्तर 70.05 रुपए पर था। मान लें कि किसीऔरऔर भी

रॉयल ऑर्किड होटल्स ने अच्छे नतीजे घोषित किए तो क्या? उसकी अच्छी-खासी विस्तार योजनाएं हैं तो क्या? उसकी प्रति शेयर बुक वैल्यू 74.91 रुपए है तो क्या? कोई देखेगा नहीं, पूछेगा नहीं तो शेयर के भाव कैसे बढ़ेंगे! खिलाड़ियों की दिलचस्पी नहीं। रिटेल निवेशक डरे हुए हिरन की तरह बाजार से चौकड़ी मारकर भागे हुए हैं। इसलिए रॉयल ऑर्किड होटल्स में चंद हजार शेयरों का कारोबार होता है और भाव 75 रुपए के आसपास डोल रहा है।औरऔर भी