दवा एक ऐसी चीज है जिस पर गरीब से गरीब आदमी भी खर्च करने में कोताही नहीं करता। इसीलिए दवा उद्योग लगातार बढ़ता रहता है। इस पर किसी भी तरह की मंदी की आंच नहीं आती। ऐसे में जमी-जमाई दवा कंपनियों में निवेश करना लंबे समय के लिए सुरक्षित और लाभप्रद माना जाता है। विविमेड लैब्स बीस सालों से ज्यादा पुरानी ऐसी ही कंपनी है। जुलाई 2005 में उसका पब्लिक इश्यू आया था जिसमें उसके दस रुपए अंकित मूल्य के शेयर 70 रुपए पर जारी किए गए थे। इसके निवेशक अब यकीनन खुश होंगे क्योंकि उनका शेयर पिछले साल 23 सितंबर 2010 को 350.90 रुपए तक जा चुका है।
विविमेड का शेयर कल बीएसई (कोड – 532660) में 255.65 रुपए और एनएसई (कोड – VIVIMEDLAB) में 255.90 रुपए पर बंद हुआ है। ठीक एक महीने पहले 13 अगस्त को कंपनी ने जून 2011 की तिमाही के नतीजे घोषित किए थे जिसके मुताबिक चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में उसकी बिक्री 91.54 फीसदी बढ़कर 103.95 करोड़ रुपए और शुद्ध लाभ 71.16 फीसदी बढ़कर 10.80 करोड़ रुपए हो गया है। लेकिन इसके बावजूद इस एक महीने में कंपनी का शेयर करीब 12 फीसदी गिर गया है। 16 अगस्त को 289 रुपए पर था, जबकि कल नीचे में 253.70 रुपए तक गया है।
कंपनी ने बीते वित्त वर्ष 2010-11 में 310.10 करोड़ रुपए की बिक्री पर 27.76 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया था और उसका सालाना ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) 23.82 रुपए था। जून 2011 के नतीजों के बाद उसका ठीक पिछले बारह महीनों (टीटीएम) का ईपीएस कंसोलिडेटेड आधार पर 48.44 रुपए और स्टैंड एलोन आधार पर 30.41 रुपए है। इनके मद्देनजर उसका शेयर इस समय क्रमशः 5.3 और 8.4 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। जाहिर है इसमें बेधड़क निवेश कर देना चाहिए, कम से कम पांच साल के नजरिए के साथ।
हैदराबाद की इस कंपनी के इरादे बुलंद हैं। कल ही उसने फार्मा व न्यूट्रास्यूटिकल फॉर्मूलेशन को बनाने व बेचने में लगी कंपनी ओक्टान्टिस नोबेल लैब्स का अधिग्रहण 60 फीसदी इक्विटी खरीदकर करने का एलान किया है। इससे उसे देश में फार्मा रिटेल के धंधे में भी घुसने का आधार मिल जाएगा। बता दें कि विविमेड लैब्स दवाओं व क्रैम (कांट्रैक्ट रिसर्च एंड मैन्यूफैक्चरिंग) के साथ ऐसे स्पेशियलटी केमिकल्स के धंधे में लगी है जिनका इस्तेमाल परसनल केयर व कॉस्मेटिक्स उद्योग में होता है। चीन समेत यूरोप व अमेरिका जैसे दुनिया के 50 देशों के उपभोक्ताओं तक उसकी पहुंच है।
कंपनी ने हाल ही में विस्तार की एक व्यापक योजना बनाई है। इसके तहत वह बीदर (कर्नाटक) व बोंतापल्ली (आंध्र प्रदेश) की मौजूदा इकाइयों की क्षमता बढ़ाएगा और आंध्र प्रदेश में चौटूप्पल व श्रीकाकुलम के एसईजेड में दो नई इकाइयां लगाएगी। विस्तार परियोजना की अनुमानित लागत 195 करोड़ रुपए है जिसमें से 70 करोड़ रुपए (1.5 करोड़ डॉलर) लगाने की पेशकश विश्व बैंक से जुड़ी वित्तीय संस्था अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) ने की है।
बात लंबी करने के क्या फायदा। थोड़े में यही कहना है कि विविमेड में काफी संभावनाएं हैं। देश के दवा बाजार में भी काफी संभावनाएं हैं। आईकॉन मार्केटिंग कंसल्टेंट्स (आईएमसी) की एक ताजा अध्ययन रिपोर्ट के अनुसार भारत का दवा बाजार वर्ष 2020 तक दुनिया के शीर्ष पांच बाजारों में शामिल हो जाएगा। आईएमसी के संस्थापक और प्रधान सलाहकार एजाज मोतीवाला का कहना है कि भारतीय अपनी कुल आमदनी का करीब एक फीसदी खर्च करते हैं। वर्ष 2020 तक प्रति व्यक्ति आय बढ़ने से उनका दवा पर खर्च तीन गुना तक बढ़कर करीब 33 डॉलर हो जाएगा। वर्ष 2020 तक देश के करीब 65 करोड़ लोगों के पास स्वास्थ्य बीमा होगा।
विविमेड लैब्स स्मॉल कैप कंपनी है। उसकी इक्विटी 10.16 करोड़ रुपए और बाजार पूंजीकरण 308.45 करोड़ रुपए है। इक्विटी में प्रवर्तकों की भागीदारी 49.84 फीसदी है, जबकि एफआईआई के पास उसके 4.07 फीसदी और डीआईआई के पास 2.59 फीसदी शेयर हैं। कंपनी बराबर कई सालों से लगातार लाभांश दे रही है। बीते साल के लिए उसने दस रुपए पर दो रुपए यानी 20 फीसदी लाभांश घोषित किया है जिसके देने की तिथि 28 सितंबर 2011 है। कंपनी के कुल शेयरधारकों की संख्या 9250 है। उसके बड़े शेयरधारकों में एमर्जिंग इंडिया फोकस फंड्स (4.07 फीसदी), डीएसपी ब्लैकरॉक (2.38 फीसदी) और रेलिगेयर सिक्यूरिटीज (1.02 फीसदी) शामिल हैं।
कंपनी ने हफ्ते भर पहले 7 सितंबर को हुई ईजीएम (असाधारण आमसभा) में दो बड़े संस्थागत निवेशकों को पकड़ने के फैसले का अनुमोदन कराया है। इसके तहत नाइलिम जैकब बैलास इंडिया फंड को 67 करोड़ रुपए के अनिवार्यतः परिवर्तनीय व क्यूमुलेटिव प्रेफरेंस शेयर (सीसीपीएस) दिए जाएंगे। इन्हें 315 रुपए के मूल्य पर 21,26,984 शेयरों में बदला जाएगा। वहीं, कपनी के 18.50 लाख शेयर मॉरीशस के फंड एनेक्स मैनेजमेंट सर्विसेज को 327 रुपए के मूल्य पर आवंटित किए जाएंगे।
इससे इतना तो साफ होता है कि जो शेयर अभी 255 रुपए पर है, उसकी कीमत बड़े निवेशकों की नजर में कम से कम 315 रुपए है। यानी, शेयर अपने अंतर्निहित मूल्य से करीब 19 फीसदी दबा हुआ है। इसे पलटकर बोलें तो अभी के निवेश पर इससे कम से कम 23.5 फीसदी रिटर्न पाया जा सकता है।