छल्ले हैं बातों के, आंकड़ों की पैंतरेबाज़ी
निर्यात बढ़ेगा। अर्थव्यवस्था बढ़ रही है। आगे और भी तेज़ी से बढ़ेगी। महंगाई घटेगी। बेरोज़गारी है नही। है भी तो आगे कम हो जाएगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से लेकर सरकार के तमाम मंत्री ऐसे दावे और आंकड़े संसद से सड़क तक फेंकते रहते हैं। सच क्या है? कृषि क्षेत्र अर्थव्यवस्था को संभाले हुए हैं। लेकिन कॉरपोरेट क्षेत्र तमाम प्रोत्साहनों के बावजूद पूंजी निवेश नहीं कर रहा। वित्त वर्ष 2013-14 में कुल टैक्स संग्रह में कॉरपोरेट टैक्सऔरऔर भी