केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने विदशी बैंकों में अवैध रूप से जमा धन की खोज और वसूली के लिए कानून लागू करनेवाली अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ सहयोग की जरूरत पर जोर दिया है। सीबीआई के निदेशक ए पी सिंह ने शुक्रवार को दिल्ली में कहा, “बहुराष्ट्रीय स्तर पर भ्रष्ट गतिविधियों में संलिप्त अपराधियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए हमें हर स्तर पर एक दूसरे का सहयोग करने की जरूरत है। इसके लिए सभी कानून प्रर्वतन एजेंसियों के बीच और प्रभावी सहयोग की आवश्यकता है।”
सिंह ने कहा कि वैश्विक सहयोग से काले धन की जब्ती और अपराधियों का अभियोजन तेज व और प्रभावी होगा। वे भ्रष्टाचार निरोधक व संपत्ति वसूली पर इंटरपोल के पहले अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। इंटरपोल का यह अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है जिसमें चीन, फिलीपींस, थाईलैंड, सिंगापुर, श्रीलंका व इंडोनेशिया सहित 14 देशों के 38 प्रतिनिधि शामिल हुए।
सिंह ने कहा, “हमें यह स्वीकार करना होगा कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग दोतरफा रास्ता है और पारस्परिक स्तर पर किया जाता है।” बता दें कि सीबीआई निदेशक ने इसी सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए अनुमान व्यक्त किया था कि विदेशी बैंकों में भारतीयों का लगभग 24.5 लाख करोड़ (500 अरब डॉलर) कालाधन जमा है और स्विस बैंकों में सबसे ज्यादा अवैध धन भारतीयों का ही है। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया थाकि यह आंकड़ा कहां से आया।
इस आंकड़े की विश्वसनीयता को लेकर हर तरफ से सवाल उठे थे। स्विटजरलैंड के प्रतिनिधि ने भी इमे निराधार बताया है। मीडिया ने शुक्रवार को समारोह के दौरान सीबीआई निदेशक ए पी सिंह को घेरने की कोशिश की तो वे बात किए बगैर ही समारोह स्थल से निकल गए।