अचानक उल्लास और उत्साह के बीच आर्थिक मोर्चे से दो बुरी खबरें मिली हैं। जून महीने में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) की वृद्धि दर 13 महीनों के न्यूनतम स्तर 7.1 फीसदी पर पहुंच गई है। यह पिछले साल जून में आर्थिक सुस्ती के बावजूद 8.3 फीसदी थी। दूसरे, कुछ हफ्तों से इकाई में आ गई खाद्य मुद्रास्फीति की दर 31 जुलाई को खत्म सप्ताह में बढ़कर 11.4 फीसदी हो गई है। हालांकि इन दोनों ही नकारात्मक खबरोंऔरऔर भी

बीमा नियामक संस्था, आईआरडीए (इरडा) और पूंजी बाजार नियामक संस्था, सेबी के बीच यूलिप (यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस पॉलिसी) को लेकर मची जंग के पटाक्षेप के बाद अब बीमा कंपनियों के लिए संभवत: यूलिप का आकर्षण कम हो सकता है। लिहाजा अब वे यूनिवर्सल लाइफ पॉलिसी (यूएलपी) लाने की संभावनाएं तलाश कर रही हैं। एक उत्पाद में दो फायदे: यूएलपी दरअसल एक उत्पाद में दो प्रकार की पॉलिसियों के फायदे देती है। यह यूलिप व परंपरागत प्लान कीऔरऔर भी

कंपनी लॉ बोर्ड में 31 जुलाई 2010 तक 2688 मामले लंबित हैं। बोर्ड में नियमतः कुल नौ पद हैं जिसमें एक अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष और सात अन्य सदस्य हैं। लेकिन उपाध्यक्ष और दो सदस्यों का पद खाली पड़ा है। इस तरह व्यावहारिक रूप से अभी बोर्ड में अध्यक्ष और पांच सदस्य ही हैं। कॉरपोरेट कार्य मंत्री सलमान खुर्शीद के मुताबिक लंबित मामलों की वजह सीएलबी के रिक्त पद नहीं है। उनका कहना है कि एक उम्मीदवार कोऔरऔर भी

लॉयड इलेक्ट्रिक एंड इंजीनियरिंग (बीएसई कोड-517518) की प्रति शेयर बुक वैल्यू 136.15 रुपए है। लेकिन बाजार में दस रुपए अंकित मूल्य के उसके शेयर का ग्राफ नीचे ही नीचे जा रहा है। कल यह बीएसई में 3.07 फीसदी गिरकर 77.25 रुपए और एनएसई में 3.50 फीसदी गिरकर 77.10 रुपए पर बंद हुआ है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2009-10 में 680.81 करोड़ रुपए की आय पर 39.17 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया है और उसका सालाना ईपीएसऔरऔर भी

हम सांप को रस्सी न समझें, जो चीज जिस रूप में है, उसे उसी रूप में देखें – यह अवस्था हासिल करना ध्येय है हमारा। नहीं तो अपने पूर्वाग्रहों के चलते हम सच को नहीं देख पाएंगे और हकीकत हमें मुंह चिढ़ाती रहेगी।और भीऔर भी

सरकार रिजर्व बैंक के साथ इस मसले पर बातचीत कर रही है कि होम लोम को कैसे प्राकृतिक आपदाओं से होनेवाले नुकसान से बचाने के बीमा के साथ जोड़ा जा सकता है। बीमा नियामक संस्था, आईआरडीए (इरडा) के चेयरमैन जे हरिनाराणन ने बुधवार को दिल्ली में फिक्की द्वारा आयोजित सेमिनार में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि, “हम अब भी प्राकृतिक आपदाओं से व्यक्ति को बीमा देने का तरीका तलाशने में लगे हैं, लेकिन ऐसा कोई इकलौताऔरऔर भी

वित्त मंत्री ने इस साल 26 फरवरी को अपने बजट भाषण में नए बैंकों को लाइसेंस देने की बात कही थी, तभी से बाजार में कयास लगाए जाने लगे थे कि किस-किस कंपनी को बैंकिंग लाइसेंस मिल सकता है। इसके बाद रिजर्व बैंक ने 20 अप्रैल को सालाना मौद्रिक नीति में कहा कि वह जुलाई के अंत तक इस बारे में दिशानिर्देश जारी कर देगा। लेकिन जुलाई के बीत जाने के दस दिन बाद रिजर्व बैंक नेऔरऔर भी

वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी संभवतः अगले हफ्ते बुधवार, 18 अगस्त को माल व सेवा कर (जीएसटी) के लिए तैयार किए जा रहे संविधान संशोधन के नए मसौदे पर राज्यों के वित्त मंत्रियों की अधिकारप्राप्त समिति के साथ बैठक करेंगे। आधिकारिक सूत्रों ने समाचार एजेंसी को बताया कि संशोधित मसौदे में जीएसटी परिषद का ढांचा बदल दिया जाएगा। पिछले मसौदे को देखने के बाद राज्यों ने आपत्ति जताई दी थी कि इसमें केंद्रीय वित्त मंत्री को कराधान केऔरऔर भी

देश भर में छोटे ऑपरेटरों की संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। वे कुकुरमुत्तों की तरह उग रहे हैं। मुंबई में ही कम से कम 100 नए ऑपरेटर आ गए हैं। इसी के साथ वोल्यूम का धंधा चल निकला है। वैल्यूमार्ट जैसे मामूली शेयर जो कभी एक रुपए पर चल रहे थे, अब 11.50 रुपए के ऊपरी सर्किट तक चले गए हैं। फिर भी 25 लाख शेयरों तक के खरीदार सामने आ जाते हैं। कहानियां गढ़ीऔरऔर भी

देश में डायबिटीज के मरीजों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है। अंतरराष्ट्रीय डायबिटीज फेडरेशन के मुताबिक भारत में 1995 में डायबिटीज के 1.90 करोड़ मरीज थे। 2007 में यह संख्या 4.09 करोड़ हुई और इस साल 2010 में 5.08 करोड़ हो जाने का अनुमान है। चेन्नई के एमवी हॉस्टिपल के ताजा अध्ययन के अनुसार डायबिटीज का हर मरीज साल भर में इसके इलाज पर 25,931 रुपए खर्च करता है यानी सभी मरीजों का सालाना खर्चऔरऔर भी