प्रधानमंत्री और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को प्रस्तावित लोकपाल विधेयक के दायरे से बाहर रखे जाने संबंधी बयान से पलटते हुए योगगुरु बाबा रामदेव ने कहा कि उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया। वह शनिवार, 4 जून से दिल्ली में भ्रष्टाचार व काले धन के खिलाफ आंदोलन पर कायम हैं। बता दें कि कल के बयान के बाद अटकलें लगाई जा रही थी कि सरकार अण्णा हजारे के खिलाफ बाबा रामदेव का इस्तेमाल करने में कामयाब हो गई है।
बाबा रामदेव ने मंगलवार को उज्जैन (मध्य प्रदेश) में अपनी एक लाख किलोमीटर की भारत स्वाभिमान यात्रा के समापन के अवसर पर संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि उन्होंने यह कभी नहीं कहा कि प्रधानमंत्री और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को प्रस्तावित लोकपाल विधेयक के दायरे में नहीं लाया जाना चाहिए।
हालांकि, उन्होंने कहा कि लोगों में चर्चा हैं कि प्रधानमंत्री और भारत के मुख्य न्यायाधीश को लोकपाल विधेयक के दायरे से मुक्त रखा जाना चाहिए। बाबा रामदेव ने कहा कि प्रधान मंत्री और मुख्य न्यायाधीश को प्रस्तावित लोकपाल विधेयक के दायरे से बाहर रखने संबंधी बयान उनकी निजी राय नहीं है।