सरकार अगले साल जनवरी-फरवरी तक 2जी सेवा समेत स्पेक्ट्रम नीलामी की प्रक्रिया पूरी कर सकती है। यह बात वित्त सचिव आर एस गुजराल ने सोमवार को उद्योग संगठन सीआईआई द्वारा आयोजित एक समारोह में कही। गुजराल ने कहा ‘‘नीलामी कार्यक्रम के संबंध में दूरसंचार विभाग ने वित्त मंत्रालय को जो संकेत दिए हैं, उसके अनुसार यह प्रक्रिया अगले साल जनवरी-फरवरी तक पूरी हो जाएगी।’’ सुप्रीम कोर्ट ने 2 फरवरी 2012 को अपने निर्णय में दूरसंचार मंत्री एऔरऔर भी

देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का सबसे बड़ा स्रोत अब भी मॉरीशस बना हुआ है। चालू वित्त वर्ष 2011-12 में दिसंबर तक के नौ महीनों में आए 24.18 अरब डॉलर के एफडीआई में से 8.24 अरब डॉलर यानी करीब 34 फीसदी मॉरीशस से आया है। इसकी सबसे बड़ी वजह है कि मॉरीशस का पता दिखाने पर विदेशी कंपनियों को भारत से की गई कमाई पर टैक्स नहीं देना पड़ता। इसलिए एफडीआई के आंकड़ों से सही तस्वीरऔरऔर भी

रिजर्व बैंक भले ही मानता हो कि चालू वित्त वर्ष 2011-12 में देश की आर्थिक विकास दर 7 फीसदी रहेगी, लेकिन वित्त मंत्रालय के आर्थिक सलाहकार कौशिक बसु का कहना है कि यह 7 फीसदी से थोड़ी ज्यादा रहेगी। उन्होंने मंगलवार को यह आशा जताई। उनकी राय असल में पूरे वित्त मंत्रालय की राय है जिसका मानना है कि मार्च 2012 के अंत तक मुद्रास्फीति घटकर 6 से 7 फीसदी पर आ जाएगी। इस बीच सरकार नेऔरऔर भी

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आयकर विभाग को निर्देश दिया है कि वह ऐसे लोगों द्वारा किए गए निवेश, जमा और बड़े खर्चों की खासतौर पर जांच करे, जो आयकर नहीं देते या इन सौदों को करते वक्त जिन्होंने अपने पैन नंबर नहीं दिए हैं। निर्देश के मुताबिक आयकर विभाग इसके लिए 20 जनवरी से 20 मार्च तक विशेष अभियान चलाएगा। विशेष अभियान के तहत आकर अधिकारी बड़ी रकम का लेनदेन करने वालों के परिसरों काऔरऔर भी

आम बजट की तारीख का फैसला भले ही अब तक न हुआ हो, लेकिन उसकी उल्टी गिनती शुरू हो गई है। 2012-13 के बजट की तैयारी के सिलसिले में वि‍त्‍त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने बुधवार को कृषि क्षेत्र के नुमाइंदों के साथ मुलाकात की। यह बजट पर विचार-विमर्श के लिए की गई पहली बैठक थी। बैठक में वित्त मंत्री ने कहा कि कृषि हमारी कार्य-शक्ति के 58 फीसदी हिस्से को रोजगार देता है। यह आंकड़ा काफी अहमऔरऔर भी

वित्‍त मंत्रालय ने साफ किया है कि भले ही लघु बचत स्कीमों की ब्‍याज दर को हर साल समतुल्य परिपक्‍वता वाली सरकारी प्रतिभूतियों के साथ जोड़ दिया गया है, लेकिन पीपीएफ (पब्लिक प्रॉविडेंट फंड) को छोड़कर बाकी सभी स्कीमों में निवेश पर ब्याज दरें फिक्‍स रहेंगी, फ्लोटिंग नहीं। सरकारी प्रतिभूतियों की ब्याज दर को बस एक संदर्भ के रूप में लिया जाएगा। असल में मीडिया में इस तरह की खबरें आई थीं कि पहली दिसम्‍बर 2011 सेऔरऔर भी

सरकार की योजना है कि डाकखानों का इस्तेमाल उन इलाकों में बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराने की है, जो अभी तक इससे वंचित हैं। नए साल में इस योजना को अमली जामा पहनाए जाने की उम्मीद है। संचार मंत्रालय ने इस आशय का प्रस्ताव मंजूरी के लिए वित्त मंत्रालय के पास भेज दिया है। इस योजना के तहत 1.55 लाख डाकखानों से बैंकों का काम लेने का भी प्रस्ताव है ताकि ग्रामीण इलाकों में सरकार के वित्तीय समावेशऔरऔर भी

वित्त मंत्रालय कोई न कोई स्कीम चलाकर निवेशकों से सामूहिक रूप से धन जुटानेवाली कंपनियों पर नियंत्रण रखने के लिए अलग नियामक संस्था बनाने पर विचार कर रहा है। इसके दायरे में स्पीक एशिया जैसी कंपनियां भी आ जाएंगी जो किसी न किसी बहाने आम लोगों को लुभाती हैं और कानूनी कमियों को फायदा उठाकर उनका धन लेकर चंपत हो जाती है। ऐसा होने जाने पर सहारा समूह भी पहले की तरफ लोगों से धन नहीं जुटाऔरऔर भी

आपको याद होगा कि ठीक एक हफ्ते पहले 15 दिसंबर को वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार कौशिक बसु ने दावा किया था कि जनवरी के पहले हफ्ते तक खाद्य मुद्रास्फीति तीन फीसदी से नीचे आ जाएगी। लेकिन ये तो कमाल ही हो गया! दिसंबर के दूसरे हफ्ते में ही यह दो फीसदी से नीचे आ गई। गुरुवार को वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार, 10 दिसंबर को खत्म हफ्ते में खाद्य मुद्रास्फीति कीऔरऔर भी

सरकार देश में विदेशी पूंजी को खींचने के हरसंभव उपायों पर गौर कर रही है। यह कहना है वित्त मंत्रालय के एक उच्चाधिकारी का। उन्होंने उम्मीद जताई कि अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज ने जिस तरह भारत के स्थानीय व विदेशी मुद्रा बांडों की रेटिंग एक कर दी है, उससे देश से विदेशी पूंजी के बाहर निकलने के सिलसिले को थामने में मदद मिलेगी। बता दें कि बुधवार को मूडीज ने भारत के देशी व विदेशी बांडों कीऔरऔर भी