भारतीय मतदाता के दिल-दिमाग को झूठ और फरेब से भरे भावुक भाषणों से ही नहीं, कड़कते नोटों और जहरीले नशे से सम्मोहित करने का सिलसिला जारी है। चुनाव आयोग की तरफ से मिली आधिकारिक सूचना के मुताबिक 5 मार्च को आम चुनावों की घोषणा के बाद के तीन हफ्तों में देश भर से 190 करोड़ रुपए का कैश, 100 किलोग्राम हेरोइन और एक करोड़ लीटर शराब जब्त की गई है। यह सारा कुछ कारों, प्राइवेट विमानों, दूधऔरऔर भी

हम अक्सर प्रचलित मान्यताओं और प्रचार के शिकार हो जाते हैं। सच है कि जनधन का हर लुटेरा गलत है, चाहे वो राजनीतिक हो या चोर-डकैत। इस लूटे गए धन पर वह टैक्स देगा तो फंस जाएगा। ऐसी काली कमाई से निकला काला धन गलत है। लेकिन मान लीजिए कि हम फालतू झंझट से बचने से लिए अपनी मेहनत की कमाई पर टैक्स नहीं देते तो वह काला धन कैसे हो गया? कोई इलाका सरकार से बगावतऔरऔर भी

अपने यहां 20,000 रुपए की सीमा बड़ी चमत्कारिक है। उसे छूते ही कालाधन सफेद हो जाता है। अभी तक राजनीतिक पार्टियां चंदे की ज्यादातर रकम को इससे कम बताकर काले को सफेद करती रही हैं। अब सहाराश्री ने भी यही रास्ता अपना लिया है। सहारा समूह की दो कंपनियों की तरफ से जुटाए गए 24,000 करोड़ रुपए को लौटाने के बारे में पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी के चेयरमैन यू के सिन्हा ने अविश्वास जताया तो सहाराऔरऔर भी

जिस देश के खज़ाना मंत्री को यह न पता हो कि उसके 125 करोड़ निवासियों में से कितने करोड़पति हैं और वो इसके लिए अमीरों की सत्यवादिता पर भरोसा करता हो, उस देश के खज़ाने का भगवान ही मालिक है और तय है कि कर्ज पर उस देश की निर्भरता बढ़ती चली जानी है। दूसरे शब्दों में उसका राजकोषीय घाटा बढ़ते ही जाना है। फिर भी हमारे वित्त मंत्री या खज़ाना मंत्री पी चिदंबरम दावा करते हैंऔरऔर भी

जिस सरकार को आमतौर पर कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक आम आदमी के मानवाधिकारों की खास फिक्र नहीं रहती, उसे विदेश में काला धन रखनेवाले खास भारतीयों के मानवाधिकारों के उल्लंघन की भारी चिंता सता रही है। सोमवार को वित्त मंत्रालय की तरफ से कालेधन पर संसद में पेश श्वेतपत्र में कहा गया है कि सरकार ने दुनिया के जिन देशों के साथ दोहरा कराधान बचाव करार (डीटीएए) या कर सूचना विनिमय करार (टीआईईए) कर रखे हैं,औरऔर भी

यह बजट किसके लिए है? आम के लिए, खास के लिए या बाजार के लिए! अगर प्रतिक्रियाओं के लिहाज से देखा जाए तो इनमें से किसी के लिए भी नहीं। आम आदमी परेशान हैं कि उसे बमुश्किल से मुद्रास्फीति की मार के बराबर कर रियायत मिली है। खास लोगों को कहना था कि वित्त मंत्री को राजकोषीय मजबूती के लिए जो ठोस उपाय करने थे, वैसा कोई भी साहसिक कदम उन्होंने नहीं उठाया है। उन्होंने दस मेंऔरऔर भी

स्विटजरलैंड अपनी छवि सुधारने में जुट गया है। दुनिया भर में कालेधन के लिए स्वर्ग व करचोरों की पनाहगाह के रूप में मशहूर स्विटजरलैंड की सरकार ने अपने बैंकों से कालेधन पर निगाह रखने को कहा है। स्विस सरकार का दावा है कि उसके इस निर्देश से कालेधन के खिलाफ लड़ाई में भारत जैसे देशों को काफी मदद मिल सकती है। स्विस सरकार ने अपने बैंकों से कहा कि वह ग्राहकों की गोपनीयता शर्तों को तोड़े बिनाऔरऔर भी

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने विदशी बैंकों में अवैध रूप से जमा धन की खोज और वसूली के लिए कानून लागू करनेवाली अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ सहयोग की जरूरत पर जोर दिया है। सीबीआई के निदेशक ए पी सिंह ने शुक्रवार को दिल्ली में कहा, “बहुराष्ट्रीय स्तर पर भ्रष्ट गतिविधियों में संलिप्त अपराधियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए हमें हर स्तर पर एक दूसरे का सहयोग करने की जरूरत है। इसके लिए सभी कानून प्रर्वतनऔरऔर भी

सरकार ने तय किया है कि डोडे से अफीम बनाने का काम किसी कंपनी या कॉरपोरेट निकाय को दिया जाएगा। इससे भारत का सारी दुनिया को अफीम उत्‍पादों को सप्‍लाई करने का परांपरागत दर्जा बरकरार रहेगा और उसमें प्रतियोगिता भी आएगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को नशीले पदार्थौं से संबंधित नीति का अनुमोदन कर दिया। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में मादक द्रव्य एवं नशीले पदार्थ पर राष्ट्रीय नीति (एनडीपीएस) को मंजूरी दीऔरऔर भी

शेयर बाजार में आया आतंकवादी धन आखिर है कहां? मीडिया ने जब तीन साल पहले इस पर जमकर हल्ला मचाया था, तब क्यों नहीं इसकी तहकीकात की गई? अब अचानक आतंकवादी धन का मसला उछाल दिया गया जिससे भारतीय शेयर बाजार को करीब 600 अंकों का धक्का लग चुका है। क्या कोई इसके पीछे का कोई तर्क या तुक समझा सकता है? सबसे अहम बात यह है कि इसे तब उछाला गया है जब संसद में बहसऔरऔर भी