पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि निरमा इंडस्ट्रीज का भावनगर, गुजरात में प्रस्तावित सीमेंट संयंत्र पर्यावरण के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्र में स्थित है और इसे यहां से स्थानांतरित करना पड़ेगा। मंत्रालय ने एक हलफनाफा दायर करके सुप्रीम कोर्ट को बताया कि यह संयंत्र ए-जोन में स्थित है जहां मीठे पानी के स्रोत हैं।
इसके अलावा मंत्रालय ने कहा कि विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट के अनुसार यह संयंत्र पर्यावरण के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्र में स्थित है और इसका निर्माण रोक दिया जाना चाहिए। मंत्रालय ने विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है।
हलफनामे पर विचार करने के बाद मुख्य न्यायाधीश एस एच कपाडिया की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने निरमा को वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के आदेश को उसके समक्ष अथवा हरित न्यायाधिकरण के समक्ष चुनौती देने का विकल्प दिया।
सुप्रीम कोर्ट कंपनी द्वारा वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की ओर से जारी काम रोको नोटिस को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई कर रहा था। इससे पहले कोर्ट ने कंपनी द्वारा भावनगर, गुजरात में प्रस्तावित सीमेंट संयंत्र वाली जगह की स्वतंत्र जांच कराने का आदेश दिया था।