खास देशी अंदाज अमर रेमेडीज का

अमर रेमेडीज इमामी, निरमा व घडी डिटरजेंट जैसी देशी कंपनी है जो फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स (एफएमसीजी) के बाजार में हिंदुस्तान यूनिलीवर व कॉलगेट जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों को टक्कर देने की कोशिश में लगी है। इसकी शुरुआत 1984 में स्वामी औषधालय प्रा. लिमिटेड के रूप में हुई जिसने आयुर्वेदिक मेडिसिनल रिसर्च व डेवलपमेंट का बीड़ा उठाया। यहीं से उसका मौजूदा नाम निकला जो उसने 1995 से अपना रखा है।

कंपनी के बारे में और जानने से पहले उसके शेयर का हाल जान लेते हैं। शुक्रवार को उसका शेयर बीएसई (कोड – 532664) में 3.33 फीसदी बढ़कर 113.30 रुपए और एनएसई (कोड – AMAR) में 3.28 फीसदी बढ़कर 113.45 रुपए पर बंद हुआ है। बी ग्रुप के इस शेयर में तरलता या लिक्विडिटी अच्छी-खासी है। शुक्रवार को बीएसई में इसके 2.26 लाख शेयरों के सौदे हुए जिसमें से 20.67 फीसदी डिलीवरी के लिए थे। वहीं एनएसई में इसके 2.64 लाख शेयरों का कारोबार हुआ जिसमें से 22.60 फीसदी डिलीवरी के लिए थे।

कंपनी का वित्त वर्ष जुलाई से जून तक का है। हाल ही में उसने मार्च 2011 में खत्म तीसरी तिमाही के नतीजे घोषित किए गए हैं। इनके मुताबिक साल भर पहले की तुलना में उसकी बिक्री 21.91 फीसदी बढ़कर 145.45 करोड़ और शुद्ध लाभ 10.97 फीसदी बढ़कर 9.71 करोड़ रुपए हो गया है। पिछले वित्त वर्ष 2009-10 में उसने 472.40 करोड़ रुपए की बिक्री पर 32.25 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमाया था, जबकि 2010-11 के नौ महीनों में ही वह 421.31 करोड़ रुपए की बिक्री पर 28.04 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ कमा चुकी है। पिछले तीन सालों में कंपनी की बिक्री 32.72 फीसदी और लाभ 23.70 फीसदी की चक्रवृद्धि दर से बढ़ा है। कंपनी का रिटर्न ऑन इक्विटी या नेटवर्थ 19.78 फीसदी है।

कंपनी का ठीक पिछले बारह महीनों (टीटीएम) का ईपीएस (प्रति शेयर लाभ) अभी 14.14 रुपए है और इस तरह उसका शेयर 8.01 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हो रहा है। कंपनी पिछले दो सालों से कम ही सही, लेकिन 10 रुपए अंकित मूल्य के शेयर पर 1 रुपए यानी 10 फीसदी का लाभांश देती रही है। यह उसकी लाभप्रदता और मजबूती को दिखाता है। कंपनी की कुल इक्विटी 26.16 करोड़ रुपए है। इसका 59.96 फीसदी हिस्सा पब्लिक के पास है, जबकि 40.04 फीसदी हिस्सा प्रवर्तकों के पास है। पब्लिक के हिस्से में एफआईआई के पास 6.55 फीसदी और डीआईआई के पास 1.45 फीसदी शेयर हैं। इन दोनों ने पिछली एक तिमाही में कंपनी में अपना निवेश बढ़ाया है। दिसंबर 2010 की तिमाही में एफआईआई का हिस्सा 5.72 फीसदी और डीआईआई का हिस्सा 1.18 फीसदी था।

एक नकारात्मक पहलू यह दिखता है कि प्रवर्तकों ने अपनी हिस्सेदारी का 78 फीसदी हिस्सा (कंपनी की कुल इक्विटी का 31.23 फीसदी) गिरवी रखा हुआ है। हालांकि कंपनी के ऊपर ज्यादा कर्ज नहीं है क्योंकि आंकड़ों के अनुसार उसका ऋण-इक्विटी अनुपात एक से कम 0.64 है। कंपनी के पास 153.63 करोड़ रुपए के रिजर्व हैं जिसके आधार पर उसके शेयर की बुक वैल्यू 68.89 रुपए निकलती है। इस तरह उसका शेयर बुक वैल्यू से 1.65 गुने भाव पर ट्रेड हो रहा है जिसे निवेश के लिए माफिक माना जाएगा।

अतीत की बात करें तो इसका शेयर पिछले साल भर में ज्यादा से ज्यादा 14.61 के पी/ई अनुपात पर ट्रेड हुआ है। यह स्तर इसने 11 नवंबर 2011 को हासिल किया था जब उसका शेयर 171 रुपए पर चला गया था। शेयर का न्यूनतम स्तर 59.60 रुपए का है जो इसने ठीक साल भर पहले 21 मई 2010 को हासिल किया था। इस तरह बीते साल भर में यह अब तक 90.35 फीसदी का रिटर्न दे चुका है। यह अगले साल भर में 50 फीसदी का रिटर्न दे सकता है क्योंकि अगर हम 12 का भी पी/ई अनुपात पकड़ते हैं तो इसका मूल्य 170 रुपए तक चला जाता है।

कंपनी ने अपना पहला संयंत्र सूरत (गुजरात) में लगाया था। उसका टूथपेस्ट अमर ब्रांड नाम से आता है। यह खास मायने में अनोखा उत्पाद है। असल में कॉलगेट जैसी तमाम कंपनियां टूथपेस्ट में जिलेटिन का इस्तेमाल करती हैं जो जानवरों से बनने के कारण नॉन-वेजिटेरियन है। अमर रेमेडीज ने जिलेटिन-मुक्त टूथपेस्थ बनाकर देश के बहुत बड़े समुदाय की जरूरत को पूरा कर दिया। कंपनी ने इस पहले वेजिटेरियन टूथपेस्थ को 1991 में गुजरात में लांच किया और वो देखते ही देखते काफी लोकप्रिय हो गया।

बाद में कंपनी ने 2001 में दमन में नया संयंत्र लगा लिया। धीर-धीरे वह अपना दायरा बढ़ाती गई। इस समय उसके 25 से ज्यादा ब्रांड हैं। वह अपने उत्पाद दुबई, पनामा, नाइजीरिया, घाना, सुडान और तंजानिया जैसे विकासशील देशों को निर्यात करती है। कंपनी को अपने 25 आयुर्वेदिक व हर्बल उत्पादों के लिए अमेरिका की संस्था एफडीए का अनुमोदन मिला हुआ है।

कंपनी अपना तीसरा संयंत्र देहरादून (उत्तराखंड) में लगा रही है। कंपनी के निदेशक बोर्ड ने तय किया है कि निकट भविष्य में 6 करोड़ डॉलर का क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशन बायर्स (क्यूआईबी) यानी संस्थागत निवेशकों से जुटाए जाएंगे। इसके लिए शेयर, बांड या डिबेंचर जारी किए जा सकते हैं। जाहिर है कि अमर रेमेडीज के काउंटर पर इधर बराबर सक्रियता बनी रहेगी। इसे मौजूदा स्तर पर कम से कम साल भर के नजरिए से खरीदा जा सकता है।

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