रॉयल ऑर्किड होटल्स से दूरी क्यों?

रॉयल ऑर्किड होटल्स ने अच्छे नतीजे घोषित किए तो क्या? उसकी अच्छी-खासी विस्तार योजनाएं हैं तो क्या? उसकी प्रति शेयर बुक वैल्यू 74.91 रुपए है तो क्या? कोई देखेगा नहीं, पूछेगा नहीं तो शेयर के भाव कैसे बढ़ेंगे! खिलाड़ियों की दिलचस्पी नहीं। रिटेल निवेशक डरे हुए हिरन की तरह बाजार से चौकड़ी मारकर भागे हुए हैं। इसलिए रॉयल ऑर्किड होटल्स में चंद हजार शेयरों का कारोबार होता है और भाव 75 रुपए के आसपास डोल रहा है। कल बीएसई (कोड – 532699) में इसके 6281 शेयरों का कारोबार हुआ और बंद भाव 75.50 रुपए रहा, जबकि एनएसई (कोड – ROHLTD) में हुआ वोल्यूम 13,851 शेयरो का था और शेयर बंद हुआ मामूली बढ़त के साथ 75.95 रुपए पर।

आईसीआईसीआई सिक्यूरिटीज ने 11 नवंबर को इस पर अपनी रिसर्च रिपोर्ट जारी की थी और कहा था कि यह अगले 9 से 12 महीनों में 94 रुपए तक जा सकता है। उससे एक दिन पहले इसका औसत भाव 79 रुपए था। इस तरह उसने इसमें 19 फीसदी रिटर्न की संभावना जताई थी। 11 नवंबर को तो यह शेयर बढ़कर 81.45 रुपए तक चला गया। लेकिन उसके बाद के चार कारोबारी सत्रों में गिरा है। केवल एक कारोबारी सत्र, यानी कल जरा-सा बढ़ा है। निवेशकों की दिलचस्पी न होने के कारण इस दौरान उसमें वोल्यूम भी घटता गया है।

शायद इसी स्थिति से निपटने के लिए प्रवर्तक अपने शेयरों में वोल्यूम का स्वांग रचवाते हैं। समस्या का असली निदान तो हमारे-आप जैसे रिटेल निवेशकों का बाजार में आना है। लेकिन भरोसा जमे बगैर हम अपनी गाढ़ी बचत शेयरों में लगाएं भी तो कैसे? खैर, यह लंबी समस्या है और बहुत सारे पहलू इससे जुड़े हुए हैं। किसी के पास कोई जादू की छड़ी नहीं है जो इसे रातोंरात सुलझा दे।

जैसा कि नाम से जाहिर है रॉयल ऑर्किड होटल्स होटल चलाती है। उसने 1973 में शुरुआत बैंगलोर में एक होटल से की थी। आज उसके पास आठ प्रमुख शहरों (बैंगलोर, मैसूर, पुणे, जयपुर, अहमदाबाद, गोवा, नवी मुंबई और होस्पेट-कर्णाटक) में 14 बिजनेस व लक्जरी होटल हैं। कंपनी नवी मुंबई में विस्तार कर रही है, जबकि हैदराबाद में नया होटल बनाने की प्रक्रिया में है। चालू वित्त वर्ष में सितंबर 2010 की तिमाही में उसकी आय 34.3 करोड़ रुपए रही है जो साल भर पहले की इसी अवधि की आय 26.5 करोड़ रुपए से 29.6 फीसदी ज्यादा है। इस दौरान उसका शुद्ध लाभ 60 लाख रुपए की तुलना में करीब तीन गुना 2.03 करोड़ रुपए हो गया है।

कंपनी का ठीक पिछले बारह महीनों (टीटीएम) का ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) 3.65 रुपए है और उसका शेयर 20.68 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। लेकिन आईसीआईसीआई सिक्यूरिटीज ने EV/EBITDA (इंटरप्राइज वैल्यू/ब्याज, कर, मूल्य-ह्रास व अमॉर्टिजाइशेन पूर्व लाभ) को आधार बनाया है। उसका कहना है कि रॉयल ऑर्किड का शेयर इस समय वित्त वर्ष 2010-11 के अनुमानित लाभ को देखते हुए 11.2 और वित्त वर्ष 2011-12 के 10.3 EV/EBITDA पर ट्रेड हो रहा है। वित्त वर्ष 2011-12 में इस अनुपात को 11 भी माना जाए तो अप्रैल-मई 2011 तक इसके शेयर का भाव 94 रुपए होना चाहिए।

कंपनी की इक्विटी अभी 27.23 करोड़ रुपए है जो दस रुपए अंकित मूल्य के शेयरों में विभाजित है। इसका 69.52 फीसदी हिस्सा प्रवर्तकों के पास है, जबकि एफआईआई के पास उसके मात्र 0.02 फीसदी और डीआईआई के पास 7.86 फीसदी शेयर हैं। अंत में बस इतना कि रॉयल ऑर्किड होटल्स संभावनामय कंपनी है। एकदम लक्ष्य बनाकर धंधा करती है। इसका अंदाजा उसके होटलों की लोकेशन से लगाया जा सकता है। इसलिए इसमें लंबे समय का निवेश फलदायी हो सकता है।

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