आप सभी से हमारी विनम्र गुजारिश है कि बाजार के तमाम मध्यवर्तियों की तरफ से बिना वजह किए जानेवाले डाउनग्रेड व अपग्रेड को लेकर बहुत चौकन्ने रहें। जैसे, बाजार कल और आज मूडीज द्वारा भारत की विदेशी मुद्रा रेटिंग को अपग्रेड करने पर बहक गया। हकीकत यह है कि भारत सरकार के बांडों की रेटिंग मूडीज ने पिछले महीने 20 दिसंबर को ही बढ़ा दी थी। इसलिए, रुपया जब पिछले छह महीनों में डॉलर के सापेक्ष करीब-करीबऔरऔर भी

निश्चित तौर पर बाजार इस समय खुद को जमा रहा है क्योंकि तमाम मिड कैप स्टॉक्स अब पलटकर उठने लगे हैं। निश्चित तौर पर बाजार इस समय खुद को जमा रहा है क्योंकि तमाम मिड कैप स्टॉक्स अब पलटकर उठने लगे हैं। साथ ही बहुत से मिड कैप व स्मॉल कैप स्टॉक्स भी काफी संभावना दिखा रहे हैं। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों (पीएसयू), फर्टिलाइजर और अब यहां तक कि चीनी जैसे क्षेत्रों में भी तेजी की दिपदिपऔरऔर भी

साल भर में करीब 25,500 करोड़ रुपए का धंधा। करीब डेढ़ लाख लोगों को सीधा रोजगार। अभी सितंबर तिमाही में करीब 7500 करोड़ रुपए की आय पर 1822 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ। मौजूदा बाजार पूंजीकरण 1.65 लाख करोड़ रुपए। इनफोसिस है तो देश की दूसरी सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर निर्यातक कंपनी। उसका नंबर टाटा समूह की कंपनी टीसीएस के बाद आता है जिसकी सालाना आय करीब 30,000 करोड़ और मौजूदा बाजार पूंजीकरण 2.34 लाख करोड़ रुपए है।औरऔर भी

इनफोसिस, एचडीएफसी बैंक, एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस और इंडिया इनफोलाइन जैसी 45 से ज्यादा कंपनियों में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की शेयरधारिता प्रवर्तकों से ज्यादा हो गई है। स्टॉक एक्सचेंजों के पास उपलब्ध सितंबर तक के आंकड़ों के मुताबिक इनफोसिस की इक्विटी में एफआईआई की हिस्सेदारी 36.66 फीसदी है, जबकि प्रवर्तकों की हिस्सेदारी उनसे 20.62 फीसदी कम 16.04 फीसदी ही है। इसी तरह एचडीएफसी बैंक में प्रवर्तकों की हिस्सेदारी 23.23 फीसदी है, जबकि एफआईआई का निवेश 29.30 फीसदीऔरऔर भी

बाजार में जबरदस्त चर्चा है कि मंदड़ियों ने कई दिग्गज स्टॉक्स को धूल चटाने की ठान ली है। उनके नए लक्ष्य जानकर आपका माथा चकरा जाएगा। वे इनफोसिस को 699 रुपए, रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) को 599 रुपए और एसबीआई को 899 रुपए पर पहुंचाने की ठान चुके हैं। जबकि इनफोसिस अभी 1755 रुपए, आरआईएल 745 रुपए और एसबीआई 1790 रुपए के आसपास चल रहा है। इससे आप मंदड़ियों का मंसूबा भांप सकते हैं। इसे भांपकर बहुत सेऔरऔर भी

ऑपरेटरों द्वारा संचालित स्टॉक्स की धुनाई का एक और दौर बाजार में साफ-साफ देखा जा सकता है। केएसके एनर्जी वेंचर्स और गति लिमिटेड इसी का शिकार बन गए लगते हैं। केएसके को 8.22 फीसदी तोड़कर 64.20 रुपए की नई तलहटी पर पहुंचा दिया गया, वहीं 20 फीसदी तोड़कर गति की भरपूर दुर्गति कर डाली गई। ऐसे में चुनिंदा स्टॉक्स तक सीमित रहना ही भला। देखें कि डिश टीवी और वीआईपी इंडस्ट्रीज में क्या हो रहा है? हमनेऔरऔर भी

जो अपरिहार्य था, जिसे होना ही था, आखिरकार वही हो रहा है। भारतीय बैंकिंग सेक्टर को मूडीज ने एसबीआई के नतीजों के बाद डाउनग्रेड किया तो उसके एक दिन बाद ही स्टैंडर्ड एंड पुअर्स (एस एंड पी) ने उसे अपग्रेड कर दिया। इससे कहीं न कहीं यह स्पष्ट संदेश मिलता है कि डाउनग्रेड और अपग्रेड करना ऐसे सिंडीकेट की चाल है जिसका मकसद भारतीय बाजार को अपने इशारों पर नचाना है। जो निवेशक भगवान मानकर ऐसा करनेवालों काऔरऔर भी

अमेरिकी बाजार के 300 अंक गिरने से हर किसी के मन में डर भर गया था कि बाजार आज भारी डुबकी लगाकर खुलेगा। सो, ट्रेडर शुरुआत में ही शॉर्ट हो गए। लेकिन जैसा कि मैंने आपको बताया था कि बाजार ने निफ्टी में 5210 के आसपास सहारा हासिल किया और बहुत तेजी से पलटकर 5300 तक जा पहुंचा। ट्रेडरों ने कभी इसकी कल्पना तक नहीं की थी। फिलहाल निफ्टी कमोबेश कल के बराबर ही रहा है। निफ्टीऔरऔर भी

स्तरीय स्टॉक्स का ग्रेड गिराने का दौर बीत रहा है और रेटिंग उठाने का दौर शुरू हो रहा है। एक प्रमुख एफआईआई ब्रोकिंग हाउस ने इनफोसिस को अपने आदर्श पोर्टफोलियो में शामिल किया है। कृपया याद करें कि हमने इनफोसिस में 3300 रुपए पर बेचने और 2200 पर खरीदने की कॉल दी थी। टॉप पर बेचने और बॉटम पर खरीदने की यह सलाह दर्शाती है कि हमें भारतीय बाजार से पैसा बनाने के लिए फिरंगियों से उल्टाऔरऔर भी

जीवन है तो जरूरतें हैं और जब तक जरूरतें हैं, तब तक उन्हें पूरा करने की इच्छा है। पढ़-लिख खूब बड़ा बनने की इच्छा। खूबसूरत दिखने की इच्छा। किसी दिन आसमान छूने की इच्छा। विदेश जाने की इच्छा। अपने घर के बाद हरे-भरे फार्महाउस में रहने की इच्छा। छोटी-छोटी इच्छाएं हैं तो बड़ी-बड़ी इच्छाएं हैं। खुश रहने की ख्वाहिश, धनवान बनने की इच्छा, राज करने की चाहत, ज्ञानवान बनने की तमन्ना। इन इच्छाओं को जो भी पूराऔरऔर भी