ग्लास के बरतनों में बोरोसिल का ब्रांड इतना बड़ा व स्थापित है कि उसके नाम से नकली माल तक बनता है। प्रयोगशालाओं से लेकर माइक्रोवेब तक के लिए बोरोसिल का ग्लास सबसे मुफीद माना जाता है। इसे बनाने वाली कंपनी बोरोसिल ग्लास वर्क्स का गठन 1962 में अमेरिकी कंपनी कॉर्निंग ग्लास के साथ मिलकर किया गया। बाद में अमेरिकी कंपनी अपनी हिस्सेदारी भारतीय प्रवर्तकों – गुजरात के खेरुका परिवार को बेचकर निकल गई। ब्रांड को देखकर आपकोऔरऔर भी

2008 से लेकर अब तक के तीन सालों में देश में 1,55,939 कंपनियां बंद हो चुकी हैं। इनमें से सबसे ज्यादा 35,154 कंपनियां महाराष्ट्र की हैं। इसके बाद 27,972 कंपनियां दिल्ली, 24,055 कंपनियां आंध्र प्रदेश, 19,106 कंपनियां तमिलनाडु और 11,776 कंपनियां गुजरात की हैं। इस तरह 1,18,063 यानी 75% से ज्यादा बंद कंपनियां इन पांच राज्यों की ही हैं। इस दौरान बिहार की 1534, मध्य प्रदेश की 1546, राजस्थान की 2160 और उत्तर प्रदेश की 5593 कंपनियोंऔरऔर भी

कुछ तो मजबूरियां रही होंगी, यूं ही कोई बेवफा नहीं होता। यूं ही बिना किसी बात पर कोई शेयर खाक नहीं होता। ऐसा तभी होता है जब लोग उसे बेचने पर उतारू हो जाएं। और, कोई यूं ही किसी शेयर को बेचने पर उतारू नहीं होता। उसके पीछे कुछ न कुछ ज्ञात-अज्ञात कारण, कुछ न कुछ स्वार्थ जरूर होता है। खासकर ऐसा जब किसी स्मॉल कैप कंपनी के साथ हो तो इन स्वार्थों की शिनाख्त जरूरी होऔरऔर भी

अमर रेमेडीज इमामी, निरमा व घडी डिटरजेंट जैसी देशी कंपनी है जो फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स (एफएमसीजी) के बाजार में हिंदुस्तान यूनिलीवर व कॉलगेट जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों को टक्कर देने की कोशिश में लगी है। इसकी शुरुआत 1984 में स्वामी औषधालय प्रा. लिमिटेड के रूप में हुई जिसने आयुर्वेदिक मेडिसिनल रिसर्च व डेवलपमेंट का बीड़ा उठाया। यहीं से उसका मौजूदा नाम निकला जो उसने 1995 से अपना रखा है। कंपनी के बारे में और जानने से पहलेऔरऔर भी

पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि निरमा इंडस्ट्रीज का भावनगर, गुजरात में प्रस्तावित सीमेंट संयंत्र पर्यावरण के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्र में स्थित है और इसे यहां से स्थानांतरित करना पड़ेगा। मंत्रालय ने एक हलफनाफा दायर करके सुप्रीम कोर्ट को बताया कि यह संयंत्र ए-जोन में स्थित है जहां मीठे पानी के स्रोत हैं। इसके अलावा मंत्रालय ने कहा कि विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट के अनुसार यह संयंत्र पर्यावरण के लिहाज सेऔरऔर भी

दुनिया में एक अरब डॉलर (लगभग 4500 करोड़ रुपए) से ज्यादा की संपत्ति वाले अमीरों की सूची में शामिल 55 भारतीयों में से 26 वैश्य समुदाय के हैं। वैश्य समुदाय भारत की आबादी का बमुश्किल एक फीसदी है। राज्यों के हिसाब से देखें तो 16 राजस्थानी और 13 गुजराती हैं। उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, व उड़ीसा से इस सूची में कोई नहीं है। सूची में 10 लोग दक्षिण भारत के हैं जिनमें से पांचऔरऔर भी

समुद्री किनारे के इलाकों में खतरे की रेखा या हैजार्ड लाइन को स्पष्ट करने के लिए सरकार एक निजी फर्म के साथ मिलकर गुजरात से लेकर पश्चिम बंगाल तक सात किलोमीटर चौड़ी तटीय पट्टी का डिजिटल नक्शा तैयार करने का फैसला किया है। इस तटीय पट्टी का पूरा क्षेत्रफल करीब 11,000 किलोमीटर होगा। बता दें कि हैजार्ड लाइन समुद्र के किनारे की वह पट्टी है जो समुद्र में जलस्तर बढ़ने, ऊंची लहरों के आने या जलवायु परिवर्तनऔरऔर भी

पिछले दो दशकों में देश में सबसे ज्यादा औद्योगिक निवेश प्रस्ताव महाराष्ट्र को मिले हैं। राज्य के आर्थिक सर्वेक्षण 2010-11 में दावा किया गया है कि अगस्त 1991 से अगस्त 2010 के बीच औद्योगिक निवेश प्रस्ताव पाने में महाराष्ट्र अन्य राज्यों से आगे रहा है। गुजरात दूसरे नंबर पर और तमिलनाडु तीसरे नंबर पर रहा है। यह सर्वेक्षण हाल में जारी किया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि उद्योगों के गंतव्य के रूप में राज्य केऔरऔर भी

अपने उद्योग विरोधी रुख के चलते आलोचनाओं के घेरे में रहने वाले पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने देश के तीन राज्यों में बाजार आधारित उत्सर्जन प्रणाली की प्रायोगिक परियोजना की शुरुआत करते हुए कहा कि सरकार उद्योग जगत के लिए बिना नियामकों के स्व-नियमन की व्यवस्था चाहती है। इस परियोजना में कार्बन क्रेडिट की ट्रेडिंग की व्यवस्था की गई है। रमेश ने राजधानी दिल्ली में गुजरात, महाराष्ट्र और तमिलनाड़ु के लिए इस प्रायोगिक परियोजना की औपचारिक शुरुआतऔरऔर भी

जिस तरह इंसान का हर वक्त एक जैसा नहीं होता, उसी तरह कंपनियों के साथ भी ऊंच-नीच चलती रहती है। सबेरो ऑर्गेनिक्स गुजरात लिमिटेड की दिसंबर तिमाही कतई अच्छी नहीं रही। उसकी बिक्री 109.41 करोड़ से 15.11 फीसदी घटकर 92.87 करोड़ और शुद्ध लाभ 10.25 करोड़ से 89.85 फीसदी घटकर 1.04 करोड़ रुपए रह गया। कंपनी ने ये नतीजे 14 फरवरी को घोषित किए थे। उसके बाद से इसका शेयर (बीएसई – 524446, एनएसई – SABERORGAN) 45.70औरऔर भी