हफ्ते का पहला दिन कारोबारियों के लिए बेहद बोरिंग रहा। निफ्टी में किसी तरह का कोई उत्साह नहीं नजर आया, जबकि मुद्रास्फीति का मसला ऐसे मोड़ पर है जहां उसे प्रतिक्रिया करनी चाहिए। हमारा मानना था कि निफ्टी 5136 का स्तर पार करने के बाद अच्छी-खासी चमक दिखाएगा क्योंकि ज्यादातर कारोबारी मुद्रास्फीति के बढ़ने के बाद शॉर्ट सेलिंग कर चुके हैं। यहां तक कि वे रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) में शॉर्ट हैं क्योंकि इस सेटलमेंट में इसका चार्टऔरऔर भी

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के आंकड़े उम्मीद से बेहतर रहे थे। फिर भी बाजार बढ़त के स्तर को बनाए नहीं रख सका। यह अजीब, मगर सच है। बाजार के साथ अक्सर ऐसा ही होता है कि अच्छी खबर का उतना असर उस पर नजर नहीं आता। खैर, बाजार के ऊपर बढ़ने का रुझान अभी थमा नहीं है। बल्कि, आईआईपी के अच्छे आंकड़े, एनएमडीसी के इश्यू का शांति से सब्सक्राइब हो जाना… सब यही दिखाता है कि बाजारऔरऔर भी

बाजार के ज्यादातर कारोबारी निफ्टी में शॉर्ट थे और टकटकी लगाए देख रहे थे कि कब स्क्रीन पर निफ्टी के लिए 5040 का अंक चमकता है। मेरी जिन भी 15-20 रिटेल प्रमुखों और दूसरे लोगों से बात हुई, सभी करेक्शन का इंतजार कर रहे थे। अभी हालत यह है कि या तो वे शॉर्ट हैं या 15 मार्च तक अग्रिम कर अदायगी के लिए बाजार से पैसे निकाल रहे हैं। कुछ तो यहां तक मानते हैं किऔरऔर भी

चार्ट की महिमा बघारनेवाले ज्यादातर टेक्निकल एनालिस्ट 14000 से 12000 की तलहटी खोजने में लगे रहे, लेकिन बीएसई सेंसेक्स आज 17000 की ऊंचाई तक जा पहुंचा। मैं आपका ध्यान पहले ही एलआईसी की उस टिप्पणी पर खींच चुका हूं, जिसमें मार्च के अंत तक सेंसेक्स के 17500 तक पहुंचने की इच्छा जताई गई थी। अभी हम मार्च की शुरुआत में हैं और सेंसेक्स 17000 पर पहुंच चुका है। 10 मार्च को एनएमडीसी का 200-300 अरब डॉलर काऔरऔर भी

शुक्रवार को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी सूचकांक 5000 का स्तर छूने के बाद आखिरी दस मिनट में 4950 से नीचे आ गया। यह वो स्तर था जहां मंदी की फितरत वाले कारोबारियों या मंदड़ियों को काफी हद तक यकीन था कि बिक्री के करार के सौदों को पूरा करने के लिए उन्हें खरीद की जरूरत नहीं है यानी वे शॉर्ट रह सकते हैं। महज एक मजा हुआ चालाक खिलाड़ी ऐसा था जो 4950 के ऊपर भीऔरऔर भी

अब तक के इतिहास में केवल वीपी सिंह ऐसे वित्त मंत्री रहे हैं जिन्होंने बाजार बंद रहने के दिन, शनिवार को बजट पेश किया था। इस बार का बजट भी इस मायने में पहला है कि इसके बाद लगातार तीन दिन की छुट्टियां पड़ रही हैं। शनिवार, रविवार और फिर सोमवार को होली। इसलिए हमारे माननीय वित्त मंत्री अपने बजट प्रस्तावों पर बाजार की पूरी प्रतिक्रिया जानने से तीन दिन तक महरूम रह जाएंगे। अमूमन बजट शेयरऔरऔर भी

औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के ताजा आंकड़े आ चुके हैं। दिसंबर में 16.8 फीसदी बढ़त के साथ इसने सोलह सालों का शिखर छू लिया है। भले ही यह छलांग वैश्विक मंदी के दौरान साल भर पहले इसी महीने में 0.2 फीसदी की गिरावट की तुलना में हो, लेकिन इसने हमारी अर्थव्यवस्था के पटरी पर लौट आने की पुष्टि कर दी है। सोमवार को बाजार खुलेगा तो इस खुशी का खुमार माहौल में छाया रहेगा। ऊपर से सोमवारऔरऔर भी